अंतरराष्ट्रीय अपराधिक अदालत संबंधित बयान यानी अमरीका मानसिक बिमार होने के संकेत – रशिया की आलोचना

मास्को/वॉशिंग्टन/हेग – यूरोप की अंतरराष्ट्रीय अपराधिक अदालत (आईसीसी) ने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के नाम से गिरफ्तारी का वारंट जारी करने का ऐलान किया। पुतिन के विरोध में निकाले गए इस वारंट का अमरीका ने स्वागत किया है। अमरीका की इस भूमिका पर रशिया ने कड़ी आलोचना की है। अमरिकी नागरिकों के समावेश होनेवाले मामलों पर असहयोग करने की भूमिका अपना रहे अमरिकी प्रशासन ने रशिया विरोधी निर्णय को तुरंत ही अहमियत दी हैं। यह भूमिका यानी अमरीका ‘स्क्रिझोप्रेनिक’ मानसिक बिमार देश होने की पुष्टि करती हैं, ऐसें तीखें शब्दों में रशिया ने अमरीका को फटकार लगायी। 

मानसिक बिमाररशिया ने पिछले साल फ़रवरी महीने के अन्त में यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू किया था। इस अभियान के दौरान रशियन सेना ने किए हमले और अन्य गतिविधियों के लिए राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ज़िम्मेदार होने का आरोप अंतरराष्ट्रीय अपराधिक अदालत ने लगाया हैं। इसमें यूक्रेन से छोटे बच्चों को रशिया ले जाने के आरोप का भी समावेश हैं। रशिया विरोधी युद्ध अपराधों की जांच करने की मांग ३९ देशों ने की थी, ऐसी जानकारी ‘आईसीसी’ ने प्रदान की।

आपराधिक अदालत के निर्णय का अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने स्वागत किया है। पुतिन ने युद्ध अपराध किए हैं। अदालत का निर्णय काफी अहम और न्याय हैं, ऐसा बयान राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने किया। बायडेन के बयान पर अमरीका में रशिया के दूतावास की तीव्र प्रतिक्रिया सामने आयी हैं। अमरीका का बयान यानी यह देश मानसिक बिमार होने की बात दर्शाता हैं। सीर्फ अपने भू-राजनीतिक संबंध कायम रखने के लिए अमरीका यह भूमिका अपनाती दिख रही हैं। रशिया और अमरीका यह दोनों देश अपराधिक अदालत के अधिकारों को मंजूरी नहीं देते, यह अमरीका ठिक से जानती हैं, इन शब्दों में रशियन दूतावास ने अमरीका को फटकार लगाई। इससे पहले अमरीका ने अफ़गानिस्तान युद्ध के अपराधों की जांच रोक रखी थी और संबंधितों पर प्रतिबंध लगाए थे, इसकी याद भी रशिया ने इस अवसर पर ताज़ा की। 

रशिया के प्रवक्ता ने भी यह वारंट अस्वीकारार्ह होने का बयान किया। रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने गिरफ्तारी के वारंट का कागज कहां इस्तेमाल होता हैं, यह सभी जानते हैं, इन शब्दों में अपराधिक अदालत के निर्णय का मज़ाक बनाया। रशिया, अंतरराष्ट्रीय अपराधिक अदालत का सदस्य नहीं हैं और इसके निर्माण को भी रशिया ने मंजूरी नहीं दी हैं। इस वजह से वारंट जारी करने के बावजूद यह अदालत रशियन राष्ट्राध्यक्ष को गिरफ्तार नहीं कर सकती। लेकिन, राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के विदेश दौरों पर प्रतिबंध लग सकते हैं।

इस अदालत के सदस्य देशों में यह वारंट जारी होगा और इन देशों की पुतिन यात्रा करते हैं तो उस देश में उन्हें गिरफ्तार करने के आदेश दिए जा सकते हैं। लेकिन, इसपर अमल होने की संभावना नहीं हैं, ऐसा विचार विशेषज्ञ एवं विश्लेषकों ने रखा हैं। 

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