अमरीका और पश्चिमी देश भरोसेमंद साझेदार नहीं रहे हैं – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन

भरोसेमंद साझेदारमॉस्को/वॉशिंग्टन – पूर्वी यूरोप में हो रहे नाटो के विस्तार को रोकें, इसके लिए दिये प्रस्ताव पर समझौता होने की संभावना बहुत ही कम है, ऐसा बताकर, अमरीका समेत पश्चिमी देश अब भरोसेमंद नहीं रहे हैं, ऐसा आरोप रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने किया। युरोप में तनाव कम करने के लिए रशिया ने पश्चिमी देशों के साथ ‘सिक्युरिटी पैक्ट’ यानी सुरक्षा विषयक समझौते की तैयारी दर्शाई है। उसके लिए, पिछली सदी में ‘सोव्हिएत संघराज्य’ का भाग होनेवाले देशों को सदस्य बनाने से नाटो दूर रहें, ऐसी माँग रशिया ने की थी। लेकिन अमरीका और नाटो ने रशियन माँगें ठुकराई होकर, उस पर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने प्रतिक्रिया दी है।

भरोसेमंद साझेदाररशिया ने युक्रेन की सीमा के पास लगभग एक लाख जवान तैनात यह होने के दावे पिछले कुछ दिनों से लगातार सामने आ रहे हैं। इन दावों के साथ ही, रशिया की लष्करी गतिविधियों की जानकारी देने वाले फोटोग्राफ्स भी जारी हुए हैं। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने युक्रेन पर आक्रमण करने की पूरी तैयारी की होने की चेतावनी या युक्रेन तथा पश्चिमी देशों के अधिकारी और विश्लेषक दे रहे हैं। इससे पहले सन २०१४ में भी रशिया ने इसी प्रकार सेना तैनाती बढ़ाकर अचानक हमला किया था, इसकी याद भी दिलाई गई है।

इस बात को लेकर पश्चिमी देशों ने आक्रामक पैंतरा अपनाया होकर, रशिया को गंभीर परिणामों का एहसास करा दिया गया है। रशिया और पश्चिमी देशों में लगातार शाब्दिक मुठभेड़ें हो रहीं हैं और दोनों पक्ष एक-दूसरे को चेतावनियाँ-प्रतिचेतावनियाँ दे रहे हैं। रशियन राष्ट्राध्यक्ष का बयान इसी का भाग दिख रहा है। कुछ दिन पहले रसिया ने अमरीका और नाटो को एक प्रस्ताव दिया था। उसमें, नाटो की सदस्यता पर रहनेवाली मर्यादाओं समेत पूर्वी और मध्य युरोप में से लष्करी तैनाती हटाना और रशियन सीमा के पास युद्धाभ्यास को रोकना इन जैसी माँगों का समावेश था। नाटो ने इन माँगों को मान्य करने से स्पष्ट शब्दों में इन्कार किया था। वहीं, अमरीका ने रशिया के साथ चर्चा करने की तैयारी होने के संकेत दिए थे।

भरोसेमंद साझेदारइस पर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने अपनी भूमिका स्पष्ट की। ‘रशिया दीर्घकालीन गारंटी चाहता है। लेकिन हम सब यह जानते हैं कि उनका विश्वास नहीं किया जा सकता। किसी अन्तर्राष्ट्रीय समझौते में जब दिलचस्पी नहीं रहती, तो अमरीका उससे बाहर निकलती है, यह हमने देखा है। अलग-अलग बहाने बनाकर, अपनी भूमि से हज़ारों किलोमीटर की दूरी पर होनेवाले भागों में अमरीका कार्रवाई करती है। संयुक्त राष्ट्र संगठन के प्रस्तावों और अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों को भी पैरों तले कुचला जाता है’, ऐसे शब्दों में रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने अमरीका को लक्ष्य किया। शीतयुद्ध में मिली विजय से हर्षवायु हुए पश्चिमी देशों ने नाटो का विस्तार तेज़ किया, ऐसा दावा भी पुतिन ने इस समय किया।

इसी बीच, अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने, अमरीका विभिन्न राजनीतिक माध्यमों से रशिया से चर्चा करने के लिए तैयार है, ऐसा कहा है। रशिया के विदेश नीति सलाहकार युरी उशाकोव्ह से हुई चर्चा के बाद सुलिवन ने यह जानकारी दी। इस चर्चा में, रशिया की गतिविधियों के बारे में पश्चिमी देशों को प्रतीत हो रही चिंता का भी समावेश होना चाहिए, ऐसा सुलिवन ने कहा है।

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