दक्षिण भारत में पहली बार हो रही है ‘सुखोई’ विमानों की तैनाती

तंजावर – भारतीय वायुसेना ने ‘सुखोई ३० एमकेआय’ विमान का स्क्वाड्रन तमिलनाडू के तंजावर हवाई अड्डे पर तैनात किया है| यह लडाकू विमान सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों से सज्जित है| दक्षिणी भारत में ‘सुखोई-३० एमकेआय’ विमानों की यह पहली बार तैनाती हो रही है| हिंद महासागर क्षेत्र में जारी चीन की हरकतें ध्यान में रखकर यह तैनाती हुई है, यह विश्‍लेषकों का कहना है| सुखोई विमानों पर तैनात यह ब्रह्मोस मिसाइल २९० किलोमीटर दूरी तक हमला करने की क्षमता रखते है|

देश के चीन ऑफ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपीन रावत, वायुसेना के प्रमुख एअर चीफ मार्शल ‘आरकेएस भदोरिया’ की मौजुदगी में ‘सुखोई ३० एमकेआय’ विमानों की यह तैनाती की गई| इस दौरान नौसेना के वरिष्ठ अफसर भी मौजुद थे| सुखोई के इस स्क्वाड्रन को ‘टायगरशार्क्स’ नाम दिया गया है| ‘टायगरशार्क्स’ यह वायुसेना का १२ वां स्क्वाड्रन है| इससे पहले ११ स्क्वाड्रन देश के पूर्वीय और पश्‍चिमी सीमा पर तैनात किए गए है|

‘सुखोई ३०-एमकेआय’ लडाकू विमान प्रतिघंटा २,४०० किलोमीटर गति से उडान भर सकते है| यह विमान किसी भी मौसम में एक ही समय पर हवाई, जमीनी हमलें करने की क्षमता रखते है| साथ ही यह विमान समुद्री क्षेत्र की मुहीम में भी कामयाबी हासिल कर सकते है| इसी वजह से इन लडाकू विमानों की तैनाती की वजह से देश की दक्षिणी हिस्से में भी वायुसेना की ताकत में बढोतरी हुई है|

पिछले कुछ महीनों से हिंद महासागर में चीन की हरकतों में बढोतरी हुई है| बडी योजना बनाकर चीन इस क्षेत्र में अपनी मौजुदगी बढा रहा है और इसके जरिए भारत को चुनौती देने की तैयारी कर रहा है| चीन की इन हरकतों पर भारत की कडी नजर होने की चेतावनी भारत के नौसेनाप्रमुख ने कुछ दिन पहले ही दी थी| साथ ही इसके लिए जरूरी सावधानी भी नौसेना बरत रही है, यह भी एडमिरल करमबीर सिंग ने कहा था|

इसी पृष्ठभूमि पर सुखोई विमान का यहां स्क्वाड्रन तैनात करना चीन के लिए संदेशा देनेवाला साबित हो रहा है| इन विमानों पर ब्राह्मोस जैसे प्रगत मिसाइल तैनात होने से हिंद महासागर में चीन की युद्धपोतों को खतरा बना है| अगले दौर में इस क्षेत्र में भारत को चुनौती देना उतना आसान नही रहेगा, यही बात इस तैनाती के साथ भारत ने चीन दो दिखाई है|

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