भारत की हवाई सीमा में चीन के हेलिकॉप्टरों की घुसपैठ; वायुसेना ने दिये जाँच के आदेश

नयी दिल्ली, दि. ४ : चीन के दोन लडाकू हेलिकॉप्टरों ने उत्तराखंड के चमोली क्षेत्र में, भारतीय सीमा में घुसपैंठ करते कुछ देर तक चक्कर लगाये, ऐसा सामने आया है| भारतीय वायुसेना ने इस घुसपैठ को गंभीरता से लेते हुए इसकी जाँच के आदेश दिये हैं| भारत ने फिलहाल चीन से सटे सीमावर्ती इलाके में बडे पैमाने पर मूलभूत सुविधाओं को काम शुरू किया है| पिछले हप्ते इस संदर्भ में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने चीन से सटी सीमा पर बसे राज्यों की खास बैठक बुलायी थी| उसी समय, राज्यों की ओर से भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया था| इसके बाद गृहमंत्री ने ‘इंडो तिबेटियन बॉर्डर पुलीस’ के (आयटीबीपी) जवानों को चीन की घुसपैठ से अधिक चौकंन्ना रहने की सूचना दी थी|

चीन के हेलिकॉप्टरों की घुसपैठभारत और चीन के बीच ३४८८ किलोमीटर लंबी सीमारेखा है| इसमें अरुणाचल प्रदेश समेत लडाक के कुछ हिस्सो पर चीन दावा जताते आया है| इसके अलावा उत्तराखंड में चमोली ज़िले में बाराहोती इलाके को भी चीन ‘विवादित’ मानता है| ८० चौरस किलोमीटर का यह हिस्सा उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी आता है| चीन द्वारा इस इलाके का उल्लेख ‘वू-जी’ किया जाता है|

शनिवार को बाराहोती इलाके में चीन के दोन हेलिकॉप्टरों ने घुसपैंठ की थी| चिनी हेलिकाप्टर्स भारतीय सीमा में तकरीबन साढ़ेचार किलोमीटर अंदर आए थे और लगभग पाच मिनट तक ये हेलिकॉप्टर भारतीय सीमा में चक्कर लगा रहे थे|

चमोली के बाराहोती क्षेत्र में चीन द्वारा घुसपैठ करने का यह पहला वाक़या नहीं है| इससे पहले सन २०१४ में चिनी विमानों ने बाराहोती में घुसपैंठ की थी| इसके बाद पिछले साल जुलाई महीने में चिनी सैनिको ने चमोली में घुसपैंठ करके तंबू गाड़े थे| इस इलाके में चिनी विमानों और हेलिकॉप्टर्स द्वारा भारत की हवाई सीमा का उल्लंघन किया जाना, यह बार बार हो रहा है| ऐसी घटनाओं के बाद, सीमारेखा अस्पष्ट होने के कारण घुसपैंठ हुई, ऐसा चीन की ओर से कहा जाता है|

शनिवार को इस इलाके में अपने मवेशी और भेड़ लेकर आए चरवाहों ने चीन सीमा से दो हेलिकॉप्टर्स आते हुए देखे थे और इसकी जानकारी अधिकारियों को दी थी| इसके बाद घुसपैठ होने की बात सामने आई थी| वायुसेना ने भी इस घटना की जाँच के आदेश दिए हैं| घुसपैंठ करनेवाले चीन के हेलिकॉप्टर्स ‘झेब्रा’ श्रेणी के लडाकू हेलिकॉप्टर्स थे|

पिछले कुछ समय से भारत और चीन के बीच का तनाव कई मुद्दों को लेकर बढ़ा है| उसी वक्त, सीमा क्षेत्र में पिछले तीन महिने में चीन द्वारा हवाई घुसपैंठ की जाने के चार मामले सामने आए हैं|

भारत ने चीन से सटे सीमा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विकासकार्य हाथ में लिये हैं| इनमें रेल और सड़क परियोजनाएँ शामिल हैं| भारत अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में, किसी भी प्रकार के मौसम में आवाजाही सुलभ हो सकें ऐसे ‘ऑल वेदर रोड’ का निर्माण कर रहा है| भारत के इन विकासकामों पर चीन की ओर से कई बार ऐतराज़ जताया गया है| लेकिन चीन के इस ऐतराज़ को दरकिनार करते हुए भारत फिलहाल बड़ी ही तेज़ी से इस इलाके में मूलभूत सुविधाओं का विकास कर रहा है| हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने, आसाम और अरुणाचल प्रदेश की दूरी कम करनेवाले, देश के सबसे लंबे पूल का लोकार्पण किया था| इस बात पर चीन को भारत को ‘एहतियाद बरतने की’ चतावनी दी थी| साथ ही, चीन की सीमा के पास भारत का ‘सुखोई’ लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था| इस विमान के अवशेष मिले हैं, लेकिन इस घटना की जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है|

चीन की चमोली इलाक़े की घुसपैठ, भारतीय सीमा में जारी विकासकामों पर निगरानी रखने के लिए होगी, ऐसी राय विश्लेषक ज़ाहिर कर रहे हैं| चीन ने भारतीय सीमा में निगरानी रखने के लिए मानवरहित विमान (युएव्ही) अपनी सीमा में तैनात किये हैं| साथ ही, अन्य आधुनिक टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल करते हुए चीन भारत की गतिविधियों पर नज़र रख रहा है, ऐसा जानकारों का कहना है|

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