पाकिस्तान के कराची बंदरगाह में चीन की परमाणु पनडुब्बी; भारत की रक्षाविषयक परेशानी बढ़ी

नई दिल्ली, दि. ६: पिछले साल के मई महीने में चिनी नौसेना की ‘टाईप ०९३ शँग क्लास’ परमाणु पनडुब्बी पाकिस्तान के कराची बंदरगाह में तैनात थी, ऐसी जानकारी सामने आयी है| इस तैनाती की वजह से भारतीय नौसेना की गतिविधियों का क़रीब से निरीक्षण करना चीन के लिए आसान हो रहा है, यह भारत के लिए चिंताजनक बात मानी जाती है| हिंद महासागर में भारतीय नौसेना के पारंपरिक प्रभाव को चुनौती देने की चीन लगातार कोशिश कर रहा होकर, कराची बंदरगाह में चीन की परमाणु पनडुब्बी की यह तैनाती भारत के लिए ख़तरे की घंटी मानी जा रही है|

Nuclear submarine

‘गुगल अर्थ’ ने चिनी पनडुब्बी की इस तैनाती के फोटोग्राफ्स जारी करने के बाद इस मामले में किसी भी प्रकार का शक प्रदर्शित करने को कुछ बचा ही नहीं| इससे पहले भी चीन ने, श्रीलंका के बंदरगाह पर अपनी परमाणु पनडुब्बी तैनात की थी| उसपर भारत ने कड़ा ऐतराज़ जताया था| उसके जवाब में चीन ने यह स्पष्टीकरण दिया था कि इस पनडुब्बी को समुद्री लुटेरों से निपटने के लिये मुहिम पर भेजा गया था| साथ ही, ‘भारत को इस मामले में ऐतराज़ जताने की कोई ज़रूरत नहीं है’ ऐसा दावा भी चीन ने किया था| लेकिन उसके पश्चात् श्रीलंका में चीनपरस्त सरकार बदल गयी और इस कारण, श्रीलंका के बंदरगाह का इस्तेमाल कर भारत को चुनौती देना चीन के लिए मुश्किल बन गया है| इसलिए चीन अपने सबसे क़रिबी सहयोगी देश पाकिस्तान का, हर संभव इस्तेमाल कर भारत को चुनौती दे रहा है|

कराची बंदरगाह में चीन की परमाणु पनडुब्बी की तैनाती की वजह से, भारत की सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हुई है, ऐसा दिख रहा है| ख़ासकर परमाणु इंधन पर चलनेवाली पनडुब्बियाँ लम्बे समय तक समुंदर में तैनात रहकर, दूसरे देशों की नौसेना की हरकतें आसानी से देख सकती हैं| इसी कारण, चीन की यह पनडुब्बी भारतीय नौसेना की गतिविधियाँ और रक्षाविषयक योजनाओं की जानकारी लेने की कोशिश कर सकती है, इस बात को मद्देनज़र रखते हुए भारत ने पनडुब्बीविरोधी युद्धअभ्यास को तथा पनडुब्बियों को ढूँढ निकालनेवाली यंत्रणा खरीदने को सबसे अधिक प्राथमिकता दी है| भारत-अमरीका और जापान इनके बीच के ‘मलाबार’ समुद्री युद्ध-अभ्यास में, पनडुब्बीविरोधी मुहिम पर ज़्यादा ध्यान केंद्रित किया जा रहा है| साथ ही, भारत ने अमरीका से पनडुब्बियों को लक्ष्य बनानेवाले ‘पी८-आय’ ये विमान खरीदे हैं| इसके लिए चीन की हरकतें ज़िम्मेदार मानी जा रही हैं|

पिछले महीने भारत के नौसेनाप्रमुख ऍडमिरल सुनील लान्बा ने, चिनी नौसेना के युद्धपोत और पनडुब्बियाँ पाकिस्तान के बंदरगाह पर तैनात हैं, यह जानकारी दी थी| उनकी गतिविधियों पर भारत कड़ी नज़र रखे हुए है, ऐसा ऍडमिरल लान्बा ने कहा था|

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