हंबनटोटा बंदरगाह के पास – श्रीलंका का हवाई अड्डा भारत के नियंत्रण में आएगा

कोलंबो: चीन को अपने कर्ज के चंगुल में फंसाये हुए श्रीलंका को अपने हंबनटोटा बंदरगाह चीन के हवाले करना पड़ा था। इस बंदरगाह पर चीन का कब्जा मतलब भारत के लिए चेतावनी होने की बात कही जा रही थी। पर उस बंदरगाह के पास होनेवाले मटाले राजपक्षे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नियंत्रण श्रीलंका ने भारत को सौंपने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। पिछले हफ्ते में श्रीलंका ने गाले के नौदल अड्डा हंबनटोटा में स्थानांतरित करने की बात घोषित की थी। उसके बाद भारत के साथ मटाले हवाई अड्डे के बारे में यह घोषणा करके श्रीलंका ने चीन को दूसरा झटका दिया है।

हंबनटोटा बंदरगाह, श्रीलंका, हवाई अड्डा, नियंत्रण, भारत, कोलंबो, चीनश्रीलंका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष महिंदा राजपक्षे उनके कार्यकाल में चीन ने हंबनटोटा एवं मटाले हवाई अड्डा विकसित किया था। पर चीन ने बढ़ते ब्याज दर में दिया कर्जा वापस करना संभव ना होने की वजह से श्रीलंका को हंबनटोटा बंदरगाह का कब्जा चीन की कंपनियों को देना पड़ा था। यह बंदरगाह अपनी सुरक्षा यंत्रणा तैनात करके इसका उपयोग नौदल की तरह करने की चीन की योजना थी। पर राजपक्षे इन के बाद श्रीलंका कि सत्ता पर आए हुए सिरीसेना इनके सरकार की वजह से चीन का यह षड्यंत्र असफल ठहरा है। इस बारे में भारत के लिए ठोस भूमिका के बाद श्रीलंका सरकार ने चीन के साथ किया करार में सुधार किया है और केवल चीनी कंपनियों को यह बंदरगाह माल परिवहन के लिए किराए पर दिया गया है। इस बंदरगाह की सुरक्षा श्रीलंका के कब्जे में ही रहने वाली है।

हंबनटोटा बंदरगाह चीन के कब्जे में देने के बाद इस बंदरगाह से पास होनेवाले मटाले हवाई अड्डा भारत को देखकर श्रीलंका संतुलन साधने की तैयारी में है। पिछले देढ वर्षों से दोनों देशों में इस बारे में चर्चा शुरू थी। भारत में इस हवाई अड्डे के नियंत्रण के लिए उत्सुकता दिखाई थी। इस हवाई अड्डे की क्षमता 10 लाखयात्री संभालने की है। फिर भी उसका उपयोग बहुत ही कम किया जाता है। पर यह हवाई अड्डा कब्जे में आने के बाद हंबनटोटा बंदरगाह पर चीन की गतिविधियों पर नजर रखना भारत के लिए आसान होने वाला है।

श्रीलंका ने यह हवाई अड्डा भारत को संयुक्त रुप से संभालने के लिए कब्जे मे देने की तैयारी दिखाई है और भारत ने इसके लिए मंजूरी दी है, ऐसा श्रीलंका के नागरिक उड्डयन मंत्री निमल श्रीपाला ने कहा है। इस हवाई अड्डे की वजह से २० अरब श्रीलंकन रुपयों का नुकसान सहना की जानकारी श्रीपाला ने बतायी है। तथा इस संबंधी करार का अंतिम स्वरूप देने का काम शुरू होने कि बात उन्होंने स्पष्ट की है।

पिछले हफ्ते में श्रीलंका के नैऋत्य दिशा में होनेवाले गाले में नौदल अड्डा हंबनटोटा के पास स्थानांतरित करने का निर्णय लिया था। यह निर्णय चीन के महत्वाकांक्षा को झटका देने वाला माना जा रहा है। इसकी वजह से हंबनटोटा में चीनी कंपनियों की गतिविधियों पर श्रीलंका नौदल की नजर है। इस निर्णय के बाद श्रीलंका ने मटाले हवाई अड्डे के बारे में की हुई घोषणा भारत की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

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