भारत-चीन सीमा पर परिस्थिति बिगड़ सकती है – रक्षा राज्यमंत्री का इशारा

नई दिल्ली : चीन की सीमा पर परिस्थिति संवेदनशील होकर वहां की परिस्थिति बिगड़ सकती है, ऐसा इशारा भारत के रक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष भामरे ने दिया है। तथा पड़ोसी देशों में परिस्थिति देखते हुए भारत की सुरक्षा के सामने आवाहन खड़े हैं, इसका एहसास रक्षा राज्यमंत्री ने दिलाया है। उस समय यह तनाव ना बिगड़े इसके लिए भारत प्रयत्न कर रहा है, ऐसा डॉ. भामरे ने कहा है। पिछले कई दिनों से चीन भारत पर सामरिक दबाव बढ़ाने की जोरदार तैयारी करते हुए, भारत के रक्षा राज्यमंत्री ने किया विधान ध्यान केंद्रित करने वाला है।

भारतीय लष्कर एवं एक अभ्यास गटने आयोजित किए परिसंवाद में रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे बोल रहे थे। भारत-चीन सीमा रेखा पर परिस्थिति संवेदनशील बनी है। वहां तनाव बढ़कर परिस्थिति अधिक बिगड़ने की गहरी आशंका है, इस पर डॉ. भामरे ने ध्यान केंद्रित किया है। सीमा भाग में भारत और चीन की सेना लगातार एक दूसरों के सामने रहना और चीनी सैनिकों की घुसपैठ की घटनाएं कुछ अंतर के सामने आ रही है। दोनों सेना एक दूसरों के सामने खड़े होते हुए परिस्थिति नियंत्रण के बाहर जाने की आशंका झुठलाई नहीं जा सकती। सीमारेखा पर अनेक बाते होती है, उसमे एक बात तनाव बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हो सकती है, ऐसा डॉ. भामरे ने कहा है।

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ऐसा होते हुए भी तनाव बढ़कर परिस्थिति ना बिगड़े इसके लिए भारत में प्रयत्न कर रहा है। इसके लिए भारत से सीमा भाग में आवश्यक होने वाले सारे उपाय योजना हाथ लिए जा रहे हैं, ऐसी जानकारी डॉ. भामरे ने दी है। चीन भारत के सीमा के नजदीक आक्रामक लष्कर की गतिविधियां शुरू होते हुए, रक्षा राज्यमंत्री ने दिया यह इशारा अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारत एवं चीन में फिर से ‘डोकलाम’ जैसा संघर्ष भड़क सकता है, ऐसा चीन के विश्लेषक ‘हू झियाँग’ ने हफ्ते पहले कहा था। उससे पहले चीन ने भारत से जुड़े सीमा भाग में अपनी हवाई सुरक्षा अधिक सक्षम करने का निर्णय लिया था।

भारत के निकटतम अपने सीमा भाग में चीन ने ‘जी-१०’ एवं ‘जी-११’ लड़ाकू विमान तैनात करने की घोषणा की थी। भारत से होने वाले खतरों का विचार करके चीन ने वहां की हवाई सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लेने का दावा एक चीनी अधिकारियों ने किया था। उसके बाद हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के छह विनाशीका का पथक दाखिल हुआ था। यह सारा चीन भारत पर सामाजिक दबाव बढ़ाने के लिए करने की बात स्पष्ट होती है।

पिछले वर्ष भारत एवं चीन में हुए ‘डोकलाम’ के विवाद में भारत ने स्वीकारी हुई ठोस भूमिका की वजह से चीन को गतिरोध किया गया था। उस समय चीन ने भारत को युद्ध की धमकियां देकर १९६५ वर्ष में हुए पराजय की अनेक बार याद दिलाई थी। पर भारत ने ‘डोकलाम’ के मामले में अत्यंत विश्वास से संभालकर इस विवाद में चीन को वापसी करनी पड़ी थी। चीन जैसा देश उसका बदला लेने के सिवाय नहीं रह सकता, ऐसा इशारा भारतीय विश्लेषकों से दिया जाता है।

उसके बाद के समय में चीनी सैनिकों ने भारत की सीमा में घुसपैठ करने का प्रयत्न किया था। पर भारतीय लष्कर की सतर्कता के वजह से यह प्रयत्न सफल हुए थे। पर चीन ने ‘डोकलाम’ मे भवन निर्माण करने के लिए तैयारी करने की खबरें लगातार सामने आ रही है। इस समय में चीनी लष्करी अधिकारी एवं विश्लेषक भारत को उजागर तौर पर धमकियां दे रहे थे। इस पृष्ठभूमि पर रक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष भामरे ने दिया इशारा चीन की आक्रामकता के बारे में स्पष्ट संकेत देने वाला है।

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