तेहरिक-ए-तालिबान के साथ संघर्षबंदी के कारण पाकिस्तान की आघाडी सरकार में दरार

इस्लामाबाद – अफगानिस्तान के पास वाली सीमा पर से संघर्ष मिटाने के लिए पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ ने तेहरिक-ए-तालिबान नामक आतंकी संघटना के साथ युद्धविराम लगू किया। पर पाकिस्तान के आतंकी हमले रोकने में भी युद्धविराम असफल रहा। कुछ घंटों पूर्व ही खैबर-पख्तूनख्वा में पाकिस्तानी पुलिस पर की गई गोलीबारी में दो की मौत हो गई। तो इस युद्धविराम के झटके पाकिस्तान की आघाडी सरकार को महसूस हो रहे हैं। शाहबाज शरीफ की सरकार में ही तेहरिक के साथ युद्धविराम पर टकराव हो रहे हैं।

पिछले महीने पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ ने ‘आयएसआय’ के पूर्व प्रमुख फैज़ हमीद ने तेहरिक-ए-तालिबान के नेताओं के साथ युद्धविराम के लिए भेजा था। तहरिक ने पाकिस्तान सरकार की मांग मानकर युद्धविराम लागू किया। पर इसके लिए तेहरिक के नेताओं ने पाकिस्तान सरकार को अपनी मांगें रखी थीं। पर पाकिस्तान सरकार ने इसका जवाब नहीं दिया है।

पर तेहरिक के साथ युद्धविराम लागू करने के बाद भी अफगान सीमा के पासवाले हिस्से में हिंसाचार और जवानों पर हमले नहीं रुके हैं, इस ओर पाकिस्तान के माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। युद्धविराम से पहले मई में आतंकी हमलों में 66 लोगों की जानें गईं थी। पर युद्धविराम लागू हुआ उसी जून के महीने में 102 लोग आतंकी हमलों में मारे गए। इन हमलों में सुरक्षा जवानों के मरने की संख्या दुगनी होने की बात पाकिस्तानी प्रशासन ने कही है।

ऐसे में तेहरिक ने पाकिस्तान सरकार को अपनी मांगों की याद दिलाई है। तथा, पाकिस्तान सरकार के साथ युद्धविराम भले ही कामयाब हो जाए फिर भी हम अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे, ऐसा तेहरिक के नेताओं ने दृढ़ता से कहा है। खैबर पख्तूख्वा और ‘फेडरली ऐडमिनिस्टर्ड ट्राइबल एरियाज़ – फाटा’ नामक प्रांग के विभाजन के मुद्दे पर हम अटल हैं, ऐसा तेहरिक के नेताओं ने घोषित किया था।

पाकिस्तान सरकार तेहरिक की ही मांग मानने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि, यदि ऐसा हुआ तो फाटा, वज़िरिस्तान नामक प्रांतों पर पाकिस्तान को पानी देना पडेगा। तथा आनेवाले दौर में तेहरिक पाकिस्तान के अन्य हिस्सों पर भी दावा कर सकता है, यह चिंता पाकिस्तान सरकार को सता रही है। इसी मुद्दे पर से ‘पाकिस्तान पीपल्स पार्टी’ नामक सत्ताधारी सरकार के राजनैतिक पक्ष ने प्रधान मंत्री शाहबाज़ शरीफ ने तेहरिक के साथ किए हुए युद्धविराम की टीका की है।

ऐसी स्थिति में पाकिस्तान सरकार ने तेहरिक के साथ युद्धविराम नहीं किया तो पाकिस्तान में बडे पैमाने पर हिंसाचार बढेगा, इसकी चिंता पाकिस्तानी माध्यम व्यक्त कर रहे हैं।

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