अफ़गानिस्तान में पाकिस्तान के हवाई हमलों के बाद तालिबान के भीतर हुए मतभेद सामने आए

काबुल – पाकिस्तान ने कुछ दिन पहले ही अफ़गानिस्तान में हवाई हमलें करके ४० लोगों को ढ़ेर किया?था| इसके बाद अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान का युद्ध छिड़ गया तो वह किसी के भी हित में नही रहेगा, ऐसा तालिबान ने धमकाया?था| अफ़गानिस्तान में हवाई हमलें करनेवाले पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी, ऐसी धमकी तालिबान के बड़े नेता और कमांडर्स दे रहे हैं| लेकिन, हक्कानी नेटवर्क जैसें पाकिस्तान समर्थक तालिबानी गुट ने इसपर संबंधित मुद्दे पर पाकिस्तान से चर्चा करके हल निकालने की भूमिका अपनायी हैं| इस वजह से वर्णित मुद्दे पर तालिबान के भीतर मतभेद बढ़ते दिख रहैं|

पिछले हफ्ते १६ अप्रैल के रोज पाकिस्तान की वायु सेना ने अफ़गानिस्तान के कुनार और खोस्त प्रांत में हवाई हमलें किए थे| ड्युरंड लाईन पार करके पाकिस्तानी सेना पर हमलें कर रहें तेहरिक ए तालिबान के आतंकियों के अफ़गानिस्तान में स्थित ठिकानों पर इस कार्रवाई के ज़रिये हमला किया, ऐसा दावा पाकिस्तान ने किया था| लेकिन, इस हमले में मारे गए ४० लोगों में अफ़गान महीला और बच्चों का समावेश था| पाकिस्तान की इस कार्रवाई पर अंतरराष्ट्रीय स्तर से आलोचना हुई थी|

इसी बीच तालिबान ने इन हमलों का गंभीर संज्ञान लेकर इसपर सवाल किया जाएगा, यह इशारा तालिबान का प्रवक्ता ज़बिउल्लाह मुजाहिद ने दिया था| इसके साथ ही इस हमले की वजह से दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ सकता हैं, ऐसा कहकर मुजाहिद ने सटिक शब्दों में पाकिस्तान को नतीजों का अहसास कराया था| इससे पहले ही अफ़गान जनता में पाकिस्तान को लेकर तीव्र संताप बना हैं| पिछले हफ्ते के इन हवाई हमलों के बाद अफ़गान जनता ने पाकिस्तान के विरोध मे प्रदर्शन किए| साथ ही पाकिस्तान को सबक सिखाने की मॉंग भी तालिबान के सामने रखी|

इस स्थिति में कुछ घंटे पहले ही तालिबान के वरिष्ठ नेताओं की विशेष बैठक हुई| इसमे तालिबानी हुकूमत का उप-प्रधानमंत्री मुल्ला घनी बरादर, रक्षामंत्री मुल्ला याकूब, उप-रक्षामंत्री मुल्ला फज़्ल और सेनाप्रमुख मौलवी फसिहुदद्दीन फितरत ने पाकिस्तान को जोरदार प्रत्युत्तर देने की मॉंग उठायी| लेकिन, हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख और तालिबानी हुकूमत के अंदरुनि सुरक्षा मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी एवं शिक्षामंत्री अब्दुल बाकी हक्कानी ने पाकिस्तान पर कार्रवाई करने की मॉंग का विरोध किया| इसके बज़ाय पाकिस्तान से चर्चा करने की सलाह हक्कानी ने दी|

पाकिस्तान की कुख्यात गुप्तचर यंत्रणा ‘आयएसआय’ के हाथ की कठपुतली होनेवाले हक्कानी नेटवर्क की इस भूमिका पर तालिबान के अन्य नेताओं ने आलोचना की| इससे पहले भी हक्कानी नेटवर्क ने ड्युरंड लाईन पर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ कार्रवाई करनेवाले तालिबानी कमांडर्स का निशेध किया था| इस वजह से तालिबान के वरिष्ठ नेतृत्व के बीच पाकिस्तान संबंधित नीति को लेकर मतभेद निर्माण होने की खबरें प्राप्त हो रही हैं|

इसी बीच तालिबान के भीतर बने मतभेद अफ़गानिस्तान की अस्थिरता बढ़ाएंगे, यह चिंता अमरिकी माध्यमों ने पहले ही जतायी थी| पाकिस्तान की नीति को लेकर तालिबान के भीतर बने मतभेद उनकी चिंता सच्चाई में उतरने लगी होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं|

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