तैवान के करीबी हवाई अड्डे पर चीन की गतिविधियों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी

बीजिंग/तैपेई – अमरीका में सत्ता परिवर्तन के बाद तैवान के खिलाफ धमकियों का सिलसिला शुरू करनेवाले चीन ने अपनी उकसानेवाली गतिविधियाँ तेज़ की हैं। तैवान से मात्र २०० किलोमीटर दूरी पर स्थित हवाईअड्डों पर चीन ने नए रनवेज और अन्य सुविधाओं का निर्माण करना शुरू किया होने की बात सामने आयी है। इन गतिविधियों के सैटेलाईट से प्राप्त हुए फोटो भी प्रसिद्ध हुए हैं। चीन की जारी इन गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर सोमवार के दिन तैवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई ईंग-वेन ने नौसेना अड्डे का दौरा करने की जानकारी सामने आयी हैं।

taiwan-base-chinaचीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने लगातार तैवान का चीन का ही हिस्सा होने का दावा कर रही हैं। इससे पहले चीन की हुकूमत राजनीतिक मार्ग से तैवान का विलय किया जाएगा, यह दावा कर रही थी। लेकिन, बीते कुछ वर्षों में तैवान पर एकतरफा हमला करके इसपर कब्ज़ा करने की भूमिका बड़ी तीव्रता से अपनाई जा रही हैं। कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक में भी इस मुद्दे पर खुलेआम धमकाया जा रहा हैं। कोरोना की महामारी का लाभ उठाकर चीन ने तैवान के खिलाफ बड़ी मात्रा में लष्करी गतिविधियाँ बढ़ाई हैं और हवाई अड्डे का किया जा रहा विस्तार भी इसी का ही हिस्सा समझा जा रहा हैं।

taiwan-base-chinaचीन के फुजिआन प्रांत के दो प्रमुख हवाई अड्डों पर बड़ी मात्रा में लष्करी गतिविधियाँ जारी होने की बात सैटेलाईट से प्राप्त हुए फोटो से सामने आ रही है। ‘लाँगशिआन’ और ‘हुआन’ अड्डे पर नए रनवे, हैंगर्स और अन्य यंत्रणाओं का निर्माण जारी है। ‘लाँगशिआन’ हवाई अड्डा तैवान की सीमा से मात्र १७० किलोमीटर दूरी पर है और ‘हुआन’ १९० किलोमीटर की दूरी पर है। इन हवाई अड्डों से उड़ान भरकर चीन के लड़ाकू विमान मात्र सात मिनिटों में तैवान की सीमा में प्रवेश करके हमले कर सकते हैं।

चीन के लिए इन अड्डों की मात्र सामरिक ही नहीं बल्कि मनोवैज्ञानिक नज़रिये से भी बड़ी अहमियत होने का दावा तैवान के पूर्व अफसरों ने किया है। इन अड्डों पर जारी गतिविधियाँ तेज़ करके चीन की हुकूमत तैवान पर अधिकाधिक दबाव बना सकती है, ऐसा तैवानी वायुसेना के पूर्व कमांडर चैंग येन-टिंग ने कहा है। ‘लाँगशिआन’ और ‘हुआन’ हवाई अड्डे से मुहिम चलाने पर चीन के समय, ईंधन और मनुष्यबल की भी बचत होगी, यह बात टिंग ने स्पष्ट की।

taiwan-base-chinaतैवान के करीबी हवाई अड्डे पर जारी यह गतिविधियाँ चीन की आक्रामक और वर्चस्ववादी भूमिका के संकेत समझे जा रहे हैं। अमरीका में सत्ता परिवर्तन होने के बाद चीन ने लगातार तैवान के करीबी क्षेत्र में युद्धाभ्यास करना शुरू किया है और लड़ाकू एवं गश्‍त विमानों की घुसपैठ की तीव्रता भी बढ़ी है। राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन और उनके प्रशासन ने जारी किए इशारों की चीन परवाह नहीं करता, यही बात इससे दिख रही है, ऐसा इशारा विश्‍लेषक दे रहे हैं।

इसी बीच, चीन की गतिविधियों पर प्रत्युत्तर देने के लिए तैवान ने भी अपनी तैयारी बढ़ाना शुरू किया है। इसी के हिस्से के तौर पर तैवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई ईंग-वेन ने सोमवार के दिन किलुंग में स्थित नौसेना के अड्डे का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने तैवान अपने हिस्से की एक इंच भूमि भी छोड़ेगा नहीं, यह इशारा भी दिया।

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