तैवान की हुक़ूमत का तख़्ता पलटने के लिए चीन द्वारा आक्रामक दबावतंत्र का इस्तेमाल – तैवानी अभ्यासगुट का दावा

बीजिंग/तैपई – तैवान के खिलाफ़ प्रत्यक्ष में युद्ध न लड़ते हुए, उस देश की जनता की भूमिका बदलकर और विद्यमान चीनविरोधी हुक़ूमत का तख़्ता पलटकर तैवान पर कब्ज़ा किया जा सकें, इसके लिए चीन के सत्ताधारियों द्वारा ‘कॉग्निटिव्ह वॉरफेअर’ का इस्तेमाल किया जा रहा है, यह दावा तैवान के एक अग्रसर अभ्यासगुट ने किया। कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि पर चीन ने यह मुहिम अधिक तीव्र की है। तैवान की जनता पर एक ही समय लष्करी और बौद्धिक एवं मानसिक स्तर पर दबाव डालकर बचावात्मक मानसिकता तैयार करना, यह ‘कॉग्निटिव्ह वॉरफेअर’ का उद्देश्य है, ऐसा भी इस तैवानी अभ्यासगुट ने कहा है।

taiwan-chinaतैवान सरकार का भाग होनेवाले ‘इन्स्टिट्यूट फॉर नॅशनल डिफेन्स ऍण्ड सिक्युरिटी रिसर्च’(आयडीएसआर) इस अभ्यासगुट ने हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की। इस रिपोर्ट में, चीन द्वारा जारी दबावतंत्र का विश्लेषण किया गया है। तैवान जैसे लोकतंत्रवादी देश में प्रसारमाध्यम और सोशल मीडिया को होनेवाली आज़ादी का फ़ायदा उठाकर चीन, तैवानी जनता की भूमिका बदलने के लिए आक्रामक कोशिशें कर रहा है, ऐसा ‘आयडीएसआर’ ने कहा है।

taiwan-china‘तैवान की राष्ट्राध्यक्ष ‘त्साई इंग-वेन’ की सरकार को लगातार लक्ष्य किया जा रहा है। तैवान में सामाजिक तनाव और राजनीतिक दरार बढ़ें, इसके लिए गतिविधियाँ शुरू हैं। उसी समय. तैवानी जनता में लोकतंत्र के प्रति होनेवाला समर्थन कम हों, इसलिए योजनाएँ बनायीं जा रहीं हैं’, ऐसा ‘आयडीएसआर’ की रिपोर्ट में कहा गया है। इसके लिए इंटरनेट का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है और इसके पीछे चीन का लष्कर सक्रिय होने का दावा भी इस तैवानी अभ्यासगुट ने किया है। झूठी जानकारी का बड़े पैमाने पर प्रसार करना और हैकिंग की सहायता से गोपनीय तथा मुश्किल में डालनेवाली जानकारी सामने लाना, इन जैसी पद्धतियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, ऐसा भी ‘आयडीएसआर’ ने कहा है।

taiwan-chinaपिछले साल की शुरुआत में तैवान में हुए चुनावों से पहले भी चीन ने ‘कॉग्निटिव्ह वॉरफेअर’ का इस्तेमाल किया था। लेकिन उसमें चीन की सत्ताधारी हुक़ूमत को क़ामयाबी नहीं मिली। बल्कि त्साई इंग-वेन को मिली विजय के कारण चीन के सामने की मुश्किलें और भी बढ़ीं। लेकिन फिर भी चीन ने तैवान की सरकार और जनता के विरोध में दबावतंत्र का इस्तेमाल क़ायम रखा है, यह बात ‘आयडीएसआर’ की रिपोर्ट से स्पष्ट हुई है।

taiwan-chinaचीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुक़ूमत ने पिछले साल विशेष क़ानून का इस्तेमाल करके हाँगकाँग पर कब्ज़ा किया था। हाँगकाँग पर कब्ज़ा करने के बाद, तैवान यह अगला लक्ष्य होने की धमकियाँ चीन द्वारा दीं जा रहीं थी। उसके लिए चीन ने लष्करी स्तर पर युद्ध के लिए तैयारी की होने की बात भी सामने आयी थी। तैवान के क्षेत्र में लगातार घुसपैंठ करके चीन ने, सामरिक स्तर पर तैवानी लष्कर दबाव में रहेगा, इसका ख़याल रखा था। अब दूसरी ओर से तैवान की सरकार और जनता को दबाव में रखकर तैवान पर पूरा कब्ज़ा करने के लिए चीन की कोशिशें जारी हैं, यह इस अभ्यासगुट की रिपोर्ट से स्पष्ट हो रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.