ईरान का परमाणु समझौता बचाने के लिए बायडेन अमरीका को खतरे में ड़ाल रहे हैं – अमरिकी विश्‍लेषक का दावा

वॉशिंग्टन/तेहरान – ईरान के साथ किए परमाणु समझौते को बचाने के लिए राष्ट्राध्यक्ष बायडेन अमरीका को खतरे में ड़ाल रहे हैं, ऐसी तीखी आलोचना वैंग शियूए नामक विश्‍लेषक ने की है। अमरीका के विरोधी दल के नेता बीते कुछ दिनों में लगातार बायडेन की ईरान संबंधित नीति को लक्ष्य कर रहे हैं। ईरान के साथ परमाणु समझौता करने के लिए बायडेन कर रही हड़बड़ी अनैतिक, निंदक, आत्मकेंद्री और अवैध है, यह आरोप शियूए ने किया।

iran-deal-bidenअमरीका के राष्ट्राध्यक्ष परमाणु समझौते के लिए ईरान के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुकत हैं। लेकिन, ईरान ने यह स्पष्ट किया है कि, ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध हटाए बगैर परमाणु समझौता करना मुमकिन नहीं है। इसी बीच इराक में स्थित अमरिकी अड्डों पर ईरान समर्थक हथियारी गुट हमले करने की बात सामने आ रही है। ऐसी स्थिति में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ईरान के मुद्दे पर अपना रहे उदार भूमिका पर जोरदार आलोचना हो रही है। विश्‍लेषक वैंग शियूए ने भी बायडेन की नीति की तीखे शब्दों में सवाल खड़े किए हैं।

इस्रायली समाचार चैनल से की हुई बातचीत के दौरान शियूए ने ऐसी आलोचना की है कि, राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की ईरान संबंधित भूमिका में समज़दारी की कमी है। अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने ईरान संबंधित अपनाई भूमिका से बायडेन की भूमिका अलग नहीं है, ऐसी फटकार भी शियूए ने लगाई। ओबामा प्रशासन के कई लोग बायडेन प्रशासन का हिस्सा होने की बात पर भी शियूए ने ध्यान आकर्षित किया है। इस वजह से किसी भी स्थिति में ईरान का तुष्टीकरण करने की बात बायडेन ने काफी पहले ही तय कर रखी थी, ऐसा आरोप भी इस अमरिकी विश्‍लेषक ने किया।

iran-deal-biden‘ईरान की क्रूर हुकूमत के प्रति सहानुभूती दिखानेवाले लोगों की संख्या ईरान से भी अधिक अमरीका में है। कई ईरानी नागरिक जुबान बंद रखकर प्रतिबंध बर्दाश्‍त करते हैं, क्योंकि ईरान की हुकूमत का प्रतिकार करने के लिए प्रतिबंध लगाने का निर्णय ही उचित रास्ता है, यह बात उन्हें ज्ञात हो चुकी है। इसी वजह से ईरान पर लगाए हुए प्रतिबंध हटाए गए तो अपना हित नहीं होगा, यह बात भी ईरानी नागरिक महसूस कर रहे हैं’, ऐसा कहकर शियूए ने पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने लगाए प्रतिबंधों का समर्थन किया।

‘ओबामा के कार्यकाल में हुए परमाणु समझौते के बाद ईरान और ईरान से जुड़े गुट खाड़ी क्षेत्र में अधिक प्रभावी हुए। इनमें लेबनान की हिज़बुल्लाह, येमन के हौथी विद्रोही, इराक और सीरिया में मौजूद ईरान से जुड़े आतंकी संगठनों का समावेश होने की बात सामने आ रही है। ऐसा होते हुए भी बायडेन प्रशासन ईरान की हुकूमत की खुशामत क्यों कर रहा है’, यह सवाल भी शियूए ने किया। ‘सिर्फ ट्रम्प ने ईरान संबंधित किए निर्णय से पीछे हटने की कोशिश में बायडेन प्रशासन अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ ईरानी जनता की सुरक्षा के लिए खतरा निर्माण कर रहे हैं’, यह इशारा भी शियूए ने दिया।

iran-deal-bidenइसके अलावा, अमरिकी विश्‍लेषक बायडेन की भूमिका का समर्थन कर रहे हैं और ट्रम्प की नीति पर आलोचना करनेवाले माध्यम वामपंथी विचारधारा रखते हैं, यह आलोचना शियूए ने की। ‘स्वयं घर में सुरक्षित रहनेवाले पत्रकारों को वहां की स्थिति की कल्पना हो ही नहीं हो सकती’, ऐसी फटकार भी शियूए ने लगाई।

इसी बीच, अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ, संयुक्त राष्ट्रसंघ में अमरीका की राजदूत रहीं निक्की हैले ने भी बायडेन प्रशासन की ईरान विषयक नीति पर क्रोध व्यक्त किया था। बायडेन प्रशासन ईरान के साथ परमाणु समझौता ना करे, ऐसा आवाहन इस्रायल एवं सौदी अरब ने किया था। लेकिन, इसे नजरअंदाज करके राष्ट्राध्यक्ष बायडेन परमाणु समझौता करने पर कायम होने की बात दिख रही है।

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