ताइवान पर हमला किया तो अमरीका चीन पर सख्त प्रतिबंध लगाएगी – वित्तमंत्री जैनेट येलन

वॉशिंग्टन/ताइपे/बीजिंग – ‘आक्रामकता दिखा रहें देशों को बड़ा नुकसान पहुँचेगा ऐसें प्रतिबंध अमरीका लगा सकती हैं| रशिया के विरोध में लगाए प्रतिबंधों ने यह बात दिखायी है| अन्य देशों को लेकर ऐसी स्थिति निर्माण होने पर अमरीका प्रतिबंधों का इस्तेमाल कर सकती है| सांसदों ने इस मुद्दे पर आशंका जताने की ज़रूरत नहीं’, इन शब्दों में अमरीका की अर्थमंत्री जैनेट येलन ने यह इशारा दिया कि, ताइवान के मुद्दे पर अमरीका चीन पर प्रतिबंध लगा सकती हैं|

यूक्रैन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अमरीका ने ताइवान के साथ सहयोग बढ़ाने के संकेत दिए हैं| इसमें आर्थिक, व्यापारी, राजनीतिक एवं रक्षा संबंधित सहयोग का समावेश हैं| अमरीका के दो शिष्टमंड़लों ने ताइवान का दौरा किया और आर्थिक एवं सैन्य सहयोग पर चर्चा होने की बात कही जा रही है| चीन की वर्चस्ववादी हरकतों पर प्रत्युत्तर देने के लिए तैयार किए गए ‘इंडो-पैसिफिक आर्थिक समझौते’ में ताइवान को शामिल करें, ऐसी मॉंग अमरिकी सांसदों ने हाल ही में रखी हैं|

दो दिन पहले ही अमरीका के विदेश विभाग ने ताइवान के साथ ‘पैट्रिऑट मिसाइल्स’ का समझौता करने के लिए अनुमति देने का ऐलान किया था| इसके बाद अमरिकी संसद की सभापति नैन्सी पेलोसी ताइवान का दौरा करेगी, यह वृत्त भी प्रसिद्ध हुआ हैं| इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी संसद के रिपब्लिकन पार्टी के सांसद पैट्रिक मैक्हेन्री ने चीन के मुद्दे पर सवाल किया था| रशिया ने यूक्रैन पर हमला करने के बाद अमरीका ने जैसें प्रतिबंध लगाए हैं, ऐसें ही प्रतिबंध अमरीका चीन ने ताइवान पर हमला करने पर लगाएगी क्या, यह सवाल मैक्हेन्री ने किया था| इसके जवाब में अर्थमंत्री येलन ने चीन को भी प्रतिबंधों से लक्ष्य किया जाएगा, यह इशारा दिया|

रशिया ने यूक्रैन पर किए हमले को रोकने में अमरीका के साथ पश्‍चिमी देश भी असफल हुए हैं| इस वजह से ऐसें हमलों की पुनरावृत्ती ताइवान के मुद्दे पर हुई तो अमरीका और मित्रदेशों की भूमिका क्या होगी, इसपर माध्यम और सोशल मीडिया में चर्चा हो रही हैं| अमरीका का पूरा ध्यान यूक्रैन युद्ध पर केंद्रीत हुआ हैं और इसी का लाभ उठाकर चीन ताइवान पर हमला करेगा, ऐसा इशारा कुछ विश्‍लेषक दे रहे हैं| ऐसी स्थिति में अमरीका चीन का कुछ भी नहीं कर सकेगी, ऐसी चिंता भी इन विश्‍लेषकों ने व्यक्त की थी| ताइवान पर हमला करनेवाले चीन पर रशिया की तरह प्रतिबंध लगाने मे अमरीका हिचकिचाएगी नहीं, ऐसा येलन कह रही हैं| लेकिन, रशिया पर लगाए प्रतिबंधों से यूक्रैन की रक्षा नहीं हुई| इस वजह से अमरीका ने चीन पर कितने भी सख्त प्रतिबंध लगाए हो भी उससे ताइवान का बचाव नहीं हो सकेगा| लेकिन, बायडेन का प्रशासन इसे पुरी तरह से अनदेखा करके ताइवान को लेकर अस्थायी नीति अपना रहा हैं| यह बात चीन के हित में रहेगी| जापान के पूर्व प्रधानमंत्री एबे शिंजो ने यह मुद्दा उठाकर बायडेन प्रशासन की कड़ी आलोचना की थी|

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