विरोधियों के दबाव की वजह से जर्मनी द्वारा रशियन संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव

बर्लिन – पिछले ढ़ाई महीनों से यूक्रैन के विरोध में युद्ध कर रहीं रशिया की संपत्ति जब्त करके इस देश को राजनीतिक, आर्थिक स्तर पर अलग-थलग करें, ऐसा प्रस्ताव जर्मनी के वित्तमंत्री ख्रिस्तियान लिंडनर ने रखा है। साथ ही रशियन संपत्ति का इस्तेमाल यूक्रैन युद्ध के शरणार्थियों के लिए या यूक्रैन को  सैन्य सहायता प्रदान करने के लिए करें, इसका भी जर्मनी ने समर्थन किया। लेकिन, रशिया के खिलाफ कार्रवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय नियमों का सम्मान करें, यह सुझाव भी लिंडनर ने किया है। इसी बीच, देश में राजनीतिक विरोधियों की बढ़ती आलोचना की वजह से चान्सलर शोल्झ की सरकार को रशिया के खिलाफ यह भूमिका अपनानी पड़ी, ऐसा यूरोप के प्रमुख समाचार चैनल कह रहे हैं।

रशिया पर लगाए प्रतिबंध अधिक सख्त करने के लिए पश्चिमी देश एक हो रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर यूरोपिय महासंघ और जी ७ के सदस्य देशों की विशेष बैठक का आयोजन हो रहा है। यूरोप में रशियन सेंट्रल बैंक के खाते जब्त करके इसमें जमा राशि यूक्रैन के शरणार्थियों के लिए इस्तेमाल करने से संबंधित निर्णय इस बैठक मे हो सकता है। साथ ही यूरोप में स्थित रशियन उद्यमी, अरबपतियों की संपत्ति कुर्क करने पर भी निर्णय किया जाएगा।

जर्मनी के ‘क्रिश्चन डेमोक्रैटिक युनियन’ (सीडीयू) नामक प्रमुख विपक्षी दल ने भी इस माँग को उठाया है। चान्सलर ओलाफ शोल्झ की सरकार रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के जर्मनी में स्थित सहयोगी और संबंधितों पर कार्रवाई करें। उनकी संपत्ति कुर्क करें, ऐसी माँग सीडीयू ने उठायी है। साथ ही जर्मन सरकार ने यूक्रैन की सेना को रशिया विरोधी युद्ध के लिए तुरंत सैन्य सहायता प्रदान करें, यह भी सुझाव दियाथा।

लेकिन, चान्सलर शोल्झ की सरकार जर्मनी में रशिया समर्थकों पर या रशियन संपत्ति पर कार्रवाई नहीं कर रही हैं, ऐसी आलोचना सीडीयू कर रही हैं। यूक्रैन को हथियारों की आपूर्ति करने में भी जर्मन सरकार जानबूझकर देरी कर रही हैं, यह आरोप सीडीयू ने लगाया है। ऐसी स्थिति में, जर्मनी के वित्तमंत्री लिंडनर ने यूरोपिय महासंघ के सामने रशिया की संपत्ति कुर्क करने का प्रस्ताव रखा दिख रहा है। यूक्रैन के खिलाफ युद्ध करने की कीमत चुकाने के लिए रशिया को मज़बूर करना चाहिये, ऐसा लिंडनर ने कहा है। लेकिन, यह कार्रवाई करते समय नियमों का उल्लंघन ना करें, ऐसा जर्मन वित्तमंत्री ने सुचित किया है।

इसी बीच, जर्मन चान्सलर शोल्ड मार्क्सवादी विचारधारा के होने का दावा यूरोप के विश्लेषक कर रहे हैं। इस वजह से शोल्झ रशिया विरोधी भूमिका अपनाने से हिचकिचा रहे हैं, ऐसा इन विश्लेषकों का कहना हैं। शोल्झ का जन्म वेस्ट जर्मनी में होने की बात पर यह विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। शीतयुद्ध के दौर में अमरीका ने यूरोप में अपने मिसाइल तैनात किए थे। उस समय शोल्झ ने इसका तीव्र विरोध किया था, इसकी याद यह विश्लेषक ताज़ा कर रहे हैं।

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