सौदी अरब अब्राहम समझौते का अहम भागीदार देश हो सकता है – अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन

वॉशिंग्टन – खाड़ी में चरमपंथी और ईरान से प्राप्त हो रही चुनौतियों का सामना करने के लिए सौदी अरब अमरीका का अहम भागीदार देश है। साथ ही इस्रायल और पड़ोसी अरब देशों के अब्राहम समझौते के विस्तार में भी सौदी अहम भूमिका निभा सकता है, ऐसा विश्‍वास अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने व्यक्त किया। इस महीने के अन्त में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन सौदी का दौरा कर रहे हैं। क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात करके राष्ट्राध्यक्ष बायडेन सौदी की नाराज़गी दूर करने की कोशिश करेंगे। इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी विदेशमंत्री यह बयान करते दिखाई दे रहे हैं।

अब्राहम समझौते का अहम भागीदारअमरिकी पत्रिका द्वारा आयोजित समारोह में विदेशमंत्री ब्लिंकन ने अब्राहम समझौते का हिस्सा बने सदस्यों की संख्या बढ़ाने का ऐलान किया। सौदी अरब भी इस समझौते में शामिल हो, यह आवाहन भी अमरिकी विदशमंत्री ने किया। साथ ही ईरान विरोधि गुट में भी सौदी का समावेश काफी अहम होने का दावा विदेशमत्री ब्लिंकन ने किया। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन भी इस सहयोग के लिए उत्सुक होने का बयान अमरिकी विदेशमंत्री ने किया।

अब्राहम समझौते का अहम भागीदारपिछले कुछ दिनों से बायडेन प्रशासन इस्रायल और सौदी अरब के बीच मध्यस्थता कर रहा है, ऐसी खबरें प्राप्त हो रही हैं। पिछले हफ्ते ही रेड सी क्षेत्र में स्थित सनाफिर और तिरान द्वीपों को लेकर इस्रायल और सौदी की चर्चा कराने की कोशिश में अमरीका के होने का दावा अमरिकी वृत्तसंस्था ने किया था। इसी बीच, इस्रायल और सौदी के बीच सीधी विमान सेवा शुरू करने की गतिविधियाँ जारी होने की बात भी अमरिकी वृत्त संस्था ने कही थी।

साल २०२० में इस्रायल ने यूएई और बहरीन के साथ अब्राहम समझौता किया था। अगले दिनों में खाड़ी के और कुछ देश इस समझौते का हिस्सा बन सकते हैं, यह ऐलान इस्रायल ने किया है। इसी बीच सौदी के क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने भी इस्रायल शत्रुदेश ना होने का ऐलान किया था। बायडेन प्रशासन ने सौदी अरब और खाड़ी के अन्य मित्रदेशों की माँगें ठुकराकर ईरान की ओर झुकाव दिखाने से सौदी और सौदी के नेतृत्व में खाड़ी के अन्य देश इस्रायल से सहयोग करने लगे हैं, यह स्पष्ट हुआ था। आनेवाले समय में अमरीका को इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे और इससे खाड़ी में अमरीका का प्रभाव खत्म होगा, ऐसी चेतावनी विश्‍लेषकों ने दी थी। रशिया के यूक्रेन पर हमले के बाद अमरीका के पक्ष में खड़े ना होने का खाड़ी देशों का निर्णय यही बात रेखांकित करती है। इस वजह से बायडेन प्रशासन जाग उठा है और राष्ट्राध्यक्ष बायडेन सौदी का दौरा करने के लिए राज़ी हुए हैं। लेकिन, उनके दौरे के बाद भी सौदी यकायक अपनी भूमिका में बदलाव नहीं करेगा, ऐसे संकेत अभी से प्राप्त होने लगे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.