युक्रेन के खिलाफ मुहिम में रशिया ड्रोन्स के हमले बढाएगी – युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमिरि ज़ेलेन्स्की का दावा

मॉस्को/किव – रशिया आनेवाले समय में युक्रेन पर बडे पैमाने में ड्रोन्स हमले करेगी, ऐसा दावा युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमिर ज़ेलेन्स्की ने किया। पिछले तीन दिन रशिया से युक्रेन पर निरंतररूप से ड्रोन हमले जारी हैं। इस ओर ध्यान आकर्षित करने वाली रातें युक्रेन की जनता के लिए शांतिपूर्ण नहीं होंगीं, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ज़ेलेन्स्की ने आगाह किया। ज़ेलेन्स्की यह दावा कर रहे तभी युक्रेन ने डोनेत्स्क में किए हुए रॉकेट हमलों से रशियन वर्तुल में तीव्र प्रतिक्रियाएं आई हैं। राष्ट्राध्यक्ष पुतिन का समर्थन करनेवाले विश्लेषक तथा ब्लॉगर्स ने माकिवका शहर में हुए हमलों के लिए रशियन अधिकारियों को जिम्मेदार मानकर उन्हें निकाले जाने के लिए आक्रामक मांग की है।

रशिया ने पिछले कुछ दिनों में युक्रेन में अपने हमलों की तीव्रता अधिक बढाई है। डोन्बास क्षेत्र समेते खेर्सन तथा राजधानी किव, खार्किव जैसे शहरों को निरंतररूप से लक्ष्य किया जा रहा है। इसके लिए तोफा, रॉकेट्स, टैंक्स और मिसाईलों के अलावा ड्रोन्स का भी बडे पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है। पिछले तीन दिनों में रशिया ने युक्रेन पर 100 से अधिक ड्रोन्स दागे हैं। इसके लिए ईरानी बनावट के शाहेद ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया है। रशिया ने अब तक किए हुए हमलों में लगभग 500 से अधिक ईरानी ड्रोन्स का इस्तेमाल किया है, ऐसा कहा जाता है।

इस पृष्ठभूमि पर युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमिर ज़ेलेन्स्की ने दावा किया है कि, आनेवाले समय में रशिया ड्रोन्स की बौछार अधिक तीव्र करेगी। ‘युक्रेन की हवाई सुरक्षा प्रणाली, युक्रेन की ऊर्जा और युक्रेनी जनता की सहनशीलता को खत्म करना, यह ड्रोन्स हमलों का प्रमुख उद्देश्य है। आने वाले दिनों में रशिया शाहेद ड्रोन्स का इस्तेमाल बडे पैमाने पर करेगी, ऐसी जानकारी मिली है। ड्रोन हमले दीर्घ काल तक जारी रहेंगे’, ऐसा ज़ेलेन्स्की ने आगाह किया। युक्रेन की रातें शांतिपूर्ण नहीं होंगीं, इसका अहसास भी राष्ट्राध्यक्ष ज़ेलेन्स्की ने कराया।

इस दौरान, रविवार की रात को डोनेत्स्क प्रांत के माकिवका शहरा में हुए रॉकेट हमलों की बात पर रशिया में तीव्र नाराज़गी का माहौल होने की खबर पश्चिमी माध्यमों ने दी है। युक्रेनी लश्कर ने माकिवका में लश्करी इमारत पर छह ‘हायमार्स’ रॉकेट्स की बौछार की थी। इस बौछार में संपूर्ण इमारत ढह गई थी। इस इमारत में रशियन लश्कर में फिरसे भरती किए गए जवानों की टुकडी तैनात थी। इसके अलावा तल मंज़िल पर बडे पैमाने पर विस्फोटकों का भंडारण भी था। उक्त हमले में रशिया के कुल 400 जवान मारे जाने का दावा युक्रेनी अधिकारियों ने किया था।

पर रशिया के संरक्षण दल ने यह खबर खारिज करते हुए हमले में 63 जवानों के मारे जाने की जानकारी दी थी। रशिया द्वारा इस तरह कबूली देना युद्ध के दौरान पहली घटना है। रशियन जवान एवं शस्त्र भंडारण की हानी के लिए रशियन लश्करी अधिकारी जिम्मेदार हैं, ऐसी टीकाएं पुतिन के समर्थक विश्लेषक एवं ब्लॉगर्स कर रहे हैं। कुछ ब्लॉगर्स ने दावा किया है कि, रशियन जवानों की संख्या संरक्ष विभाग के आंकडों से अधिक है। उक्त हमला रशियन यंत्रणाओं के लिए अपमानजनक होने की नाराजगी व्यक्त की गई है। इससे पहले खार्किव शहर से रशिया की वापसी के बाद रशियन वर्तुल से ऐसी तीव्र प्रतिक्रियाएं उमडी थीं।

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