अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि पर रशिया-जापान द्विपक्षीय व्यापार में बढोतरी

टोकिओ/मॉस्को – विश्व के प्रगत देशों के गुट वाले ‘जी7′ समेत अन्य पश्चिमी देशों ने लादे हुए प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि पर रशिया एवं जापान के व्यापार में बढोतरी होने की बात सामने आई है। सन 2022 के पहले 11 महीनों में दो देशों के बीच व्यापार कुल 18 अरब डॉलर्स तक पहुंचा है। इस बढोतरी में ईंधनदर में उछाल एवं  ईंधन निर्यात पर पडे हुए भार यह घटक कारण बनने की बात कही जाती है। रशिया के साखलिन ईंधन प्रकल्प में जापानी कंपनियों का निवेश है और जापान सरकार ने अपनी बीमा कंपनियों को भी ‘एलएनजी टैंकर्स’ को बीमा की सुविधा देने के निर्देश देने की खबर हाल ही में छपी थी।

रशिया-युक्रेन युद्ध शुरु होने के बाद पश्चिमी देशों ने रशिया के खिलाफ बडे पैमाने पर प्रतिबंध लगाए थे। इनमें जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भी शामिल थे। जापान ‘जी7’ गुट का भाग है और यह गुट रशिया के ईंधन तथा वित्त क्षेत्रों पर प्रतिबंध लादने के लिए अग्रसर था। रशियन ईंधन के दामों पर नियंत्रण लाने का प्रस्ताव भी ‘जी7’ ने ही पहले मंज़ूर किया था। इन प्रतिबंधों की वजह से रशियन ईंधन की मांग कुछ हद तक घटने के दावे भी सामने आ रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर रशिया एवं जापान के व्यापार में बढोतरी होने की खबर आश्चर्यजनक है।

सन 2022 के पहले 11 महीनों में रशिया एवं जापान का व्यापार 18 अरब डॉलर्स तक पहुंचा है। इसमें रशिया से होनेवाले ईंधन निर्यात का हिस्सा सर्वाधिक है। रशिया ने जापान को लगभग 14 अरब डॉलर्स का ईंधन निर्यात किया है। इसमें कच्चे तल एवं नैसर्गिक ईंधनवायु का समावेश है। जापान से होनेवाले ईंधन आयात का नौं प्रतिशत हिस्सा रशियन ईंधन का है। जापान में होनेवले ऊर्जा निर्माण में से तीन प्रतिशत ऊर्जा का उत्पादन रशियन ईंधनवायु पर निर्भर है। इसलिए ‘जी7’ द्वारा लादे गए प्रतिबंधनों के बावजूद जापान ने रशियन ईंधनवायु का आयात बरकरार रखा है।

रशिया के साखलीन ईंधनप्रकल्प में जापानी कंपनियों का हिस्सा है और यह निवेश भी जापान ने बरकरार रखा है। इसके अलावा, रशियन ईंधन के आयात के लिए जहाजों को युद्ध बीमा की आपूर्ति के लिए जापानी कंपनियों को निर्देश दिए जाने की खबर भी सामने आई है। ईंधन का आयात जापान सरकार के लिए प्राधान्यक्रम होने की वजह से जापानी कंपनियां युद्ध बीमा की सुविधा बरकरार रखें, ऐसा पत्र जापान सरकार ने संबंधित कंपनियों को भेजने की बात कही जा रही है। जापान की तीन कंपनियों द्वारा ईंधन आयात करने वाले जहाजों का बीमा कराया जाता है। इनमें ‘टोकियो मरीन ऐण्ड निकिडो फायर इन्शुरंस’, ‘सोम्पो जपान इन्शुरन्स’ व ‘मित्सुई सुमितोमो इन्शुरन्स’ का समावेश है।

मराठी

Leave a Reply

Your email address will not be published.