नए ‘स्टेल्थ ड्रोन’ और लडाकू विमान का रशिया ने किया एक साथ परीक्षण

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमास्को: रशिया ने अपने नए प्रगत ‘स्टेल्थ ड्रोन’ की लडाकू विमान के साथ परीक्षण करने की बात सामने आयी है| रशिया के रक्षा मंत्रालय ने ‘एस-७० ओखोत्निक ड्रोन’ और ‘एसयू-५७’ लडाकू विमान के एक साथ किए युद्धाभ्यास का वीडियो प्रदर्शित किया है| ‘एस-७० ओखोत्निक ड्रोन’ ने लडाकू विमान की यंत्रणा के साथ संपर्क बनाकर कामगिरी फतेह करने की जानकारी रशियन रक्षा मंत्रालय ने जारी किए निवेदन में दी गई है|

पिछले कुछ वर्षों में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने रशियन रक्षा दल के आधुनिकिकरण को बडी गति दी है| रशिया के रक्षा विभाग ने लगातार नई लष्करी तकनीक, यंत्रणा और हथियारों का परीक्षण किया है| इसमें ‘लेजर्स’, ‘इलेक्ट्रोमैग्नेटिक टेक्नॉलॉजी’, ‘हायपरसोनिक मिसाइल’ के साथ ही ड्रोन्स का भी समावेश है| पिछले आठ महीनों में रशिया ने ‘स्वार्म ड्रोन्स’ एवं ‘सेल्फ डिस्ट्रक्टिंग ड्रोन्स’ का निर्माण करने की जानकारी दी थी|

इसमें अब नए ‘एस-७० ओखोत्निक ड्रोन’ इस मिसाइल हमलें करने की क्षमता रखनेवाले ‘स्टेल्थ ड्रोन’ का इजाफा हुआ है| अमरिका ने कुछ वर्ष पहले विकसित किए ‘सेंटिनल ड्रोन’ की धरती पर रशिया ने यह ड्रोन तैयार किया है, यह समझा जा रहा है| ‘स्टेल्थ’ तकनीक का इस्तेमाल होनेवालए इस नए रशियन ड्रोन में ‘फुल ऑटोमेटेड मोड’ यह खास बात साबित हुई है| इस तकनकी की वजह से यह ड्रोन किसी भी बाहरी सहायता के बिना अपना काम कर सकता है, यह दावा रशियान ने किया है|

नया ड्रोन विकसित करते समय रशिया ने यह ड्रोन प्रगत लडाकू विमानों के साथ संयुक्त कार्रवाई कर सकेगा, ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया है| अगले दिनों में लडाकू विमानों के साथ ही ड्रोन्स का बढता इस्तेमाल ध्यान में रखकर इस तकनीक का प्रयोग किया गया है, यह बताया गया है| ‘एसयू-५७’ यह रशिया का फिफ्थ जनरेशन फायटर जेट है और इसे रक्षा दलों के बेडे में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हुई है| इस वजह से इस लडाकू विमान के साथ नए प्रगत ड्रोन्स का हुआ परीक्षण ध्यान आकर्षित करता है|

नजदिकी दिनों में रशिया हवाई मुहिमों में लडाकू विमान और ड्रोन्स का एक साथ इस्तेमाल कर सकेगी, यह संकेत इस नए परीक्षण से प्राप्त हुए है| रशियन रक्षा दल ने दी जानकारी के अनुसार ‘एस-७० ओखोत्निक ड्रोन’ और ‘एसयू-५७’ यह दोनों विमान करीबन ३० मिनिटों तक एक साथ उडान भर के अभ्यास कर रहे थे| हवाई मुहिमों का विचार करें तो यह अवधि काफी अहमियत रखता है|

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