भारत की तरह पाकिस्तान को भी रशिया रियायत से ईंधन की आपूर्ति करे – पाकिस्तान के वित्तमंत्री का प्रस्ताव

इस्लामाबाद – पाकिस्तान रशिया से ईंधन खरीदने के लिए तैयार है। लेकिन, रशिया भारत को जिस दर से ईंधन देती है, उसी कीमत पर पाकिस्तान को भी रशिया का ईंधन मिलना चाहिये, ऐसी माँग पाकिस्तान के वित्तमंत्री इशाक दार ने की। पाकिस्तान की चार्टर्ड अकाऊंटंटस्‌‍ की परिषद में बोलते समय इस देश के विदेशमंत्री ने रशिया से ईंधन खरीदने का प्रस्ताव दिया। लेकिन, रशियन ईंधन तेल की प्रक्रिया करनेवाले शुद्धीकरण प्रकल्प ही पाकिस्तान में नहीं हैं। इसकी वजह से रशिया से पाकिस्तान की यह माँग हास्यास्पद है। फिर भी भारत और रशिया के ईंधन कारोबार का दाखिला देकर पाकिस्तान के नेता इस पर अपने देश में राजनीति करने की कोशिश में होने की बात सामने आयी थी। नए वित्तमंत्री, इशाक दार यही खेल खेल रहे हैं।

ईंधन की आपूर्तियूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमरीका के दबाव की परवाह किए बिना भारत ने रशिया से ईंधन की खरीदारी बढ़ाई थी। अमरीका और यूरोपिय देशों ने इसी मुद्दे पर भारत को चेतावनी दी थी। लेकिन, विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने भारत से कई गुना अधिक रशियन ईंधन यूरोपिय देश खरीदते हैं, इस बात पर अपने यूरोप दौरे में ही ध्यान आकर्षित किया था। उनके इस बयान का दाखिला देकर पाकिस्तान के विपक्षी नेता इम्रान खान ने भारत की नीति को सराहा था। साथ ही पाकिस्तान सरकार भारत जैसी स्वतंत्र विदेश नीति अपनाकर रशिया से कम कीमत से ईंधन नहीं खरीदता, ऐसी आलोचना इम्रान खान ने की थी। इस वजह से पाकिस्तान की सरकार दबाव में आयी और हम भी रशिया से ईंधन खरीदने की बात सोच रहे हैं, ऐसे दावे प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की सरकार ने किए।

लेकिन, रशियन ईंधन खरीदना पाकिस्तान के लिए संभव नहीं है क्योंकि, इसके शुद्धीकरण के लिए आवश्यक प्रकल्प पाकिस्तान में नहीं हैं, यह बात पाकिस्तान के नेता, माध्यम और जनता भी नहीं समझना चाहती। सिर्फ रशिया से ईंधन खरीदकर भारत ने कितने डॉलर्स बचाए, इस पर पाकिस्तान के नेता, माध्यम और जनता की भी नज़रें लगी हैं। इस वजह से रशियन ईंधन अब पाकिस्तान में राजनीति का मुद्दा बना हुआ है। इसी वजह से पाकिस्तान में कुछ हफ्ते पहले वित्तमंत्री बने इशाक दार ने दावा किया कि, हम रशिया से ईंधन खरीदने के लिए तैयार हैं। लेकिन, रशिया भारत को जिस कीमत में ईंधन प्रदान करती है, उसी कीमत में पाकिस्तान को भी ईंधन की आपूर्ति करे, ऐसी शर्त इशाक दार ने रखी है। रशिया तक यह प्रस्ताव पहुँचने की ज़रासी भी संभावना नहीं है क्योंकि, पाकिस्तान के वित्तमंत्री ने यह प्रस्ताव अपने देश के चार्टर्ड अकाऊंटंटस्‌‍ की परिषद में रखा है। इसकी वजह से रशिया नहीं, बल्कि पाकिस्तान की जनता को सामने रखकर वित्तमंत्री दार यह बयानबाज़ी करते दिख रहे हैं।

इसी बीच, वर्तमान वर्ष के अन्त तक पाकिस्तान को ३४ अरब डॉलर्स की जरुरत महसूस होगी और इनमें से २४ अरब डॉलर्स सिर्फ कर्ज़ की किश्तों का भुगतान करने में जाएँगे। फिर भी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, पाकिस्तान अपनी यह ज़िम्मेदारी यकीनन निभाएगा, यह भी दार ने कहा है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर दार व्यक्त कर रहे यह विश्वास फिज़ूल हैं, ऐसा इशारा इसी देश के आर्थिक विशेषज्ञ लगातार दे रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था टूटने की कगार पर होने की स्थिति में हमारे नेता बड़े बड़े-बडे दावे करने में मश्गुल हैं। तथा महंगाई, बेरोज़गारी और भीषण बाढ से परेशान जनता बड़ी खराब हालातों का सामना कर रही है, ऐसा अफसोस पाकिस्तान के ज़िम्मेदार विश्लेषक और पत्रकार व्यक्त कर रहे हैं। रशिया से ईंधन खरीदकर स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने की बातें करने के बजाय पाकिस्तान पड़ोसी ईरान से ईंधन खरीदने का साहस दिखाए। यह पाकिस्तान के लिए अधिक सस्ता होगा क्योंकि, ईरान ने पाकिस्तान की सीमा तक ईंधन पाईपलाइन पहुँचाई हुई है, इस पर इन विश्लेषकों ने ध्यान आकर्षित किया। ऐसा किए बिना पाकिस्तान सरकार और विपक्ष भारत-रशिया ईंधन कारोबार को लालचाई हुई नज़रों से देख रहे हैं, ऐसा कहकर पाकिस्तान के समाचार चैनलों पर कुछ विश्लेषकों ने बड़ा अफसोस जताया।

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