बीजिंग के अलावा चीन के आठ शहरों में जिनपिंग विरोधी प्रदर्शन – अमरिकी अखबार का दावा

बीजिंग – चीन में राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग और कम्युनिस्ट पार्टी की तानाशाही नहीं, बल्कि जनमत से चुनी गई लोकतांत्रिक सरकार चाहिये, ऐसी माँग के बड़े बैनर्स राजधानी बीजिंग में लगे थे। जिनपिंग की लगातार तीसरी बार राष्ट्राध्यक्ष पद पर नियुक्ति होने से दो दिन पहले लगे इन पोस्टर्स ने पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया था। चीन की हुकूमत ने यह पोस्टर्स हटाकर वहां कुछ भी ना होने का आभास निर्माण किया था। लेकिन, बीजिंग के बाद चीन के कुल आठ शहरों में राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग विरोधी प्रदर्शन होने का दावा अमरीका के शीर्ष अखबार ने किया है।

राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के एकाधिकारवाद के खिलाफ चीन में असंतोष फैला है, ऐसा पश्चिमी माध्यमों का कहना है। पिछले कुछ महीनों से चीन में कोरोना का नया वेरियंट पाए जाने के बाद जिनपिंग की हुकूमत ने अपनी जनता पर फिर से ज़ीरो कोविड पॉलिसी थोंप दी है। पिछले हफ्ते राजधानी बीजिंग के ‘सिताँग फ्लाइओवर’ पर जिनपिंग की नीति को लक्ष्य कर रहे और लोकतंत्र की माँग करनेवाले दो बैनर्स लगे थे। पेंग लिफा नामक आम नागरिक द्वारा यह बैनर लगाए जाने का दावा किया जा रहा है।

मानव अधिकार को पैरों तले रौंदनेवाली और अपने जुलमी निर्णयों के लिए कुख्यात चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के खिलाफ साहस दिखा रहे पेंग लिफा अब ‘ब्रिज मैन’ या ‘न्यू टैंक मैन’ के तौर पर प्रसिद्ध हुआ। सन १९८९ में बीजिंग के तियानमेन चौक में कम्युनिस्ट पार्टी की सेना के टैंक के सामने खड़ा रहनेवाला प्रदर्शनकारी की इतिहास में ‘टैंक मैन’ के तौर पर पहचान बनी है। इस वजह से जिनपिंग की हुकूमत के खिलाफ बैनर्स लगानेवाले ‘ब्रिज मैन’ के कारण हमें नया ‘टैंक मैन’ मिला है, ऐसी चर्चा चीन के सोशल मीडिया पर हो रही है।

बीजिंग के सिताँग फ्लाइओवर पर लगे पोस्टर्स से चीन में हुकूमत विरोधी आवाज़ को ताकत प्राप्त हुई, ऐसा दावा अमरीका के अखबार ने किया। बीजिंग के बाद चीन के कुल आठ शहरों में राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के खिलाफ प्रदर्शन हुए। इनमें शांघाई, शेंज़ेन, गॉन्गज़ाऊ एवं कम्युनिस्ट हुकूमत के नियंत्रण वाले हाँगकाँग शहर का भी समावेश है। चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चला रहे चीनी नागरिकों के ऑनलाईन अकाऊंटस्‌‍ से यह जानकारी सामने आयी है।

राजधानी बीजिंग के ‘चायना फिल्म अर्काईव आर्ट सिनेमा’ के प्रसाधन गृह के साथ ही कुछ स्कूलों में भी जिनपिंग विरोधी बयान लिखे जाने की जानकारी चीनी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। यह ठिकाने कम्युनिस्ट हुकूमत के ‘सीसीटीवी’ से दूर होने से इस तरह के प्रदर्शन किए गए, ऐसा दावा किया जा रहा है। इसी बीच चीन के अलावा अमरीका, ब्रिटेन एवं यूरोप और ऑस्ट्रेलिया की युनिवर्सिटीज्‌‍ में भी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के खिलाफ लगे बैनर्स के फोटो सामने आए हैं। इनमें से ‘नो टू ग्रेट लीडर’ बैनर को चीनी प्रदर्शनकारियों में बड़ी प्रसिद्धी प्राप्त हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.