‘नॉर्ड स्ट्रीम’ से हुए ईंधन रिसाव के मुद्दे पर नाटो और यूरोपिय महासंघ का रशिया पर आरोप

ब्रुसेल्स/मास्को – रशिया और यूरोपिय देशों के बीच विकसित की गई ‘नॉर्ड स्ट्रीम’ ईंधन पाइपलाइन से हुए रहस्यकारी ईंधन रिसाव के मुद्दे पर नाटो और यूरोपिय महासंघ ने रशिया पर आरोप लगाया है। बाल्टिक समुद्री क्षेत्र में रशिया की रक्षा तैनाती भारी मात्रा में बढ़ाकर रशिया ने ही यह हादसा किया, यह आरोप महासंघ की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयन ने लगाया। नाटो के प्रमुख स्टॉल्टनबर्ग ने भी इसकी पुष्टि की और महासंघ की सहायता से नाटो रशिया की हरकतों को प्रत्युत्तर देगी, यह इशारा भी दिया। रशिया ने यह आरोप ठुकराए हैं और ‘नॉर्ड स्ट्रीम’ को नुकसान पहुँचा तो सबसे अधिक नुकसान रशिया का ही होगा, इस पर ध्यान आकर्षित किया है। अमरीका के प्रमुख विश्लेषक जिम रिकार्डस्‌‍ ने ईंधन रिसाव के पीछे अमरीका भी हो सकती है, ऐसा सनसनीखेज दावा सोशल मीडिया पर किया।

‘नॉर्ड स्ट्रीम’सोमवार को डेन्मार्क के हिस्सा वाले ‘बॉनहोम आलैण्ड’ के करीबी समुद्री क्षेत्र में ‘नॉर्ड स्ट्रीम 2’ ईंधन पाइपलाइन से रिसाव होने की पहली घटना सामने आयी थी। इसके बाद डैनिश यंत्रणाओं ने इस समुद्री क्षेत्र के जहाज़ों को पांच नॉटिकल मील के क्षेत्र में प्रवेश ना करने के आदेश दिए। मंगलवार को स्वीडन के समुद्री क्षेत्र में स्थित ‘नॉर्ड स्ट्रीम 1’ और ‘नॉर्ड स्ट्रीम 2’ दोनों पाइपालाइन से रिसाव होने के मामले सामने आए हैं। नॉर्ड स्ट्रीम 1’ में दो स्थानों पर रिसाव होने की बात स्वीडिश यंत्रणाओं ने साझा की। नई जानकारी के अनुसार इस क्षेत्र में विस्फोट की आवाज़ें सुनाई दीं और ईंधन वायु का रिसाव शुरू होने से समुद्र के बड़े क्षेत्र में ‘गैस बबल्स’ दिखाई दे रहे हैं। रिसाव जारी रहने तक यह बबल्स दिखेंगे, यह दावा डेन्मार्क और स्वीडन की यंत्रणाओं ने किया। समुद्री क्षेत्र में मिथेन वायु मौजूद होने से विस्फोट भी हो सकते हैं, यह ड़र जताया जा रहा है।

इस मामले में हमले की साज़िश भी हो सकती है, ऐसा दावा रशिया ने किया था। अब अमरीका समेत नाटो और यूरोपिय देश हमले का मुद्दा ही आगे कर रहे हैं और इसके लिए रशिया ज़िम्मेदार होने का आरोप लगाया गया है। लेकिन, ईंधन पाइपलाइन से आपूर्ति बंद रखनेवाली रशिया ऐसा कदम क्यों उठाएगी, ऐसा सवाल विश्लेषक एवं रशियन माध्यम उठा रहे हैं। अमरिकी विश्लेषक जिम रिकार्डस्‌‍ ने ‘नॉर्ड स्ट्रीम’ के हमले से अमरीका के कई उद्देश्य प्राप्त हो सकते हैं, इस पर ध्यान किया है। पुतिन को घेरने के अलावा युद्ध को अधिक उकसाना और यूरोपियों को अमरीका पर अधिक निर्भर होने के लिए मजबूर करने का इसमें समावेश हो सकता है, यह दावा रिकार्डस्‌‍ ने सोशल मीडिया पर किए पोस्ट में किया है।

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