‘ओपेक प्लस’ देशों से रशिया और सौदी ने ईंधन कटौती करने के लिए किया आवाहन

मास्को/रियाध – एक दिवसिय दौरे के लिए खाड़ी देश पहुंचे रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने सौदी अरब के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की। इसके बाद रशिया और सौदी ने ‘ओपेक प्लस’ यानी ईंधन उत्पादक देशों की विस्तारित संगठन को आवाहन करके नए से ईंधन कटौती करने की योजना का हिस्सा होने को कहा। ईंधन उत्पादक देश एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए यह कटौती लाभ देगी, यह ऐलान रशिया-सौदी ने किया है। इस्रायल और हमास के बीच शुरू हुए संघर्ष का असर ईंधन की यातायात होने वाले रेड सी के मार्ग पर होते दिख रहे हैं। ऐसे में रशिया-सौदी ने यह आवाहन करना ध्यान खींच रहा है।

‘ओपेक प्लस’ देशों से रशिया और सौदी ने ईंधन कटौती करने के लिए किया आवाहनरशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने पिछले चार सालों बाद पहली बार खाड़ी देशों का दौरा किया है। यूएई से अपने इस दौरे की शुरूआत करने के बाद राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने बुधवार शाम सौदी पहुंचकर क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की। यूएई की तरह सौदी में भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष का बड़ा स्वागत हुआ। उन्हें विशेष अतिथि का सम्मान देने की खबरें प्राप्त हुई है। राष्ट्राध्यक्ष पुतिन और प्रिन्स मोहम्मद के फोटो भी दोनों देशों ने वायरल किए हैं। इस वजह से इन दोनों नेताओं की मुलाकात की ओर पूरे विश्व की नज़रें लगी थी।

इस दौरे से पहले यह कहा जा रहा था कि, इस चर्चा के दौरान पुतिन और क्राउन प्रिन्स सलमान की मुलाकात में अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में ईंधन की कीमत रशिया-यूक्रेन और इस्रायल-हमास युद्ध के मुद्दों पर चर्चा होगी। ‘ओपेक प्लस’ देशों से रशिया और सौदी ने ईंधन कटौती करने के लिए किया आवाहनसौदी के क्राउन प्रिन्स के साथ हुई बैठक खत्म करने के बाद राष्ट्राध्यक्ष पुतिन बुधवार रात ही रशिया रवाना हुए। इसके बाद गुरुवार के दिन दोनों देशों ने इस बैठक में किए निर्णयों का ऐलान किया। इसके अनुसार ओपेक ल्पस संगठन के देश ईंधन कटौती करने की प्रक्रिया में शामिल हो, ऐसा आवाहन रशिया और सौदी ने किया है। यूरोपिय देशों में फिलहाल कड़ी ठंड़ का मौसम शुरू हुआ है और इन देशों में ईंधन की मांग बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। इस पृष्ठभूमि पर रशिया-सौदी ने किया यह निर्णय यूरोपिय देशों की मुश्किलें बढ़ा सकता है।

इसी बीच, ईंधन क्षेत्र के निर्णयों के लिए रशिया और सौदी एक-दूसरे से चर्चा करके ही निर्णय करते हैं, यह बात भी पिछले कुछ सालों से देखी गई है। खास तौर पर ओपेक संगठन ने पिछले दो-तीन सालों में किए रशिया के लिए सहायक साबित होने के आरोप पश्चिमी देश लगा रहे हैं। इस्रायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद भी रशिया ने सौदी के साथ खाड़ी के अन्य मित्र देशों से लगातार बातचीत करना जारी रखा हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.