रशिया सीरिया में स्थित ईरानी सेना को इस्राइल की सीमा से दूर रखने की तैयारी में – इस्राइली अधिकारियों का दावा

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जेरुसलेम – इस्राइल की सीमा के भूभाग से ईरान के लष्कर और ईरान समर्थक समूहों को दूर रखने की रशिया ने तैयारी शुरू की है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो इस्राइल यहाँ पर भीषण हमले करता रहेगा और इससे सीरिया का संघर्ष अधिक तीव्र हो जाएगा ऐसी चिंता रशिया को सता रही है। इसीलिए ईरान की सीरिया में चल रही गतिविधियों को कम करने के प्रस्ताव पर रशिया इस्राइल के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है, ऐसा दावा इस्राइली अख़बारों ने किया है। लेकिन ईरान ने सीरिया में अपनी गतिविधियां आगे भी जारी रहेंगी, ऐसा कहकर रशिया की माँग मान्य न करने के संकेत दिए हैं।

पिछले वर्ष नवम्बर महीने में रशिया, अमरिका और जॉर्डन की मध्यस्थता से सीरिया के दक्षिण पश्चिम सीमा इलाके में संघर्षबंदी लागू की गई थी। लेकिन इस संघर्षबंदी का फायदा उठाकर ईरान के लष्कर ने इस्राइल की सीमा से पाँच किलोमीटर की दूरी पर अपना डेरा जमा दिया था। इस्राइल के कब्जे वाली गोलान सीमारेखा से नजदीक ईरान के इस लष्करी अड्डे पर इस्राइल ने आपत्ति जताई थी।

ईरानी सेना

इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने रशिया का दौरा करके रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के साथ हुई चर्चा में इस मुद्दे को उपस्थित किया। सीरिया में ईरान की गतिविधियाँ ‘रेड लाइन’ का उल्लंघन है और इस लष्करी अड्डे से इस्राइल में हमला हुआ तो उनके परिणामों के लिए इस्राइल जिम्मेदार नहीं रहेगा, ऐसी नेत्यान्याहू ने चेतावनी दी थी।

साथ ही ईरानी लष्कर सीरिया से पूरी तरह से हट जाए अथवा ईरानी लष्कर इस्राइल की गोलान सीमारेखा से ६० किलोमीटर दूर रहे, ऐसी माँग इस्राइली प्रधानमंत्री ने रखी थी। लेकिन रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने इस्राइल की इस माँग को ठुकराकर ईरान की सेना की तैनाती का समर्थन किया था।

लेकिन अगले कुछ ही दिनों में सीरिया से इस्राइल के गोलान इलाके में रॉकेट हमले होने के बाद इस्राइल ने ईरान के लष्करी और ईरान संलग्न हिजबुल्लाह और अन्य समूहों के ठिकानों पर जोरदार हमले किए। पिछले तीन महीनों में इस्राइली लष्कर ने सीरिया में स्थित ईरान के ठिकानों पर कम से कम पाँच बार हमले किये हैं और सीरिया में ईरान के ठिकानों पर होने वाले हमले रुकने वाले नहीं हैं, ऐसी इस्राइल ने घोषणा की है।

इस्राइल के हमले सीरिया के संघर्ष की तीव्रता बढ़ा सकते हैं। इस वजह से सीरिया की अस्साद राजवट को नए झटके लग सकते हैं, यह चिंता रशिया को सता रही है। ऐसा दावा इस्राइल के राजनीतिक और लष्करी अधिकारियों ने इजराइली अख़बारों को किया है। इस वजह से इस्राइल की सीमा के पास स्थित सीरिया के भूभाग से ईरान की लष्करी गतिविधियाँ कम करने के लिए रशिया राजी हुआ है, यह जानकारी अधिकारियों ने दी है।

इस्राइली अख़बार में प्रसिद्ध हुई इस खबर पर रशिया ने प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन कुछ दिनों पहले रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने सीरिया के बारे में की हुई घोषणा ईरान की सीरिया में लष्करी तैनाती पर सवाल खड़े करने वाली थी। सीरियन लष्कर को छोड़कर सभी विदेशी लष्कर सीरिया से पीछे हट जाए, ऐसी घोषणा करके ईरान की लष्करी तैनाती बहुत समय तक नहीं रहने वाली है, ऐसे संकेत राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने दिए थे। दो हफ़्तों पहले इस्राइल ने सीरिया में ईरान के लष्करी अड्डों पर किए हमलों को भी रशिया का समर्थन था, ऐसी खबरें प्रसिद्ध हुईं थी।

दौरान, ईरान ने सीरिया से लष्कर वापस नहीं लेने वाले हैं, ऐसा स्पष्ट रूपसे कहा है। किसी भी देश की माँग की परवाह न करते हुए सीरिया में ईरान का लष्कर सलाहकार के तौर पर अपनी भूमिका इसके आगे भी निभाता रहेगा, ऐसी घोषणा ईरान के ‘सिक्युरिटी कौंसिल’ के सचिव अली शामखानी ने की है।

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