अरब देशों से हूती की रक्षा तैयारी अधिक – हूती संगठन का दावा

सना – सौदी अरब और अरब मित्रदेश येमन के विद्रोही संगठन हौथी के साथ युद्धविराम का पालन कर रहे हैं। लेकिन, इसके पीछे से हौथी के विद्रोही अपनी रक्षा तैयारी बढ़ाने में जुटे होने की बात सामने आयी है। ‘पिस्तौल, कलाशनिकोव राइफल्स के साथ मिसाइल्स, ड्रोन निर्माण तक के सभी तरह के हथियार बनाने की तकनीक के साथ हौथी अधिकाधिक तैयारी कर रहे हैं। अरब देशों ने प्राप्त नहीं किए होंगे, ऐसे हथियार हमारे पास है’, ऐसा दावा हौथी विद्रोही संगठन के नेता ने किया। साथ ही सौदी और अरब देशों के साथ नया संघर्ष करने के लिए तैयार रहें, ऐसा उकसानेवाला बयान इस नेता ने अपने सहयोगियों से किया है।

ईरान को चुनौती देने के लिए इस्रायल अरब देशों को हथियारों की आपूर्ति कर रहा है, ऐसी खबरें प्राप्त हो रही हैं। इससे पहले इस्रायल ने यूएई और बहरीन को हवाई सुरक्षा यंत्रणा प्रदान करने के संकेत दिए थे। इस्रायल और यूएई की रक्षा सहयोग के मुद्दे पर चर्चा भी हुई थी। लेकिन, पिछले हफ्ते से इस्रायली और अमरिकी माध्यमों ने इस रक्षा सहयोग पर नए दावे किए हैं। इस्रायल सौदी अरब के साथ खाड़ी के अन्य देशों को ‘लेज़र डोम’ प्रदान करेगा, ऐसा माध्यमों का कहना है। इसी मुद्दे पर तीन महीने पहले इस्रायल और सौदी के सेना अधिकारियों की गुप्त बैठक होने की बात कही जा रही है।

इस्रायल और अरब देशों का यह जंगी गुट ईरान विरोधी होने का दावा किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में येमन की ‘अन्सरुल्ला मुवमेंट’ यानी हौथी विद्रोहियों के संगठन ने हथियारों की अपनी तैयारी अरब देशों से मज़बूत होने का दावा किया। सौदी के बड़े दूर शहरों तक हमला करने की क्षमता के बैलेस्टिक मिसाइल्स हमारे बेड़े में हैं, ऐसा हौथी का कहना है। इन मिसाइल्स को अमरिकी सुरक्षा यंत्रणा भी रोक नहीं सकती, ऐसा दावा हौथी विद्राहियों के नेता ने किया।

इसी बीच, सौदी में तैनात पैट्रियॉट हवाई सुरक्षा यंत्रणा हौथी के बैलेस्टिक मिसाइल हमले रोकने में असफल होने की बात पहले ही स्पष्ट हुई थी। इसके अलावा बायडेन प्रशासन के साथ मतभेदों के कारण सौदी को हथियार पाने में बाधा आ रही है। इस वजह से हौथी विद्रोहियों से सौदी को खतरा अधिक बढ़ा था। ऐसी स्थिति में इस्रायल ने सौदी को प्रदान की हुई सैन्य सहायता काफी अहमियत रखती है। हौथी विद्रोहियों की जंगी तैयारी के पीछे ईरान का हाथ होने की बात समय-समय पर सामने आयी थी। अब सौदी अरब इन येमनी विद्रोहियों के विरोध में इस्रायल से सहयोग पाकर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करता दिख रहा है।

सौदी-इस्रायल के विकसित हो रहे सैन्य सहयोग का काफी बड़ा सामरिक और राजनीतिक असर खाड़ी क्षेत्र में दिखाई देगा। इसका अहसास होने पर लेबनान के हिज़बुल्लाह और पैलेस्टिन के हमास संगठन को हुआ है। कुछ ही दिन पहले ईरान के साथ नज़दिकीयाँ रखनेवाले इन दोनों संगठनों ने अरब-खाड़ी देशों को इस्रायल के सैन्य सहयोग के विरोध में गंभीर इशारे दिए थे।

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