रशिया ने लाटविया की ईंधन सप्लाई रोक दी

मास्को – रशिया की राष्ट्रीय ईंधन कंपनी ‘गाज़प्रोम’ ने लाटविया नामक यूरोपिय देश की ईंधन सप्लाई तोड़ने का ऐलान किया। ईंधन वायु खरीद से संबंधित समझौते का उल्लंघन करने से लाटविया पर यह कार्रवाई की गई, ऐसी जानकारी गाज़प्रोम ने प्रदान की। लेकिन, इसका अधिक ब्यौरा कंपनी ने साझा नहीं किया। पर, रशिया से ईंधन खरीदना हो तो इसका भुगतान डॉलर्स में नहीं बल्कि रशिया की मुद्रा रुबल के माध्यम से करना पडेगा, ऐसा गाज़प्रोम ने पहले ही ऐलान किया था। जिन देशों ने इससे इन्कार किया उनकी ईंधन वायु की सप्लाई रशियन कंपनी ने तोड़ दी, यह स्पष्ट हुआ था।

यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमरीका ने रशिया के डॉलर में कारोबार करने पर रोक लगायी थी। इस वजह से डॉलर में कारोबार करना रशिया के लिए कठिन हो गया था। ऐसी स्थिति में रशिया ने अमरिकी प्रतिबंधों का प्रत्युत्तर देने के लिए यूरोपिय देश डॉलर के बजाय रुबल में हमारे ईंधन वायु के बिल का भुगतान करें, ऐसा इशारा दिया था। जो देश रशिया की यह माँग नहीं स्वीकारेंगे, उन्हें ईंधन वायु की सप्लाई नहीं होगी, ऐसी धमकी रशिया ने दी थी। इसके बावजूद कुछ यूरोपिय देशों ने रशिया की यह माँग स्वीकारने से इन्कार किया था।

इस वजह से रशिया ने पोलैण्ड, बल्गेरिया, फिनलैण्ड, नेदरलैण्डस्‌‍ और डेन्मार्क में ईंधन वायु सप्लाई रोक दी थी। इसमें अब लाटविया का समावेश हुआ है। साथ ही रशिया ने नॉर्ड स्ट्रीम ईंधन पाइपलाइन के ज़रिये यूरोपिय देशों को हो रही ईंधन वायु की आपूर्ति २० प्रतिशत घटाने का वृत्त है। गाज़प्रोम ने अपनी ईंधन सप्लाई रोक दी है, यह लाटविया ने माना है। लेकिन, इससे हमारे देश को ज्यादा प्रभाव नहीं होगा, ऐसा लाटविया की यंत्रणा कह रही है।

यूरोपिय देशों को रशिया के ईंधन वायु पर निर्भरता कम करनी है। लेकिन, यह बात यकायक नहीं हो सकती, ऐसा यूरोपिय महासंघ के विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल ने कहा हैं। इसी दिशा में यूरोपिय देशों का सफर शुरू हुआ है और यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले यूरोपिय देश रशिया से कुल ४० प्रतिशत ईंधनवायु खरीद रहे थे। अब इसकी मात्रा २० प्रतिशत कम हुई है, ऐसा कहकर आनेवाले दिनों में इसकी और कमी होगी, यह विश्वास बोरेल ने व्यक्त किया।

यूरोपिय देश रशिया से ईंधन वायु की खरीद घटा रहे हैं और तो रशिया ने एशियाई देशों को रियायत की कीमत से भारी मात्रा में ईंधन सप्लाई करने का रणनीतिक निर्णय किया है। ईंधन के बाज़ार में इसका असर दिखने लगा है और प्रतिबंध लगाकर रशिया के ईंधन निर्यात को लक्ष्य करने की पश्चिमी देशों की कोशिश इससे नाकाम होती दिख रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.