रशिया ने यूक्रेन के चार प्रांतों में जनमत-संग्रह करने की प्रक्रिया शुरू की – यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों की आलोचना

मास्को – रशिया के नियंत्रण वाले चार प्रांतों में जनमत-संग्रह करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। डोन्बास क्षेत्र का हिस्सा होनेवाले लुहान्स्क और डोनेत्स्क समेत खेर्सन एवं ज़ौपोरिज़िया में मतदान शुरू हुआ है। अगले हफ्ते २७ सितंबर तक यह मतदान जारी रहेगा, ऐसा रशिया ने कहा। यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों ने जनमत-संग्रह की यह प्रक्रिया यानी दिखावा होने की आलोचना की और अंतरराष्ट्रीय समूदाय इसे कभी मंजूर नहीं करेगा, यह इशारा भी दिया। जनमत शुरू होने के बीच में ही डोनेत्स्क और खेर्सन प्रांत में यूक्रेन ने हमले किए। इसी दौरान रशिया ने ईरानी ड्रोन का इस्तेमाल करके ओडेसा बंदरगाह पर हमले किए, ऐसा आरोप यूक्रेन ने लगाया।

जनमत-संग्रहसात महीने पहले यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू करते समय रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने डोन्बास प्रांत के साथ यूक्रेन के अन्य हिस्सों में बसे मूल रशियन निवासियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। यूक्रेन की हुकूमत रशियन भाषी जनता पर अत्याचार कर रही है और उनकी सुरक्षा के लिए रशिया को सैन्य कार्रवाई का कदम उठाना पड़ा, ऐसा पुतिन ने कहा था। सात महीनों में रशिया ने डोन्बास के लुहान्स्क प्रांत पर पूरा कब्ज़ा कर लिया है। डोनेत्स्क के साथ दक्षिणी यूक्रेन के खेर्सन और ज़ौपोरिज़िया प्रांत के ७० प्रतिशत से अधिक हिस्से पर रशिया का नियंत्रणा है। यूक्रेन ने इन क्षेत्रों को फिर से पाने के लिए पीछले महीने से जवाबी हमले करने का अभियान शुरू किया था। इसे ईशान कोण यूक्रेन के खार्किव प्रांत में कामयाबी चाहे मिली हो फिर भी अन्य प्रांतों में ज्यादा प्रभाव नहीं देखा गया है।

जनमत-संग्रहलेकिन, यूक्रेन जवाबी हमलों की तीव्रता बढ़ाने की संभावना को ध्यान में रखते हुए रशिया ने अपनी गतिविधियाँ तेज़ की हैं। रशिया-यूक्रेन सीमा पर मौजूद और सैन्य अभियान के दौरान नियंत्रण किए गए प्रांतों पर पूरा वर्चस्व स्थापित करने के लिए रशिया ने जनमत का कदम उठाया हुआ दिख रहा है। साल २०१४ में रशिया ने क्रिमिया पर कब्ज़ा करने के बाद भी जनमत-संग्रह के माध्यम से अपनी पकड़ मज़बूत की थी। इसे दोहराकर यूक्रेन के चार प्रांत रशिया से जोड़ने की तैयारी पुतिन ने की है, ऐसी बात दिख रही है। पुतिन की इस कार्रवाई पर यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों ने भी आक्रामक बयान किए हैं।

जनमत-संग्रहयूक्रेन एवं पश्चिमी देशों ने इस जनमत को बनावटी कहकर आलोचना की। जनमत के लिए रशियन सेना हर घर जाकर नागरिकों पर दबाव बना रही है, यह आरोप यूक्रेन ने लगाया। रशिया ने दबाव बनाकर प्रक्रिया शुरू की है और यूक्रेनी नागरिक इसका विरोध करें, ऐसा आवाहन यूक्रेन की सरकार ने किया। इसी बीच ब्रिटेन और नाटो ने यूक्रेन में हो रहे जनमत को अंतरराष्ट्रीय समूदाय कभी मंजूर नहीं करेगा, ऐसा इशारा दिया।

शुक्रवार से जनमत-संग्रह के लिए मतदान शुरू हुआ। साथ ही यूक्रेन कीसेना ने डोनेत्स्क एवं खेर्सन प्रांतों में जोरदार बड़े हमले शुरू किए हैं। रशिया के जनमत-संग्रह में बाधा निर्माण करने के लिए इन हमलों का दायरा बढ़ाया जा रहा है, ऐसा माना जा रहा है। साथ ही रशिया ने भी डोनेत्स्क एवं दक्षिणी यूक्रेन में हमले किए, ऐसा कहा गया। रशिया ने यूक्रेन के ओडेसा बंदरगाह पर ड्रोन हमला किया और इसके लिए ईरानी ड्रोन का इस्तेमाल होने का दावा यूक्रेन ने किया है।

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