युक्रेन सीमा पर बने तनाव के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र संगठन की सुरक्षा परिषद में रशिया और अमरीका के बीच बहस

UNSC-US-Russiaमॉस्को/वॉशिंग्टन – अमरीका और मित्र देशों द्वारा युक्रेन सीमा पर रशियन तैनाती के बारे में किए जा रहे दावें यानी उन्माद फैलाने की कोशिश है, ऐसा तीखा आरोप रशिया ने संयुक्त राष्ट्र संगठन की सुरक्षा परिषद में किया। जवाब में अमरीका ने, युक्रेन सीमा पर चल रहे रशिया के कारनामें गैरजिम्मेदाराना होने का दावा किया। रशिया युक्रेन पर आक्रमण करने की धमकियाँ दे रहा होकर, हम सिर्फ उन धमकियों को प्रतिसाद देनेवाले कदम उठा रहे हैं, ऐसा खुलासा भी अमरीका के सुरक्षा परिषद में नियुक्त राजदूत ने किया।

रशिया और युक्रेन सीमाभाग में लष्करी तैनाती के संदर्भ में नए-नए दावे सामने आ रहे हैं। उसी समय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर रशिया को रोकने के लिए ज़ोरदार राजनीतिक कोशिशें भी जारी हैं। अमरीका, नाटो और रशिया के बीच अब तक हुई राजनीतिक चर्चाओं में किसी भी प्रकार का हल नहीं प्राप्त हुआ है। दोनों पक्ष राजनीतिक स्तर पर चर्चा जारी रखने के संकेत दे रहे हैं। लेकिन उसी समय, हररोज़ शाब्दिक मुठभेड़ भी हो रही होकर, सोमवार की सुरक्षा परिषद की बैठक भी उसके लिए अपवाद (एक्सेप्शन) ना होने की बात दिखाई दी।

सुरक्षा परिषद में यूक्रेन का मुद्दा ना रखा जायें, इसके लिए रशिया ने बहुत कोशिशें कीं थीं। लेकिन परिषद के 15 अस्थाई सदस्यों में से 10 सदस्यों ने युक्रेन पर चर्चा करने के पक्ष में मत देने के कारण सोमवार को बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक के दौरान शुरुआत में ही, रशिया के सुरक्षा परिषद में नियुक्त राजदूत व्हॅसिली नेबेन्झ्या ने आक्रामक शब्दों में अमरीका और मित्र देशों की आलोचना की।

Ukraine-Russia-US‘रशिया ने जो कुछ लष्करी तैनाती की है, वह अपनी सीमा में की है और अन्य देशों का उसके साथ कोई ताल्लुक नहीं है। रशिया युक्रेन पर आक्रमण करनेवाला है इसके कोई भी सबूत सामने नहीं आए हैं। रशिया-युक्रेन सीमा पर एक लाख जवान तैनात होने का दावा अमरीका किस बलबूते पर कर रही है’, ऐसा तीखा सवाल रशियन राजदूत ने किया। रशिया ने इन आंकड़ों की कभी भी पुष्टि नहीं की है अथवा संयुक्त राष्ट्र संगठन में भी इस संदर्भ में दावे नहीं किए हैं, इस पर नेबेन्झ्या ने गौर फरमाया। अमरीका युक्रेन की जनता का ‘ब्रेनवॉशिंग’ कर रही होकर, उनमें रशिया विरोधी विद्वेष की भावना को बढ़ावा दे रही है, ऐसा आरोप भी उन्होंने किया। युक्रेन के बारे में अमरीका जो चित्र खड़ा कर रही है, वह सन 2003 में अमरीका ने इराक युद्ध से पहले खड़ी की हुई पृष्ठभूमि की तरह होने का दावा भी रशियन राजपूत ने किया।

अमरीका की सुरक्षा परिषद में नियुक्त राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफिल्ड ने, रशियन राजदूत के आरोप दुर्भाग्यपूर्ण होने का प्रत्युत्तर दिया। अमरीका समेत पश्चिमी देशों का रशिया को कमज़ोर बनाने का कोई भी उद्देश्य ना होकर, उल्टा हम रशिया को एक ज़िम्मेदार देश के रूप में देखना चाहते हैं, ऐसा दावा उन्होंने किया। लेकिन युक्रेन की सीमा पर चल रहीं गतिविधियाँ रशिया गैरज़िम्मेदार होने की बात दर्शा रही हैं, ऐसा ग्रीनफिल्ड ने बताया। उसी समय, रशिया की युक्रेन सीमा पर बनी तैनाती यह युरोप की सबसे बड़ी लष्करी मूवमेंट होने का आरोप उन्होंने किया। सुरक्षा परिषद में नियुक्त युक्रेन के राजदूत ने ऐसा कहा है कि रशिया ने अपनी सीमा पर एक लाख 30 हजार जवान तैनात किये हैं।

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