रशिया के मित्रदेश डॉलर और युरो का इस्तेमाल कम करें – रशियन मंत्री की गुहार

ताश्कंत – रशिया अपने व्यापारी भागीदार देशों के साथ राष्ट्रीय मुद्रा के माध्यम से कारोबार करने पर जोर दे रही है| यह देश भी अमरिकी डॉलर और युरो का इस्तेमाल कम करें, ऐसी गुहार रशिया के उद्योग और व्यापारमंत्री डेनिस मन्तुरोव ने लगाई| उज़बेकिस्तान की राजधानी ताश्कंत में रशिया की ओर से ‘इंटरनैशनल ट्रेड फेयर’ का आयोजन किया गया है| इस प्रदर्शनी में ‘ब्रिक्स’, ‘एससीओ’ एवं ‘ईएईयु’ गुट के सदस्य देशों को संबोधित करते हुए रशियन मंत्री ने यह गुहार लगायी|

russia-dollar-euro_1‘विश्‍व और वैश्विक अर्थव्यवस्था में फिलहाल हो रही गतिविधियॉं आनेवाले दिनों में हम एक-दूसरे के साथ औद्योगिक सहयोग कैसे विकसित करेंगे और अर्थव्यवस्था को किस दिशा में ले जाना है, इसी को लेकर अप्रत्यक्ष इशारे दे रही है| एक-दूसरे के साथ  कारोबार में अधिक स्वतंत्रता चाहो तो अमरिकी डॉलर और युरो का इस्तेमाल छोड़कर राष्ट्रीय चलन में कारोबार शुरू करना होगा’, यह आवाहन भी रशियन मंत्री ने किया| रशिया और मित्रदेशों की संयुक्त योजना एवं प्रकल्पों में डॉलर और युरो का इस्तेमाल नहीं होगा तो कारोबार अधिक आसान और सुलभ होगा, यह दावा भी मन्तुरोव ने किया|

यूक्रैन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अमरीका और मित्रदेशों ने रशिया पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं| इन प्रतिबंधों के अनुसार रशिया को ‘स्विफ्ट’ नामक अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग कारोबार की यंत्रणा का इस्तेमाल करने से रोका गया है| साथ ही अमरीका के अलावा विभिन्न देशों में मौजूद रशिया के विदेशी मुद्रा भंड़ार का बड़ा हिस्सा इस्तेमाल करने से रोका गया है| रशिया की सेंट्रल बैंक के साथ कई प्रमुख बैंक्स एवं बड़ी कंपनियों पर डॉलर एवं युरो से संबंधित कारोबार पर पाबंदी लगायी गई है|

इन प्रतिबंधों पर विकल्प के तौर पर रशिया ने अन्य देशों को रुबल, युआन के साथ संबंधित देशों के स्थानीय मुद्रा का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया है| रशिया के साथ बडे पैमाने पर व्यापारी और आर्थिक कारोबार कर रहे चीन, भारत जैसे देशों ने यह प्रस्ताव स्वीकारकर कारोबार शुरू किया है, यह भी सामने आया है| अब रशिया ने अपनी कोशिशों को अधिक गति देने के साथ इसका दायरा बढ़ाने के संकेत दिए हैं| रशियन मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में किया बयान इसी का हिस्सा बनता है|

russia-dollar-euro_2‘यूरेशियन इकॉनॉमिक युनियन’ (ईएईयु) रशिया की पहल से गठित हुआ पांच देशों का गुट है| इसके अलावा ‘शांघाय को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन’ (एससीओ) गुट चीन ने अपना प्रभाव बनाए रखने के लिए स्थापित किया है| ‘ब्रिक्स’ में रशिया के साथ भारत, चीन, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका जैसे प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का समावेश है| इनमें से अधिकांश सदस्य देश रशिया के मित्रदेश हैं| रशियन मंत्री ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार सन २०२१ में रशिया का इन तीन गुटों में कुल ३८ प्रतिशत व्यापार बढ़ा है| इस गुट के सदस्य देशों का अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में लगभग ५० प्रतिशत हिस्सा है| इस पर गौर करें तो इन देशों ने रशिया के साथ स्थानीय मुद्राओं के ज़रिये कारोबार शुरू करना अहमियत रखता है, ऐसे संकेत उद्योग और व्यापारमंत्री डेनिस मन्तुरोव ने दिए|

पिछले साल रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने डॉलर की आरक्षित मुद्रा के तौर पर बनी अहमियत अमरीका ही खत्म कर रही है, यह दावा किया था| इसी दौरान रशिया के साथ अंतरराष्ट्रीय बाज़ार का अमरिकी डॉलर का इस्तेमाल करने का रुख कम हुआ है और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कारोबार में अब अन्य मुद्राओं का इस्तेमाल बढ़ रहा है, यह दावा ‘बैंक ऑफ रशिया’ की गवर्नर एल्विरा नबिउलिना ने किया है| रशिया-यूक्रैन युद्ध शुरू होने के बाद विश्‍व के कुछ प्रमुख देश अपने विदेशी मुद्रा भंड़ार में अमरिकी डॉलर की मात्रा को लेकर फिर से विचार कर सकते हैं, ऐसा इशारा अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की उप-प्रमुख गीता गोपीनाथ ने दिया था|

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