पाकिस्तान से सहयोग का प्रस्ताव ठुकराया तो भारत का ही अधिक नुकसान होगा – पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का दावा

इस्लामाबाद – भारत के साथ सभी पड़ोसी देशों से शांति की मंशा होने का दावा कर रहे पाकिस्तान की पहली राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का ऐलान प्रधानमंत्री इम्रान खान ने किया। पाकिस्तान को भारत के साथ १०० वर्षों तक बैर की भावना रखने की इच्छा नहीं है, ऐसा इस १०० पन्ने की नीति में दर्ज़ किया गया है। इस नीति से पाकिस्तान से भारत को संदेश दिया जा रहा है, हमारे सहयोग से इन्कार किया तो भारत का ही अधिक नुकसान होगा, यह इशारा पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने दिया है।

सहयोग का प्रस्तावइसके आगे पाकिस्तान अपने आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रीत करेगा। जनता की प्रगति के बिना देश की सुरक्षा नहीं होगी। इस वजह से अगले समय में पाकिस्तान आर्थिक विकास के साथ पड़ोसी देशों से सहयोग की नीति अपनाएगा। भारत के साथ पाकिस्तान को १०० वर्षों तक बैर नहीं करना है। भारत के सहयोग को भी पाकिस्तान प्राथमिकता देगा। लेकिन, कश्‍मीर का मसला एवं द्विपक्षीय चर्चा पर भारत की भूमिका ज्ञात करके ही इस पर निर्णय किया जाएगा, ऐसा इस नीति में कहा गया है।

पिछले कुछ हफ्तों से पाकिस्तान भारत के साथ शांति स्थापित करने के लिए बड़ी कोशिश कर रहा है, यह जता रहा है। जम्मू-कश्‍मीर की नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों की सेनाओं में युद्धविराम के लिए पाकिस्तान ने पहल की थी। अब राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में भारत के साथ शांति स्थापित करने का मुद्दा रखकर पाकिस्तान ने इस ओर विश्‍व का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है। वर्ष २०१९ के अगस्त महीने में भारत ने जम्मू-कश्‍मीर को विशेष दर्जा बहाल करनेवाली धारा ३७० हटाई थी। इसके बाद पाकिस्तान ने हर स्तर पर भारत के साथ संबंध तोड़ने का निर्णय किया था।

लेकिन, अब राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के अनुसार पाकिस्तान की सरकार भारत से चर्चा करती है तो सहयोग के लिए पहल करती है, तो कश्‍मीर का मसला हमने छोड़ दिया, क्या ऐसा इस सरकार को कहना है? यह सवाल पाकिस्तान के ही पत्रकार उठा रहे हैं। इसका जवाब यदि हां है तो फिर हमने पहले भारत के खिलाफ अपनाई हुई भूमिका गलत थी, यह स्वीकारने के लिए पाकिस्तान की सरकार तैयार है क्या?, यह सवाल भी इन पत्रकारों ने किया है।

इसी बीच, दूसरी ओर पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ ने दावा किया कि, इस सुरक्षा नीति के ज़रिये भारत को संदेश दिया जा रहा है। भारत ने पाकिस्तान से सहयोग को इन्कार किया तो इससे भारत का ही अधिक नुकसान होगा, यह दावा मोईद युसूफ ने किया है। लेकिन, पाकिस्तान में इस सुरक्षा नीति पर चर्चा से पहले ही भारत के सेनाप्रमुख जनरल नरवणे ने पाकिस्तान ने कब्ज़ा किए कश्‍मीर में स्थित आतंकियों के अड्डों पर गतिविधियाँ जारी हैं और वहां पर तकरीबन चार सौ आतंकी सक्रिय होने की जानकारी प्रदान की थी। इस वजह से वहां का खतरा कायम होने का इशारा भी उन्होंने दिया था।

इस पर पाकिस्तान का बयान आया है। भारत के सेनाप्रमुख के आरोपों के पीछे पाकिस्तान को बदनाम करने की साज़िश है, ऐसा पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता असिम इफ्तिखार ने कहा। साथ ही भारत स्वयं आतंकी हमले करेगा और इसका इल्ज़ाम पाकिस्तान पर थोंपेगा, ऐसी चिंता इफ्तिखार ने व्यक्त की है। साथ ही पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकी भारत में हमला करने की तैयारी में होने की खबरें सामने आ रही हैं। जम्मू-कश्‍मीर में घुसपैठ करने की जोरदार तैयारी आतंकी संगठनों ने की है। इस वजह से पाकिस्तान की रक्षा नीति में भारत को लेकर किए गए दावे केवल शब्दों के बुलबुला होने के संकेत मिल रहे हैं।

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