‘ओआईसी’ की पाकिस्तान में हुई बैठक में हुआ भारत का प्रभाव रेखांकित – पाकिस्तानी माध्यमों की आलोचना

इस्लामाबाद – ‘ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन’ (ओआईसी) की अफ़गानिस्तान के मुद्दे पर बैठक का आयोजन करके पाकिस्तान ने अपनी अहमियत बढ़ाने की कोशिश की। लेकिन, यह बैठक पूरी तरह से नाकामयाब साबित हुई और पाकिस्तान के हाथ कुछ भी नहीं लगा बल्कि, ‘ओआईसी’ की इस बैठक में पाकिस्तान को भारत की क्षमता का अहसास हुआ है, ऐसी आलोचना पाकिस्तान के माध्यम कर रहे हैं। इस बैठक में शामिल हुए सौदी अरब ने पाकिस्तान को कश्‍मीर के मुद्दे पर एक शब्द भी ना बोलने की सख्त चेतावनी दी थी, यह जानकारी साझा करके पाकिस्तान के पत्रकार प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार पर टूट पड़े हैं।

‘ओआईसी’अफ़गानिस्तान के लिए ‘ओआईसी’ की बैठक आयोजित करके पाकिस्तान ने काफी बड़ा कारनामा किया है। इससे पाकिस्तान का प्रभाव विश्‍व के सामने आया है, यह दावा पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ ने किया था। लेकिन, असल में यह बैठक पाकिस्तान के लिए ही नुकसानदेह साबित हुई, ऐसी आलोचना होने लगी है क्योंकि, इस बैठक में ‘ओआईसी’ के ५७ सदस्य देशों में से केवल १४ देशों के विदेशमंत्री शामिल हुए। इस बैठक के दौरान ‘ओआईसी’ के पांच एशियाई सदस्य देशों के विदेशमंत्री भारत द्वारा आयोजित परिषद में उपस्थित थे और इन देशों के उप-विदेशमंत्री इस्लामाबाद में आयोजित ‘ओआईसी’ की बैठक में शामिल थे। इस ओर ध्यान आकर्षित करके भारत ने अपने राजनीतिक प्रभाव की झलक पाकिस्तान सरकार को दिखाई, ऐसा पाकिस्तान के पत्रकार कह रहे हैं।

सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि सौदी अरब ने इस बैठक से पहले पाकिस्तान को कश्‍मीर का मुद्दा उपस्थित ना करने की सख्त चेतावनी दी थी। पाकिस्तानी माध्यमों ने ही यह जानकारी सार्वजनिक करने के बाद इस पर पाकिस्तान सरकार ने खुलासा किया।

‘ओआईसी’ की यह बैठक कश्‍मीर के लिए नहीं बल्कि, अफ़गानिस्तान के लिए थी, ऐसा पाकिस्तान सरकार ने कहा है। लेकिन, अफ़गानिस्तान के लिए आयोजित की हुई इस बैठक में पैलेस्टिन का मुद्दा उठाया गया था, तो फिर कश्‍मीर को नजरअंदाज क्यों किया गया, ऐसे सवाल पत्रकार उठा रहे हैं।

इम्रान खान की सरकार ने कश्मीर मसले को फिज़ूल अहमियत देकर भारत से संबंध टूटने के कगार तक तानें हैं। ऐसी आक्रामक नीति के कारण पाकिस्तान के हाथ कुछ भी नहीं लगेगा, ऐसा कहनेवालों को देशद्रोही करार देकर अपमानित किया जा रहा था। लेकिन, अब पाकिस्तान सरकार की नीति के विघातक परिणाम सामने आने लगे हैं और कश्‍मीर के मामले में पाकिस्तान के हाथ निराशा ही लगी है। इसके अलावा अन्य सभी मोर्चों पर पाकिस्तान सरकार बड़ी असफल साबित हुई है, ऐसा अफसोस एक पत्रकार ने व्यक्त किया।

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