देश में ‘स्टार्टअप्स’ का सूवर्णयुग शुरू हुआ है – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली – ‘पांच वर्ष पहले देश में ‘स्टार्टअप्स’ की संख्या १५० थी। लेकिन, अब ‘स्टार्टअप्स’ की संख्या ६० हज़ार है। इसके साथ ही १ अरब डॉलर्स तक प्रगति करनेवाले ‘युनिकॉर्नस्‌’ की संख्या ४२ हुई है’, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए भारत के निर्माण में ‘स्टार्टअप्स’ की अहमियत बढ़ने की बात स्पष्ट की। इस वजह से सिर्फ नई संकल्पना और अनुसंधान को गति प्राप्त नहीं होती, बल्कि इससे बड़ी मात्रा में रोजगार भी निर्माण हो रहा है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा। देश में ‘स्टार्टअप्स’ का सूवर्णयुग शुरू हुआ है। ऐसे दौर में ‘इनोवेटिंग फॉर इंडिया ऐण्ड इनोवेटिंग फ्रॉम इंडिया’ पर ‘स्टार्टअप्स’ ध्यान केंद्रीत करें, यह संदेश प्रधानमंत्री ने दिया।

‘स्टार्टअप्स’स्टार्टअप शुरू करनेवाले युवा उद्यमियों को वीडियो कान्फरन्सिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह संदेश दिया। देश के ६२५ जिलों में कम से कम एक स्टार्टअप की शुरूआत हुई है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा। देश के स्टार्टअप्स यानी नए उद्योग के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने तीन नीतियां अपनाई हैं। इनमें उद्योजकता को सरकारी प्रक्रिया के जाल से दूर रखना एवं प्रशासकीय जाल में ना फंसाने की नीति का समावेश है। साथ ही अनुसंधान एवं नई संकल्पनाओं को बढ़ावा देने के लिए संस्थागत निर्माण करने के लिए सरकार ने कदम उठाए हैं। इसके अलावा नए से उदय हो रहे उद्योजक एवं कंपनियों को आधार देकर उन्हें बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने कोशिश शुरू की है। इसका असर दिखाई दे रहा है, यह कहकर प्रधानमंत्री ने इस पर संतोष व्यक्त किया।

पिछले वर्ष देश को २८ हज़ार पेटंटस्‌ प्राप्त हुए हैं। वर्ष २०२१ में देश के उद्यमियों ने २.५ लाख ट्रेडमार्क्स प्राप्त किए हैं। इसके साथ ही पिछले वर्ष १६ हज़ार से अधिक लोगों को बुद्धिसंपदा कानून के तहत कॉपीराईटस्‌ प्राप्त हुए हैं, इसका अहसास प्रधानमंत्री ने कराया। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में २०१५ में ८१ वें स्थान पर रहे भारत ने अब ४६ वे पायदान पर छलांग लगाई है। ऐसे दौर में स्टार्टअप्स को सिर्फ स्थानीय स्तर तक सोच सीमित नहीं रखनी चाहिये, बल्कि वैश्‍विक स्तर की सोच रखें, यह संदेश प्रधानमंत्री ने दिया।

देश के ‘स्टार्टअप्स’ ने उद्योगक्षेत्र की स्थिति और गति में बदलाव लाया है। इसी कारण स्टार्टअप्स की ओर हम नए भारत की रीढ़ के तौर पर देख रहे हैं। अगले दिनों में युनिकॉर्नस्‌ अर्थात एक अरब डॉलर्स की सीमा लांघनेवाली कंपनियों की संख्या १०० से अधिक हो जाएगी, ऐसा कहकर देश में स्टार्टअप्स का सूवर्णयुग शुरू होने का दावा उन्होंने किया। १६ जनवरी का दिन ‘नैशनल स्टार्टअप डे’ के तौर पर जाना जाएगा, यह ऐलान भी प्रधानमंत्री ने किया।

देश की आधी जनसंख्या ‘ऑनलाईन’ है। इसे ध्यान में रखते हुए स्टार्टअप्स ग्रामिण क्षेत्र पर भी ध्यान दें। इंटरनेट और मोबाईल, ब्रॉडबैण्ड और बुनियादी सुविधाओं की वजह से अधिक बेहतर तरीके से जुड़े हुए ग्रामिण क्षेत्र की जनता की आकांक्षाओं में बढ़ोतरी हुई है। ग्रामिण एवं शहरीकरण की प्रक्रिया शुरू होनेवाले क्षेत्रों का विकास हो रहा है। स्टार्टअप्स इसका संज्ञान लें, यह उम्मीद भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान व्यक्त की।

Leave a Reply

Your email address will not be published.