इस्रायल-हमास युद्ध और ईंधन सहयोग की पृष्ठभूमि पर रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन खाड़ी देशों के दौरे पर दाखिल

अबू धाबी – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन बुधवार को यूएई के अबू धाबी पहुंचे। इस्रायल-हमास युद्ध, ईंधन सहयोग और ‘कॉप २८ क्लाइमेट समिट’ की पृष्ठभूमि पर रशियन राष्ट्राध्यक्ष का यह दौरा ध्यान आकर्षित कर रहा है। मार्च महीने में अंतरराष्ट्रीय अदालत ने पुतिन के विरोध में वॉरंट जारी किया था। इसके बाद पुतिन ने बड़ा विदेश दौरा करने का यह पहला अवसर है। वर्ष २०१९ के बाद रशियन राष्ट्राध्यक्ष पहली बार खाड़ी देशों का दौरा कर रहे हैं, ऐसी जानकारी सुत्रों ने साझा की।

रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर रशिया ने एशिया एवं खाड़ी देशों से सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया हैं। इस्रायल-हमास युद्ध और ईंधन सहयोग की पृष्ठभूमि पर रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन खाड़ी देशों के दौरे पर दाखिलपश्चिमी देशों ने लगाए प्रतिबंधों के प्रत्युत्तर देने के लिए रशिया ने भारत, चीन सहित खाड़ी क्षेत्र के सौदी अरब और यूएई जैसे मित्र देशों से सहायता बढ़ाई दिखाई पड़ी है। खास तौर पर रशिया और यूएई का व्यापार पिछले दो सालों से भारी मात्रा में बढ़ता दिख रहा है।

दूसरी ओर रशिया और सौदी अरब का सहयोग भी लगातार बढ़ता दिख रहा है। ईंधन क्षेत्र के निर्णय को लेकर रशिया और सौदी अरब एक-दूसरे से बातचीत करके निर्णय करते पिछले कुछ सालों से दिख रहे हैं। खास तौर पर ओपेक संगठन ने पिछले दो-तीन सालों से किए निर्णय रशिया के लिए सहायक साबित होने के आरोप पश्चिमी देश लगा रहे हैं। सौदी एवं अन्य ओपेक प्लस देश अप्रत्यक्ष पद्धती से यूक्रेन में शुरू रशिया के युद्ध की सहायता कर रहे हैं, ऐसी आलोचना भी पश्चिमी माध्यमों ने की थी। लेकिन, सौदी अरब के साथ ओपेक देशों ने इस आलोचना को अनदेखा किया था।

इस्रायल-हमास युद्ध शुरू होने के बावजूद रशिया ने सौदी सहित खाड़ी के अन्य मित्र देशों के साथ लगातार संवाद करके यह ध्यान रखा था की अपने सहयोग पर किसी भी तरह से असर न हो। इसके मद्देनज़र रशियन राष्ट्राध्यक्ष का दौर ध्यान खींच रहा है। यूएई दौरे के बाद राष्ट्राध्यक्ष पुतिन सौदी अरब रवाना होंगे। इस यात्रा में वह सौदी के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात करेंगे,यह कहा जा रहा है।

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