वाहन कंपनियों के लिए ‘फ्लेक्स फ्यूल इंजन’ का उत्पादन अनिवार्य किया जाएगा – केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्गमंत्री गड़करी

मुंबई – देश की वाहन कंपनियों को ‘फ्लेक्स फ्युएल इंजन’ का निर्माण करना अनिवार्य किया जा रहा है। इसके लिए हम फिलहाल उच्चतम अदालत के निर्णय की प्रतिक्षा में हैं। ‘फ्लेक्स फ्यूल इंजन’ की गाड़ियों में किसी भी र्इंधन का इस्तेमाल करना मुमकिन होगा। देश में इथेनॉल, मिथेनॉल और गैसोलिन मिश्रीत र्इंधन का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए सरकार की कोशिशों का यह हिस्सा होने का बयान केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्गमंत्री नितीन गड़करी ने किया हैं।

‘फ्लेक्स फ्यूल इंजन’उद्यमियों की ‘पीएचडीसीसी’ नामक संगठन ने आयोजित किए हुए सालाना कार्यक्रम के दौरान गड़करी बोल रहे थे। देश में र्इंधन की आयात कम करके अर्थव्यवस्था का भार कम करना एवं पर्यावरण स्नेही र्इंधन का इस्तेमाल बढ़ाने की कोशिश में सरकार जुटी है। इसके लिए पेट्रोल में इथेनॉल की मात्रा बढ़ाई जा रही है। लेकिन, ‘लिक्विफाईड नैचरल गैस’ (एलएनजी), ‘कम्प्रेस्ड नैचरल गैस’ (सीएनजी)’ और ‘इथेनॉल’ मिश्रीत र्इंधन का इस्तेमाल बढ़ाने पर सरकार जोर दे रही है। सरकार ने कुछ दिन पहले ही ‘इथेनॉल’ संबंधित नीति का ऐलान किया था। इसमें गेहूँ, चावल, शक्कर एवं अन्य उत्पादनों से इथेनॉल का निर्माण करने के लिए बढ़ावा दिया गया था। साथ ही सरकार ईलेक्ट्रिक गाड़ियों का इस्तेमाल बढ़ाने पर भी जोर दे रही है। इस पृष्ठभूमि पर सरकार ने अब गाड़ियों में ‘फ्लेक्स-फ्यूल इंजन’ अनिवार्य करने की तैयारी जुटाई है।

‘फ्लेक्स फ्यूल लइंजन’ में एक से अधिक प्रकार के र्इंधन का इस्तेमाल मुमकिन होता है। इससे मित्र र्इंधन का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए इस तरह के इंजन की गाड़ियों का निर्माण होना ज़रूरी है। ब्राज़िल, कनाड़ा, अमरीका की अधिकांश वाहन कंपनियाँ ‘फ्लेक्स फ्युएल इंजन’ का उत्पादन कर रही हैं, इस ओर भी गड़करी ने ध्यान आकर्षित किया।

उच्चतम अदालत ने ‘फ्लेक्स फ्युएल इंजन’ की नीति के मुद्दे पर शपथपत्र पेश करने को कहा था। सरकार ने यह शपथ पत्र पेश किया हैं। उच्चतम अदालत ने अनुमति प्रदान की तो सभी वाहन कंपनियों को फ्लेक्सफ्युएल इंजन की गाड़ियों का निर्माण करना अनिवार्य किया जाएगा, ऐसा गड़करी ने कहा। साथ ही सेनाबलों के लिए भी ड़िजल गाड़ियों का इस्तेमाल करने पर रोक लगाए, इसके बजाय एलएनजी, सीएनजी एवं इथेनॉल पर चलनेवाले ट्रकों का इस्तेमाल करें, यह आवाहन भी गड़करी ने किया। इस समारोह में सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकूंद नरवणे भी उपस्थित थे।

सरकार ने नई इथेनॉल नीति का ऐलान करने के बाद देशभर में ४५० कारखानों ने इथेनॉल का उत्पादन करने में रुचि दिखाई है, यह बात भी उन्होंने रेखांकित की। देसी र्इंधन का इस्तेमाल करने से किसानों को बड़ा लाभ प्राप्त होगा, साथ ही भारतीय वाहन क्षेत्र को भी लाभ होकर विस्तार का अवसर मिलेगा एवं इस क्षेत्र में अधिक रोज़गार निर्माण होगा, यह दावा भी गड़करी ने किया।

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