पाकिस्तान ने भारत के साथ तीन जंग से सबक सीखा – पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ

इस्लामाबाद – भारत के साथ तीन बार जंग करके हमारे देश ने सबक सीखा, यह कहकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भारत को चर्चा का प्रस्ताव दिया। खाड़ी देशों के समाचार चैनल को साक्षात्कार के दौरान प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भारत से चर्चा का प्रस्ताव देकर सनसनी निर्माण की। लेकिन, उनके द्वारा बयान की गई पछतावे की भावना उन्हीं तक सीमित है, या यह पाकिस्तान की ‘राष्ट्रीय भावना’ है, यह सवाल भारतीय विश्लेषक उठा रहे हैं। अपनी नैया गोते खा रही है और ऐसे में पाकिस्तान को सूझ रही अकलमंदी का कुछ ज्यादा मतलब नहीं है क्योंकि, भारत से चर्चा करके भारत से सहायता पाने के अवाला इस देश के सामने अन्य विकल्प ही नहीं बचा, इसका अहसास विश्लेषक करा रहे हैं। साथ ही किसी भी स्थिति में इस देश पर भरोसा नहीं किया जा सकता, यही इतिहास ने सिखाया है, इस पर विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

सबक सीखाअपने देश के टुकड़े होंगे, यह ड़र पाकिस्तान के मंत्री ही जताने लगे हैं। अनाज की किल्लत, महंगाई में उछाल और बेरोजगारी ने पाकिस्तान को परेशान कर दिया है और कुछ दिन आयात करने जितनी पर्याप्त निधि भी पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंड़ार में नहीं रही। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोश और अमरीका एवं खाड़ी मित्रदेशों की सहायता अपने बचाव के लिए पर्याप्त होगी, यह उम्मीद पाकिस्तान को थी। लेकिन, यह सहायता भी कम साबित होगी, इतना बड़ा आर्थिक संकट पाकिस्तान के समक्ष है। ऐसी स्थिती में पाकिस्तान ने भारत से युद्ध करके सीखा गया सबक याद आया है। ऐसी कबूली ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ‘अल अरेबिया’ नामक खाड़ी देशों के समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार के दौरान दी। लेकिन, भारत के साथ युद्ध से सबक सीखने के लिए इस देश को इतने दशक क्यों लगे, इसका जवाब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नहीं दे पाए।

भारत के प्रधानमंत्री को इसी साक्षात्कार के ज़रिये हम बातचीत का प्रस्ताव दे रहे हैं, यह भी शाहबाज शरीफ ने कहा। भारत से चर्चा करनी है लेकिन, इस चर्चा के मुद्दों में कश्मीर का भी समावेश हो, ऐसा शाहबाज शरीफ ने कहा है। हम भारत को दे रहे प्रस्ताव पर पाकिस्तान से बयान सामने आया तो इसके लिए कश्मीर का मुद्दा हमने पेश किया था, यह बचाव का प्रावधान शाहबाज शरीफ ने कर रखा है। लेकिन, इस बार उन्होंने सभी विवादित मुद्दों में कश्मीर का भी समावेश होगा, यह कहकर हम कश्मीर का मसला फिलहाल भूलने के लिए तैयार हैं ऐसा संदेश दिया। साथ ही भारत और पाकिस्तान में चर्चा में यूएईओ मध्यस्थता कर सकेगा, यह कहकर यूएईओ के नेतृत्व को उन्होंने खुश करने की कोशिश भी की।

शाहबाज शरीफ के इन बयानों को भारतीय माध्यमों ने अहमियत दी है। आखीर में पाकिस्तान ने भारत के सामने घुटने टेक ही दिए, ऐसा इन बयानों का मतलब निकलता है, ऐसा स्वर भारतीय समाचार चैनलों ने लगाया है। लेकिन, पूर्व सेना अधिकारी और सामरिक विश्लेषक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के प्रस्ताव में ज्यादा मतलब ना होने का बयान किया है। डूबने वाले पाकिस्तान के इस प्रस्ताव की रत्ती भर भी अहमियत नहीं है क्योंकि, इस देश के सामने अब अन्य विकल्प ही शेष नहीं रहा, ऐसा इन विश्लेषकों का कहना है। साथ ही मौजूदा संकट में फंसने पर भारत से भावनिक आवाहन कर रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का अपनी सेना और आतंकी संगठनों पर कितना नियंत्रण है, यह सवाल पूर्व सेना अधिकारी कर रहे हैं।

चारों ओर से संकटों में घिरने से ही पाकिस्तान अब भारत से चर्चा के लिए तैयार हुआ है। लेकिन, स्थिति बदलने पर पाकिस्तान फिर से भारत विरोधी गतिविधियां शुरू किए बिना नहीं रहेगा। भारत ने समय-समय पर सदिच्छ दिखाने के बावजूद पाकिस्तान ने हमेशा भारत का विश्वासघात किया है। ऐसे विश्वासघाती पड़ोसी देश पर किसी भी स्थिति में भरोसा नहीं किया जा सकता, ऐसा इशारा पूर्व सेना अधिकारी दे रहे हैं। इसके अलावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इस तरह से चर्चा का प्रस्ताव दे रहे हैं और इस बीच विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत के नेतृत्व की अशोभनीय भाषा में आलोचना कर रहे हैं। इस विरोधाभास पर भी विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

लेकिन, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के इन बयानों के दौरान भारत और पाकिस्तान का इतिहास दोहराया जा रहा है। खास तौर पर सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के नेता और सेना अधिकारियों ने काफी पहले किए बयानों का दाखिला भारतीय नेटकर दे रहे हैं। हम घास खाकर जिएंगे, लेकिन परमाणु बम प्राप्त किए बिना नहीं रहेंगे, ऐसा बयान पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ज़ुल्फिकार अली भुट्टो ने किया था। उनकी यह इच्छा पूरी हुई है और सच में पाकिस्तान की जनता अब घास खाने के लिए मज़बूर होती हुई दिख रही है, ऐसे बयान नेटकर कर रहे हैं। इसके अलवा ‘हम हज़ार सालों तक भारत से युद्ध करते रहेंगे’, ऐसी डींगें पाकिस्तान के सेना अधिकारियों ने मारी थी, उसका क्या हुआ, ऐसा सवाल सोशल मीडिया पर भारतीय नागरिक कर रहे हैं।

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