पाकिस्तान को मोहरा बनाकर अमरीका के बायडेन प्रशासन ने चली भारत विरोधी चाल

वॉशिंग्टन – पाकिस्तान के सेनाप्रमुख जनरल बाजवा अमरीका की यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने अमरिकी अधिकारियों से बातचीत करते समय कश्मीर मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया। भारत तैयार हो तो पाकिस्तान कश्मीर मसले पर आगे की चर्चा करने के लिए तैयार है, यह दावा जनरल बाजवा ने किया। उनके यह दावे प्रसिद्ध हो रहे हैं तभी पाकिस्तान में अमरीका के राजदूत डोनाल्ड ब्लोम ने ‘पीओके’ अर्थात पाकिस्तान ने कब्ज़ा किए हुए कश्मीर का दौरा किया। इसके अलावा इस क्षेत्र का ‘आज़ाद जम्मू-कश्मीर’ ज़िक्र करके अमरिकी राजदूत ने पाकिस्तान को खुश किया। इस वजह से अमरीका का बायडेन प्रशासन कश्मीर मुद्दे पर भारत पर दबाव बनाने की पुरानी चाल नए से कर रहा हैं, यह स्पष्ट दिख रहा है।

अपनी अमरीका यात्रा के दौरान जनरल बाजवा ने पाकिस्तान की सेना राजनीति नहीं करेगी, ऐसे दावे किए हैं। इतना ही नहीं, बल्कि कश्मीर के मुद्दे पर भारत के साथ आगे बढनेवाली चर्चा के लिए हमारा देश तैयार है, यह दावे भी जनरल बाजवा ने किए। जनरल बाजवा ने पहले भी पाकिस्तान की सेना भारत के साथ शांति स्थापित करने के खिलाफ ना होने का ऐलान किया था। इस वजह से अपनी अमरीका यात्रा में अमरिकी अधिकारियों से चर्चा करते समय उन्होंने काफी अलग भूमिका अपनाई। फिर भी माध्यमों में इससे संबंधित खबरों को प्रसिद्ध किया जा रहा है। इसका कारण बायडेन प्रशासन ने फिर से पाकिस्तान की अहमियत बढ़ाकर भारत पर दबाव डालने की नीति अपनाई है। सोमवार को अमरीका के राजदूत ने ‘पीओके’ की यात्रा के दौरान इसका ज़िक्र ‘आज़ाद कश्मीर’ किया था। भारत को उकसाने के लिए ही इस दौरे का आयोजन करने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

इसके ज़रिये बायडेन का प्रशासन भारत पर दबाव बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। कुछ दिन पहले अमरीका ने पाकिस्तान की वायुसेना के ‘एफ-१६’ विमानों के लिए ४५ करोड़ डॉलर्स का पैकेज घोषित किया था। इसके बाद ‘पीओके’ के राजदूत से मुलाकात होना महज़ संजोग नहीं था बल्कि, इससे अमरीका की भारत विरोधी साज़िश स्पष्ट होती है। आनेवाले समय में पाकिस्तान की अहमियत अधिक बढ़ाने के लिए बायडेन प्रशासन कदम उठा सकता है। पाकिस्तानी सेनाप्रमुख की अमरीका यात्रा बायडेन प्रशासन की इस नीति का हिस्सा होने की बात दिखती हैं।

अपनी इस अमरीका यात्रा में पाकिस्तान के सेनाप्रमुख जनरल बाजवा अपना देश भारत के साथ सलोखे की उम्मीद होने का चित्र दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही भारत के साथ चर्चा करने की तैयारी भी दर्शा रहे हैं। फिलहाल भारत के साथ चर्चा और सहयोग स्थापित करने के अलावा पाकिस्तान के सामने अन्य विकल्प ही नहीं रहा। क्यों कि, पाकिस्तान की प्रतिष्ठा के साथ ही इस देश की अर्थव्यवस्था भी टूटने की कगार पर पहुँची हैं। ऐसी स्थिति में भारत के साथ सहयोग स्थापित करने के लिए पाकिस्तान कोशिश कर रहा हैं। लेकिन, पाकिस्तान की सरकार ने ही भारत के साथ हर स्तर की चर्चा रद्द करने का ऐलान किया था। फिर से यह चर्चा शुरू करनी हो तो पाकिस्तान को पहले आतंकवाद को पूरी तरह से बंद करना पडेगा और आतंकियों पर कार्रवाई करनी पडेगी, ऐसी भारत की माँग है। यह पूरी होने तक पाकिस्तान से चर्चा करके भारत इस देश को प्रतिष्ठा बहाल करने के लिए तैयार नहीं।

ऐसी स्थिति में भारत विरोधी राजनीति के लिए बायडेन प्रशासन पाकिस्तान को मोहरा बनाने की चाल चल रहा हैं। पहले के दिनों में भी अमरीका ने इसी तरह की चाल करके भारत को नाराज़ किया था। भारत ही नहीं बल्बि पाकिस्तान से नए से सहयोग स्थापित करना यानी नई उम्मीदों को तोड़ने की तैयारी करना होगा, ऐसी चेतावनी अमरिकी विश्लेषक दे रहे हैं। अफ़गानिस्तान के आतंकवाद विरोधी युद्ध में पाकिस्तान ने दिखावे के लिए अमरीका की सहायता की थी। लेकिन, गुप्त तरिके से तालिबान की सहायता की थी, इसकी याद अमरिकी विश्लेषकों का गुट ताज़ा कर रहा हैं। इस देश पर फिर से भरोसा करके बायडेन प्रशासन बड़ी भूल कर रहा हैं, ऐसी चेतावनी इन अमरिकी विश्लेषकों ने दी हैं।

बायडेन प्रशासन की माँग के अनुसार यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने रशिया के विरोध में भूमिका अपनाने से इन्कार किया था। साथ ही रशिया से ईंधन खरीद बढ़ाकर भारत ने बायडेन प्रशासन के धमकाने पर हमपर असर नहीं होगा, इसका अहसास भी कराया था। साथ ही भारत के कई गुना अधिक यूरोपिय देश रशिया से ईंधन खरीद कर रहे हैं, इसका अहसास विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने अमरीका को कराया था। इसके बाद बायडेन प्रशासन ने भारत के विरोध में अपनी गतिविधियाँ अधिक तीव्र की हैं और पाकिस्तान की अहमियत बढ़ाने की नीति अपना रहे हैं। भारत ने इसका संज्ञान लिया है। खास तौर पर ‘एफ-१६’ विमानों के लिए बायडेन प्रशासन ने पाकिस्तान को प्रदान किए ४५ करोड़ डॉलर्स के पैकेज के विरोध में भारत के विदेश मंत्री ने अमरीका को सटिक शब्दों में फटकार लगाई थी।

पाकिस्तान को मिल रही यह सहयता भारत के खिलाफ ना होने का हास्यास्पद खुलासा अमरिका ने किया था। लेकिन, इन विमानों की क्षमता से भारत ज्ञात हैं और यह कहां पर इस्तेमाल होंगे, इसका अहसास सबको हैं। फिज़ूल खुलासे देकर अमरीका यकिनन भारत को मुरख नहीं बना सकती, ऐसा कहकर विदेशमंत्री जयशंकर ने अमरीका को आगाह किया था। इसके बाद के दौर में भी अमरीका ने भारत को लक्ष्य करने के लिए पाकिस्तान का पक्ष लेने की नीति कायम रखी है।

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