२३ बलूच नागरिकों की हत्या करनेवाले ईरान की संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा आलोचना

जेनीवा – ईरान के रिव्होल्युशनरी गार्डस्‌ ने बीते महीने में की हुई गोलीबारी में २३ बलोच नागरिक मारे गए थे। इस वारदात में कुछ युवक भी मारे गए थे। ईरान के रिव्होल्युशनरी गार्डस्‌ की इस कार्रवाई पर संयुक्त राष्ट्रसंघ ने फटकार लगाई है। बलूच नागरिकों पर हुई यह कार्रवाई मानव अधिकारों का उल्लंघन होने का आरोप राष्ट्रसंघ ने किया है। इसी बीच, बलूच नागरिकों पर हुई कार्रवाई की वजह से ईरान ओर पाकिस्तान की सीमा पर बीते कुछ हफ्तों से काफी तनाव बना है।

baloch-iran-unईरान-पाकिस्तान की ‘तफ्तान’ सीमा के करीबी इलाके में ईरान के रिव्होल्युशनरी गार्डस्‌ ने २२ फ़रवरी के दिन जोरदार गोलीबारी की थी। इस दौरान ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत के २३ लोग मारे गए थे। ईरान से पाकिस्तान में र्इंधन की तस्करी कर रहें चोरों के खिलाफ यह कार्रवाई करने का बयान ईरान ने किया था। साथ ही, अपनी इस कार्रवाई में दो की मौत होने का दावा भी ईरान ने किया था। इनमें से एक का शव पाकिस्तान ने हमें सौंपा होने की बात ईरान के विदेश मंत्रालय ने कही थी।

baloch-iran-unलेकिन, बलूच जनता ने यह आरोप किया था कि ईरान के रिव्होल्युशनरी गार्डस्‌ ने हमारे ५० साथियों को ढ़ेर किया है। मानव अधिकार संगठन ने स्थानीय लोगों के हवाले से यह जानकारी जारी की थी। ‘आयआरजीसी’ ने कुछ बलूच नागरिकों के शव कनाल में फेंक दिए थे, यह आरोप भी किया गया था। स्थानीय लोग इस कनाल की ओर ना जाएँ, यह चेतावनी भी रिव्होल्युशनरी गार्डस्‌ ने दी थी। इसके बाद ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में बलूच नागरिकों के असंतोष का विस्फोट हुआ और स्थानीय लोगों ने प्रशासकीय इमारत baloch-iran-unपर हमला करके आगजनी की थी।

इस घटना को दस दिन हुए हैं। फिर भी ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में तनाव कम नहीं हुआ। दो दिन पहले हथियारबंद बलूच गुट ने कार्रवाई करके रिव्होल्युशनरी गार्डस्‌ के कम से कम पाँच सैनिकों को मार गिराया है। साथ ही, ईरानी सैनिकों की लष्करी गाड़ी पर भी बलूच गुटों के हमलें होने की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है।

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