‘तेहरिक-ए-तालिबान’ की पाकिस्तान को भीषण आतंकवादी हमलों की धमकी – तेहरिक ने किया संघर्ष विराम तोड़ने का ऐलान

Tehreek-taliban-pak-2पेशावर – ‘प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार का इसके आगे भरोसा नहीं किया जा सकता। संघर्षविराम खत्म हुआ होकर, पाकिस्तानी सेना पर हमले शुरू करने के लिए तैयार रहें’, ऐसा संदेश ‘तेहरिक-ए-तालिबान’ का नेता नुर वली मेहसूद ने अपने आतंकियों को दिया। इससे पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों का नया सिलसिला शुरू होने की गहरी संभावना है।

तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद पाकिस्तान में ‘तेहरिक-ए-तालिबान’ के हमलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई थी। तेहरिक के हमलों में पाकिस्तानी सुरक्षा यंत्रणा के जवान मारे जा रहे थे। तेहरिक के इन हमलों को रोकने के लिए प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार ने अफगानिस्तान के तालिबान को आवाहन किया था। शुरू शुरू में तालिबान ने, यह पाकिस्तान का अंदरूनी मामला है, यह बताकर पाकिस्तान को चर्चा के जरिए इस समस्या का हल ढूंढने की नसीहत दी थी। लेकिन अक्तूबर महीने में तालिबान ने पाकिस्तानी सरकार और तेहरिक के बीच मध्यस्थता करके महीने भर के लिए संघर्ष विराम करवाया।

९ नवंबर से यह संघर्ष विराम लागू हुआ था। संघर्षविराम के लिए पाकिस्तान की सरकार ने तेहरिक के १०० से अधिक आतंकियों की रिहाई करना मान्य किया था। साथ ही, तेहरिक के इलाके में पाकिस्तान की सेना कदम भी ना रखें, यह माँग भी पाकिस्तान की सरकार ने मान्य की थी। लेकिन ९ दिसंबर तक प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार ने हमारी माँगे पूरी नहीं की हैं, यह बताकर तेहरिक का सरगना नुर वली मेहसूद ने उसपर गुस्सा ज़ाहिर किया।

Tehreek-taliban-pak-1अपने केवल १२ सहकर्मियों की ही रिहाई की होने की आलोचना तेहरिक ने एक पत्रक के जरिए की। साथ ही, पाकिस्तानी सुरक्षा यंत्रणाओं ने डेरा इस्माईल खान, लक्की मरवात, स्वात, बजौर, स्वाबी और उत्तरी वजीरिस्तान स्थित तेहरिक के स्थानों पर कार्रवाई करके तेहरिक के सदस्यों को मार गिराया होने की जानकारी इस पत्रक में हैं। पाकिस्तान सरकार और सेना की यह कार्रवाई, संघर्ष विराम के नियमों का उल्लंघन करनेवाली है। इसके बाद तेहरिक के आतंकी जहाँ चाहे वहाँ पाकिस्तानी सेना पर हमले कर सकते हैं, ऐसा तेहरिक का सरगना महसूद ने घोषित किया।

इससे पाकिस्तान में तेहरिक के हमलों की संभावना बढ़ी होकर, प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार ने देश की सुरक्षा को खतरे में डाला होने की आलोचना हो रही है। पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा, वझिरीस्तान, बजौर, दीर इन भागों में तेहरिक का वर्चस्व है। पाकिस्तान का लोकतंत्र तेहरिक को मंजूर ना होकर, पेशावर तक तेहरिक का कानून लागू करने की धमकी तेहरिक ने इससे पहले दी थी। तेहरिक इस घोषणा को पाकिस्तान के कट्टरपंथियों का समर्थन मिला था।

इसी बीच, संघर्षविराम से किनारा किया हुआ तेहरिक, आनेवाले समय में पाकिस्तानी सुरक्षा यंत्रणा के साथ ही चीन के प्रकल्पों को लक्ष्य करने की संभावना है। कुछ महीने पहले पाकिस्तान के दासू में चिनी कर्मचारियों की बस पर हुए आतंकवादी हमले के पीछे तेहरिक होने की बात सामने आई थी। आनेवाले समय में ऐसे हमले करके तेहरिक पाकिस्तान को परेशान करेगा ऐसे स्पष्ट संकेत मिलने लगे हैं। इससे पाकिस्तान में अस्थिरता बढ़कर, यह देश अराजकता की खाई में धकेला जाएगा। परमाणु-अस्त्र-सिद्ध होनेवाले पाकिस्तान के ये हालात पड़ोसी देशों समेत जागतिक सुरक्षा के लिए भी खतरनाक होने की बात सामने आ रही है। क्योंकि तेहरिक जैसा खतरनाक आतंकवादी संगठन पाकिस्तान के परमाणु अस्त्रों पर नजर गड़ाए है, यह इससे पहले ही स्पष्ट हुआ था।

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