‘एससीओ’ की बैठक में पाकिस्तान की घोर निराशा

इस्लामाबाद – उज़बेकिस्तान के ताश्कंद में आयोजित ‘एससीओ’ की बैठक में पाकिस्तान के हाथ घोर निराशा लगी। इस बैठक में शामिल हुए पाकिस्तान के विदेशमंत्री बिलावल भुट्टो भारत के विदेशमंत्री से बातचीत करेंगे, ऐसे दावे किए जा रहे थे। साथ ही पाकिस्तानी विदेशमंत्री रशियन विदेशमंत्री से भी चर्चा करेंगे, यह जानकारी साझा की गई थी। लेकिन, रशियन विदेशमंत्री ने यह चर्चा रद्द करने से हमारे देश का अपमान हुआ, ऐसा दावा पाकिस्तानी माध्यम कर रहे हैं। भारत ने रशिया के साथ अपने मैत्रीपूर्ण संबंधों का इस्तेमाल करके पाकिस्तान की यह चर्चा रद्द कराई, ऐसे आरोप पाकिस्तान के विश्लेषक लगा रहे हैं।

‘एससीओ'पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था टूटने की कगार पर होने की स्थिति में एक भी मित्रदेश पाकिस्तान की सहायता के लिए आगे नहीं आया, ऐसा अफसोस यह देश व्यक्त कर रहा है। गलत विदेश नीति ही इसका प्रमुख कारण होने का दावा विश्लेषक कर रहे हैं। अपने देश की विदेश नीति स्वतंत्र नहीं। पाकिस्तान अपनी नीति कभी अमरीका तो कभी चीन पर निर्भर रहकर तय करता रहा हैं। इससे देश को बड़ा नुकसान सहना पड़ रहा है और मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक भी देश पाकिस्तान का मित्र नहीं रहा, ऐसी आलोचना माध्यम कर रहे हैं। साथ ही भारत की विदेश नीति की पाकिस्तान में सराहना हो रही है।

अमरीका के साथ सहयोग जारी रखकर भारत रशिया से ईंधन खरीद रहा है। अपने देशहित के लिए ज़रूरी निर्णय करने का भारत जो साहस दिखाता है वह पाकिस्तान के लिए संभव नहीं है। इसका कारण पाकिस्तान आर्थिक स्तर पर कमज़ोर है, ऐसा अफसोस इस देश के पत्रकार व्यक्त कर रहे हैं। इस भूल को सुधारने के लिए पाकिस्तान को अब सिर्फ अमरीका और चीन के बारे में नहीं सोचना चाहिए ब्ल्कि, रशिया और अन्य देशों से संबंध बढ़ाने चाहिएं, ऐसी सलाह कुछ विश्लेषकों ने अपनी सरकार को दी थी। खास तौर पर रशिया से रियायत की कीमत पर ईंधन खरीदने पर अरबों डॉलर्स बचाने की ओर पाकिस्तानी माध्यमों ने ध्यान आकर्षित किया था।

इसके अनुसार उज़बेकिस्तान में आयोजित ‘एससीओ’ की बैठक में पाकिस्तानी विदेशमंत्री बिलावल भुट्टो रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह से द्वीपक्षीय चर्चा करेंगे, ऐसी खबरें प्राप्त हुई थीं। इस चर्चा से पाकिस्तान को काफी बड़ी उम्मीदें होने के संकेत भी प्राप्त होने लगे थे। लेकिन, रशियन विदेशमंत्री ने यह चर्चा रद्द कर दी और पाकिस्तान निराश हो गया। इसके पीछे भारत की साज़िश होगी, ऐसा आरोप पाकिस्तान में मौजूद कुछ भारतद्वेषी लोगों ने लगाया है।

रशिया के साथ अपनी मित्रता का इस्तेमाल करके पाकिस्तान को ऐसा झटका देना भारत के लिए मुश्किल नहीं है, ऐसा इन लोगों का कहना है। इसी बीच पाकिस्तानी माध्यमों का दूसरा गुट ताश्कंद में भारतीय विदेशमंत्री ने पाकिस्तान के नए विदेशमंत्री बिलावल भुट्टो से चर्चा ना करने की बात पर नाराज़गी व्यक्त कर रहा है। ऐसे में बिलावल भुट्टो ने साल २०१९ में भारत ने कश्मीर पर किए निर्णय की वजह से चर्चा मुमकिन ही ना होने का दावा करके अपना बचाव करने की कोशिश की है।

कुछ दिन पहले बिलावल भुट्टो ने ही भारत के साथ चर्चा करके सहयोग स्थापित किए बिना विकल्प ना होने का बयान किया था। इस वजह से उनकी भारत के प्रति भूमिका में यह बदलाव चर्चा के लिए भारत का रिस्पान्स ना मिलने का नतीजा होने की कड़ी संभावना सामने आ रही है। लेकिन, इस वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान अकेला पड गया है, यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है। आनेवाले समय में पाकिस्तान दिवालिया हुआ तो क्या होगा, अब पाकिस्तान के समाचार चैनल इस बात पर चर्चा करने लगे हैं।

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