७९. ब्रिटन के कन्धे पर से युनो के आँगन में….

७९. ब्रिटन के कन्धे पर से युनो के आँगन में….

सन १९४७ की शुरुआत में ही, ब्रिटीश मंत्रिमंडल की ‘उस’ बैठक के बाद ब्रिटन का पॅलेस्टाईन प्रश्‍नविषयक अगामी रूख स्पष्ट हुआ था, जो अरबों के पक्ष में होने के कारण ज्यूधर्मियों के लिए निराशाजनक ही था। ब्रिटिशों के लिए, अपने मध्यपूर्वी इलाके के हितसंबंध मह़फूज़ रखने के लिए अरबों का सहयोग अत्यधिक ज़रूरी होने के […]

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७८. १९४७….

७८. १९४७….

२२वीं झायॉनिस्ट काँग्रेस की भरी सभा में से डेव्हिड बेन-गुरियन ग़ुस्सा होकर जो बाहर निकले, वे ठेंठ अपने होटल गये और उन्होंने अपना सामान बाँधने की शुरुआत की। उनकी सहनशक्ति ख़त्म हुई थी। मन में तेज़ रफ़्तार से विचार दौड़ रहे थे – ‘ज्यूधर्मियों को उनकी हक़ की भूमि के लिए अभी तक दुनिया के […]

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इस्रायल के चुनाव में नेत्यान्याहू विजयी – पांचवी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे

इस्रायल के चुनाव में नेत्यान्याहू विजयी – पांचवी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे

तेल अवीव – सारी दुनिया का ध्यान होने वाले इस्रायल के आम चुनाव में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने बड़ी सफलता प्राप्त की हैं| वे फिर से इस्रायल के प्रधानमंत्री पद पर सवार होने का वृत्त आते ही अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्रायल के प्रधानमंत्री को बधाई दी […]

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७७. अब चर्चाएँ बस करो….

७७. अब चर्चाएँ बस करो….

अब चर्चाएँ बस करो…. जेरुसलेमस्थित हॉटेल डेव्हिड पर ‘इर्गुन’ ने किये हमले के बाद पॅलेस्टाईन प्रांत के ब्रिटीश प्रशासन के ज्यूधर्मियों के खिलाफ़ चलाये गये दमनतन्त्र में काफ़ी हद तक वृद्धि हो चुकी थी। उसीके साथ, यह कृत्य मान्य न होनेवाले हॅगाना के इर्गुन के साथ होनेवाले वैचारिक मतभेद चरमसीमा तक जाकर उनके मार्ग अलग […]

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अमरिका के गोलान संबंधी निर्णय पर ‘अरब लीग’ की आलोचना

अमरिका के गोलान संबंधी निर्णय पर ‘अरब लीग’ की आलोचना

ट्यूनिस – अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इस्रायल का गोलन हाइट्स पर संप्रभु अधिकार स्वीकार करने के बाद अरब-इस्लामी देशों ने उसकी आलोचना की हैं। ट्यूनीशिया में आयोजित की ‘अरब लीग’ की बैठक में गोलन हाइट्स पर इस्रायल का अधिकार वर्जित किया गया हैं। उसी के साथ पिछले एक दशकों से इस्रायल पॅलेस्टाईन में […]

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७६. धीरे धीरे सशस्त्र स्वतंत्रतासंग्राम की ओर….

७६. धीरे धीरे सशस्त्र स्वतंत्रतासंग्राम की ओर….

धीरे धीरे सशस्त्र स्वतंत्रतासंग्राम की ओर…. अब युद्ध अटल है, इसका अँदाज़ा हो जाने के कारण ज्यूधर्मियों ने उस दृष्टि से पॅलेस्टाईन में अपना संख्याबल एवं युद्धसंसाधन बढ़ाने की, साथ ही बंजर ज़मीनों पर ज्यू-बस्तियों का निर्माण करने की ज़ोरदार शुरुआत की थी। ब्रिटीश सरकार ने लगायी हुईं स्थलांतरण पर की पाबंदियों को ठुकराकर, हॅगाना […]

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७५. महायुद्ध ख़त्म हुआ….‘युद्ध’ नहीं

७५. महायुद्ध ख़त्म हुआ….‘युद्ध’ नहीं

सन १९४५ में दूसरा विश्‍वयुद्ध समाप्त हुआ। दूसरे विश्‍वयुद्ध में ज्यूधर्मियों ने ब्रिटन को समर्थन दिया था और ज्यूधर्मीय सैनिक ब्रिटन की ओर से जर्मनी के खिलाफ़ लड़े थे। लेकिन ऐसा होने के बावजूद भी विश्‍वयुद्ध के पश्‍चात् पॅलेस्टाईन प्रान्त के बारे में ब्रिटन की अरबानुनयी नीति पुनः जारी हुई। इसका कारण, मध्यपूर्वी क्षेत्र में […]

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७३. १९४० के दशक में….

७३. १९४० के दशक में….

इसके पश्‍चात् के सन १९३९ से १९४५ के छः साल दूसरे विश्‍वयुद्ध के थे। इस दौरान युरोप में, ख़ासकर नाझी जर्मनी में ज्यूधर्मियों को अनन्वित यातनाएँ भुगतनी पड़ीं; लेकिन खुद पॅलेस्टाईन प्रान्त में बहुत मन्थन होकर, ज्यूधर्मियों को स्वतन्त्रता की ओर ले जानेवालीं कई बातें घटित होने लगी थीं। १ सितम्बर १९३९ को पोलंड पर […]

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७२. भविष्य में इस्रायल की ‘पहचान’ बने प्रयोगः ‘मोशाव्ह’; ‘टॉवर अँड स्टॉकेड’

७२. भविष्य में इस्रायल की ‘पहचान’ बने प्रयोगः ‘मोशाव्ह’; ‘टॉवर अँड स्टॉकेड’

पॅलेस्टाईन में बड़े पैमाने पर स्थलांतरित होनेवाले ज्यूधर्मियों के पास कुछ ख़ास पैसा न होने के कारण अलग-अलग, स्वतंत्र ख़ेती करना उनके लिए मुमक़िन नहीं था। साथ ही, यहाँ के स्थानिक अरब भी उनके विरोध में थे। इस कारण एकसाथ ही रहना और पेट पालने के लिए एकसाथ ही कुछ व्यवसाय करना उनके लिए आवश्यक […]

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७१. भविष्य में इस्रायल की ‘पहचान’ बने प्रयोगः ‘किब्बुत्झ’

७१. भविष्य में इस्रायल की ‘पहचान’ बने प्रयोगः ‘किब्बुत्झ’

पॅलेस्टाईन प्रान्त में स्वतंत्र ‘ज्यू-राष्ट्र’ की स्थापना करने के लिए अंतिम संघर्ष की तैयारी चालू किये ज्यूधर्मियों ने, बतौर ‘एक समाज’ विकसित होने के लिए पहले से ही विभिन्न क्षेत्रों में गत कुछ वर्षों से कुछ उपक्रम भी शुरू किये थे। उनमें से अहम थे ‘कम्युनिटी लिव्हिंग’ के प्रयोग – ‘किब्बुत्झ’ और ‘मोशेव्ह’! ‘सब ज्यूधर्मीय […]

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