अमरिका के गोलान संबंधी निर्णय पर ‘अरब लीग’ की आलोचना

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरट्यूनिस – अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इस्रायल का गोलन हाइट्स पर संप्रभु अधिकार स्वीकार करने के बाद अरब-इस्लामी देशों ने उसकी आलोचना की हैं। ट्यूनीशिया में आयोजित की ‘अरब लीग’ की बैठक में गोलन हाइट्स पर इस्रायल का अधिकार वर्जित किया गया हैं। उसी के साथ पिछले एक दशकों से इस्रायल पॅलेस्टाईन में शुरू संघर्ष यहां की शांति और स्थिरता के लिए घातक साबित होने का ‘अरब लीग’ ने कथित किया हैं। तो सिरिया में होने वाले तनाव का मुद्दा राजनीतिक वार्तालाप से सूलझ सकता हैं, ऐसी भूमिका सौदी अरेबिया ने स्वीकार की हैं।

पिछले सप्ताह में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने गोलान हाइट्स इस्रायल का संप्रभु भूभाग होने का अधिकृत रूप से घोषित किया था। गोलान पर इस्रायल के अधिकार को रेखांकित करने के लिए अमरिका का विदेश मंत्रालय जल्द ही गोलान हाइट्स का समावेश होने वाला इस्रायल का नक्शा प्रसिद्ध करने वाला हैं। गोलान से संबंधित इस ऐतिहासिक निर्णय की पृष्ठभूमि पर, ट्यूनीशिया की राजधानी ट्यूनिस में ‘अरब लीग’ की ३०वी बैठक आयोजित की गई थीं। इस बैठक में गोलान के मुद्दे के साथ ही सिरिया तथा येमेन के बीच का संघर्ष, इस्रायल-पॅलेस्टाईन शांति चर्चा और लिबिया का सत्ता संघर्ष इन मुद्दों पर भी चर्चा हुई है। उस समय गोलन से संबंधित अमरिका के निर्णय पर ‘अरब लीग’ ने आम सहमति से आलोचना की है।

इस बैठक में उपस्थित होने वाले सौदी अरेबिया के राजा सलमान ने गोलान हाइट्स से संबंधित सिरिया की प्रभुता को झटका देने वाला निर्णय स्वीकार नहीं करने का स्पष्ट किया हैं। साथ ही ‘सिरिया में होने वाला तनाव राजनीतिक वार्तालाप से सुलझ सकता हैं। ऐसा हुआ तो ही सिरिया की सुरक्षा, एकता और संप्रभुता इनकी गारंटी मिलगी और सिरिया मैं होने वाला विदेशी हस्तक्षेप रुक जाएगा’, ऐसा प्रस्ताव सौदी के राजा ने रखा। परंतु उस समय राजा सलमान ने सिरिया के अस्साद शासन के संबंध में बोलने से टाल दिया था। इस कारण अस्साद शासन के विषय में सौदी और अन्य अरब मित्र देशों की भूमिका कायम होने का राजा सलमान के इस प्रतिक्रिया से स्पष्ट होने का दावा खाड़ी के माध्यम कर रहे हैं।

साथ ही गोलन हाइट्स पर अधिक बात ना करते हुए सौदी के राजा सलमान ने इस्रायल-पॅलेस्टाईन का मुद्दा उपस्थित किया हैं।‌वेस्ट बैंक और गाझा पट्टी ये दोनों पॅलेस्टाईन का भूभाग होते हुए पूर्व जेरूसलम को पॅलेस्टाईन की राजधानी के रूप में घोषित करें, ऐसी मांग सौदी के राजा ने की हैं। पॅलेस्टाईन यह अपने लिए सबसे ऊँची प्राथमिकताओं में होने वाला मुद्दा होने का सौदी के राजा ने बताया हैं। राजा सलमान की इस भूमिका को ‘अरब लीग’ में उपस्थित सभी देशों ने समर्थन दिया हैं। ट्यूनीशिया के राष्ट्राध्यक्ष ‘बेजी एसेब्सी’ ने भी ‘अरब लीग’ तथा अरब देशों के लिए पॅलेस्टाईन का मुद्दा अग्रे स्थान पर होने का जाहिर किया हैं।

इस बैठक में अरब देशों ने गोलान के मुद्दे पर अमरिका पर आलोचना करने पर भी इस विषय पर पूरी तरह से अमरिका के विरोध में जाने का प्रमुख अरब देशों ने टालने का दिखाई देता हैं। सिरिया के शासन के विषय में होने वाले विवाद इसके लिए जिम्मेदार होते हुए इस्रायल के संबंध में अरब देशों की बदलती भूमिका इसके पीछे का प्रमुख कारण हैं। इस्रायल को अपना शत्रु मानकर अरब देशों ने अपना ही नुकसान कर लिया हैं, एसा संयुक्त अरब अमिराती के विदेश मंत्री अन्वर गारगाश ने हाल ही में सूचित किया था। उनके इस कथन की पृष्ठभूमि पर, गोलान हाइट्स तथा पॅलेस्टाईन का पक्ष लेकर इस्रायल से नए तौर पर दुश्मनी करने के लिए अरब देश तैयार नहीं होने का दिखाई देता हैं।

इस्रायल से अधिक बढ़ा ईरान अपना शत्रु होने का सौदी अरेबिया तथा मित्र देशों का कहना हैं। इस कारण ईरान का शत्रु होने वाला इस्रायल यह अपना मित्र होने के स्वर कुछ अरब देश लगा रही है और ट्यूनीशिया में हुई ‘अरब लीग’ की बैठक में इसका प्रभाव पड़ने का स्पष्ट होता हैं।

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