९१. इस्रायली समाजव्यवस्था की नींव

९१. इस्रायली समाजव्यवस्था की नींव

इस्रायल के लिए १९५० का दशक यह वैसे देखा जाये, तो ‘रेशनिंग सिस्टीम’ अर्थात् ‘ऑस्टेरिटी मेझर्स’ का ही साबित हुआ| लेकिन आगामी इस्रायली समाजव्यवस्था की नींव भी इसी दशक में बनायी गयी| आज हालॉंकि इस्रायल की गणना ‘विकसित राष्ट्रों’ में की जाती है, १९५० के दशक में वह इस संज्ञा से कोसों दूर था| बहुत […]

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८८. युद्धविराम समझौता; स्वतंत्र इस्रायल की मार्गक्रमणा शुरू

८८. युद्धविराम समझौता; स्वतंत्र इस्रायल की मार्गक्रमणा शुरू

सन १९४८ के अरब-इस्रायल युद्ध में इस्रायल की विजय हुई। इस्रायल के चारों ओर से आक्रमण कर आयीं ५ अरब देशों की शस्त्रसुसज्जित ताकतवर सेनाएँ बनाम बहुत ही कम युद्धसामग्री के साथ, अपर्याप्त सैनिकबल के साथ उनका प्रतिकार करनेवाली इस्रायली सेना ऐसा यह विषम सामना इस्रायल ने अनगिनत अड़चनों को मात देकर जीता। अरब सेनाएँ […]

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८७. ऑपरेशन बालाक; अरब निर्वासित समस्या भड़की

८७. ऑपरेशन बालाक; अरब निर्वासित समस्या भड़की

सन १९४८ के अरब-इस्रायल युद्ध में शुरू के कुछ दिन ही सही, लेकिन इस्रायल की अपर्याप्त युद्धसामग्री के कारण अरबों का पल्ड़ा भारी होने लगा। तब विदेशस्थित, दुनियाभर में बिखेरे हुए ज्यूधर्मियों ने अपनी इस मातृभूमि को इस संकट से बाहर निकालने की ठान ली और अल्प-अवधि में ही इस्रायल की ओर पैसों की तथा […]

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८६. १९४८ का अरब-इस्रायल युद्ध

८६. १९४८ का अरब-इस्रायल युद्ध

इस्रायल की भूमि में स्वतंत्र ज्यू-राष्ट्र स्थापन हुआ होने की घोषणा करके डेव्हिड बेन-गुरियन ठेंठ तेल अवीव्हस्थित अपने सेना-मुख्यालय की ओर रवाना हुए थे। इस नये राष्ट्र ने जनतन्त्र शासनपद्धति अपनायी होने के कारण उसके शासक ये चुनाव पद्धति से ही चुने जानेवाले थे। लेकिन पहले चुनाव होने तक के समय में अंतरिम सरकार शासन […]

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८५. धरातल पर आधुनिक ‘इस्रायल’ का जन्म

८५. धरातल पर आधुनिक ‘इस्रायल’ का जन्म

‘हम इस इस्रायल की भूमि में ज्यू-राष्ट्र स्थापन हुआ होने की घोषणा इसके द्वारा कर रहे हैं’ – डेव्हिड बेन-गुरियन ने अपनी धीरगंभीर आवाज़ में घोषित किया। १४ मई १९४८ के इस समारोह की शुरुआत ‘हातिक्वा’ (जो आगे चलकर इस्रायल का राष्ट्रगीत बन गया) गायन से हुई थी। उसके बाद डेव्हिड बेन-गुरियन ने धीरगंभीरतापूर्वक ज्यूराष्ट्र-स्थापना […]

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८४. १४ मई १९४८

८४. १४ मई १९४८

१५ मई १९४८ यह तारीख़ जैसे जैसे नज़दीक आती गयी, वैसे वैसे डेव्हिड बेन-गुरियन अधिक से अधिक बेचैन होने लगे। वैसे देखा, तो पॅलेस्टाईन प्रांत में चल रहे अरब-ज्यू युद्ध में हर जगह ज्यूधर्मियों का ही पलड़ा भारी होता हुआ नज़र आ रहा था और पॅलेस्टाईन भर के अरब निवासी प्राणभय से अपना अपना बोरियाबिस्तरा […]

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८३. ऑपरेशन नाहशॉम और हॅगाना का ‘प्लॅन डी’

८३. ऑपरेशन नाहशॉम और हॅगाना का ‘प्लॅन डी’

८ अप्रैल १९४८ की डेईर यासिन की लड़ाई के बाद, तब तक आक्रमक होनेवाले पॅलेस्टिनी अरब बचावात्मक बन गये; वहीं, तब तक अरबी आक्रमण के खिलाफ़ बचावात्मक भूमिका अपनानेवाले ज्यूधर्मीय आक्रमक बन गये। जैसे जैसे ब्रिटीश पॅलेस्टाईन प्रांत से निकल जाने की आख़िरी तारीख़ (१४ मई १९४८) क़रीब आने लगी, संघर्ष और भी तीव्र होने […]

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८२. बाजी पलट गयी

८२. बाजी पलट गयी

युनो के पॅलेस्टाईन विभाजन के निर्णय के दूसरे ही दिन से पॅलेस्टाईन प्रांत में भड़का हुआ अरब-ज्यू संघर्ष का दावानल शान्त होने का नाम ही नहीं ले रहा था। इन कुल मिलाकर विस्फोटक हालातों को देखकर मार्च १९४८ में अमरीका ने, युना के पॅलेस्टाईन-विभाजन के इस प्रस्ताव को होनेवाला अपना समर्थन पीछे लेने की घोषणा […]

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८१. अंतिम संघर्ष शुरू….

८१. अंतिम संघर्ष शुरू….

युनो ने हालॉंकि ‘पॅलेस्टाईन में ज्यू-राष्ट्र’ इस संकल्पना को मान्यता दी; लेकिन रास्ते में काफ़ी मुश्किलें आनेवालीं थीं और इसकी डेव्हिड बेन-गुरियन को अच्छीख़ासी कल्पना थी| इसी कारण गत कुछ महीनों से हॅगाना का संख्याबल एवं शस्त्रबल बढ़ाने के लिए वे जानतोड़ कोशिशें कर रहे थे| अहम बात यानी हॅगाना यह केवल एक भूमिगत सशस्त्र […]

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८०. आख़िरकार….आंतरराष्ट्रीय मान्यता

८०. आख़िरकार….आंतरराष्ट्रीय मान्यता

पॅलेस्टाईन मसले पर नियुक्त की गयी युनो की विशेष समिति (‘युनायटेड नेशन्स स्पेशल कमिटी ऑन पॅलेस्टाईन’ (‘युएनस्कॉप’)) ने सुझाये हुए पॅलेस्टाईन के विभाजन के पर्याय पर अब युनो क्या फैसला करती है, इसकी ओर पूरी दुनिया का ध्यान केंद्रित हो चुका था। लेकिन इस्रायली नेता – ख़ासकर डेव्हिड बेन-गुरियन – तब तक हाथ पर हाथ […]

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