कुचबिहार

कुचबिहार

‘कुचबिहार’ इस शहर का नाम का़फी कम लोग जानते होंगे। स्कूल में शायद इतिहास या भूगोल में आपने यह नाम पढ़ा होगा। लेकिन इस शहर के बारे में का़फी दिलचस्प और महत्त्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होने लगी। ‘नाम में क्या रखा है?’  ऐसा कहा जाता है, इसके अनुसार अगर देखा जाये तो दरअसल किसी भी शहर […]

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‘आरबीआय’ द्वारा ‘रिव्हर्स रेपो’ रेट में बढ़ोत्तरी

‘आरबीआय’ द्वारा ‘रिव्हर्स रेपो’ रेट में बढ़ोत्तरी

मुंबई, दि. ६: आरबीआय ने गुरुवार को जारी की क्रेडिट पॉलिसी के ‘रेपो रेट’ में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया| लेकिन ‘रिव्हर्स रेपो’ रेट में ०.२५ प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करके आरबीआय ने, बा़जार में नकद बढ़ेगी इसके एहतियात बरते हैं| इस साल ‘एल निनो’ की वजह से बारिश सरासरी से कम होने की […]

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परमहंस- १०

परमहंस- १०

सात साल की उम्र में ही माथे पर से पिताजी का साया उठ चुके गदाधर का शरारतीपन थमकर वह अधिक ही अंतर्मुख हुआ था। उसे अब टकटकी भी बहुत बार लगने लगी थी और ऐसी टकटकी लगने के लिए – भगवान की कोई सुन्दर मूर्ति, यहाँ तक कि आसमान के बादल, पर्वत, बारिश, हरेभरे खेत, […]

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क्रान्तिगाथा- १९

क्रान्तिगाथा- १९

दिल्ली! क्रान्तिकारियों के लिए दिल्ली जितनी अहमियत रखती थी, उतनी ही अँग्रेज़ों के लिए भी। अब दिल्ली के आसपास के छोटे बड़े इलाक़ों में से क्रान्तिवीर दिल्ली आने लगे। अपने शहर या गाँव की अँग्रेज़ हुकूमत का तख्ता पलट देने के बाद वहाँ के भारतीय सैनिक हाथ आये खज़ाने, शस्त्र-अस्त्रों को लेकर दिल्ली की ओर […]

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त्रिचूर भाग ३

त्रिचूर भाग ३

आदिम काल में अन्न की खोज में भटकनेवाला मनुष्य जब से एक जगह बसने लगा, तब से हक़ीकत में मनुष्य का जीवन अनुशासनबद्ध होने लगा। इसीसे फ़िर विभिन्न लोकसमूहों की संस्कृतियाँ विकसित होने लगीं। आगे चलकर ये संस्कृतियाँ विभिन्न प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने लगीं। इन संस्कृतियों में ही फ़िर नृत्य, नाट्य, साहित्य आदि का विकास […]

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नैनीताल भाग -१

नैनीताल भाग -१

‘नयन’ या ‘नैन’ इस शब्द को हम मराठी या हिन्दी भाषा में कईं बार सुनते हैं। ‘नयन’ या ‘नैन’ यानि कि आँखें। हमें दुनिया दिखानेवाली आँखें। इस दुनिया के हर एक शहर या गाँव का संबंध किसी ना किसी बात के साथ रहता ही है। लेकिन यहाँ पर आप सोच रहे होंगे कि नयन या […]

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हरिद्वार

हरिद्वार

सर्दियों के मौसम की एक शाम। सूर्य का अस्त हुए का़फ़ी समय बीत चुका है। नदी की ते़ज धारा और नदी के दोनों किनारों पर भीड़ इकट्ठा हो चुकी है। अन्धेरा भी का़फ़ी हो चुका है, मग़र फिर भी उस अन्धेरे में भी नदी की धारा ते़जी से बह रही है और इतने में….मानो जैसे […]

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नेताजी-५५

नेताजी-५५

सुभाषबाबू के चुनाव जीतने की ख़बर मंडाले पहुँचते ही भारतीय कैदियों की ‘वंदे मातरम्’ की गूँज से सारा माहौल भर गया। लेकिन सरकार के सुभाषबाबू के प्रति रहनेवाले कुटिल रवैये के कारण यह जीत सुभाषबाबू को जेल से रिहा कराने में असमर्थ साबित हुई। इसी दौरान मंडाले की जलवायु के दुष्परिणाम उनके स्वास्थ्य पर साफ़ […]

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इंफाल भाग – ३

इंफाल भाग – ३

  इंफाल यह शहर द्वितीय विश्‍वयुद्ध का गवाह है। द्वितीय विश्‍वयुद्ध के दौरान इस शहर में प्रत्यक्ष रूप से जंग छिड़ी थी। जिस तरह इंफाल का नाम द्वितीय विश्‍वयुद्ध के साथ जुड़ा हुआ है, उसी तरह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी नेताजी सुभाषचन्द्र बोस और उनकी ‘आज़ाद हिन्द सेना’के साथ भी जुड़ा हुआ है। यही […]

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इंफाल भाग – २

इंफाल भाग – २

मणिपुर की सारी शासनव्यवस्था इंफाल के इस ‘कांगला क़िले’ में से ही चलायी जाती थी। अंग्रे़जों के पूर्व के शासक तथा अंग्रे़जों ने भी शासन करने के लिए कांगला क़िले का अच्छाख़ासा उपयोग किया। यह कांगला क़िला राजकीय दृष्टि से महत्त्वपूर्ण तो था ही, साथ ही वहाँ के विभिन्न देवताओं के स्थान के कारण मणिपुर […]

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