ओपेक प्लस के फ़ैसले से जागतिक मार्केट में ईंधन दरें भड़केंगी – जापान की चेतावनी

वियन्ना – ओपेक प्लस ने सन 2024 के अन्त तक ईंधन उत्पादन में कटौती कायम रखने के संदर्भ में किया फ़ैसला मार्केट में असंतुलन पैदा करनेवाला है। इससे आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ईंधन की दरें भड़क सकती हैं, ऐसी चेतावनी जापान के वरिष्ठ अधिकारी ने दी। ईंधनक्षेत्र की अग्रसर सलाहकार कंपनी होनेवाली ‘रायस्टॅड एनर्जी’ ने भी इसकी पुष्टि की होकर, अगले महीने से ही कच्चे तेल के दामों में चृद्धि शुरू होगी, ऐसी चेतावनी दी है। 

ईंधन दरेंहाल ही में संपन्न हुई ‘ओपेक प्लस’ की बैठक में, कच्चे तेल के उत्पादन में की हुई कटौती 2024 साल के अन्त तक क़ायम रखने का फ़ैसला किया गया। इससे, मई महीने से शुरू हुई 11 लाख, 50 हज़ार बैरल्स की कटौती अब दिसम्बर 2024 तक कायम रहेगी, यह स्पष्ट हुआ है। इस कटौती के साथ-साथ, रशिया ने घोषित की अतिरिक्त पाँच लाख बैरल्स की ईंधन कटौती भी सन 2024 के अन्त तक जारी रहनेवाली है, ऐसा रशिया के उपप्रधानमंत्री अलेक्झांडर नोवाक ने बताया। 

ओपेक प्लस में हुए फ़ैसले के अलावा सऊदी अरब ने भी स्व-इच्छा से कच्चे तेल के उत्पादन में की कटौती अस्थायी समय के लिए बढ़ाने की घोषणा की। उसके अनुसार जुलाई महीने में सऊदी अरब 10 लाख बैरल्स की कटौती करनेवाला है। प्रतिबंधक उपाययोजना के भाग के रूप में यह फ़ैसला किया जा रहा है, ऐसा सऊदी अरब के ईंधनमंत्री प्रिन्स अब्दुलअझिझ बिन सलमान ने बताया। इस घोषणा के अनुसार, सऊदी अरब जुलाई महीने में प्रतिदिन 90 लाख बैरल्स इतनी ही उत्पादन करेगा, आइसी जानकारी सूत्रों ने दी।

ओपेक प्लस तथा सऊदी के फ़ैसले के कारण जुलाई महीने से ईंधन मार्केट में प्रतिदिनी 30 लाख बैरल्स की कमी महसूस हो सकती है, ऐसी चेतावनी एक अग्रसर सलाहकार कंपनी ने दी है। यह कमी ईंधनदरों की वृद्धि का कारण बनेगी, ऐसी चेतावनी ‘रायस्टॅड एनर्जी’ ने दी है। दुनिया के अग्रसर ईंधन आयातक देशों में से एक होनेवाले जापान ने भी ओपेक प्लस के फ़ैसले पर चिंता ज़ाहिर की। 

‘ओपेक प्लस की बैठक में उत्पादन में पहले से की हुई कटौती सन 2024 के अन्त तक क़ायम रखने का फ़ैसला किया गया है। इससे पहले अप्रैल महीने में ओपेक प्लस देशों ने बड़ी कटौती का ऐलान किया था। जुलाई महीने से सऊदी भी उत्पादन में 10 लाख बैरल्स की कटौती करनेवाला है। इससे जागतिक मार्केट में डिमांड और सप्लाई का असंतुलन तैयार होगा। फिलहाल ईंधनक्षेत्र में होनेवाले फ़ैसलों में कुछ ख़ास पारदर्शिता नहीं रही है। इस कारण आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ईंधन की दरें भड़कने की संभावना है’, ऐसी चेतावनी जापान के कैबिनेट सचिव हिरोकाझू मात्सुनो ने दी।

जून महीने में होनेवाली बैठक में अगर ओपेक प्लस अपने फ़ैसलों पर अड़िग रहा, तो कच्चे तेल की दरें दिसम्बर 2023 तक 107 डॉलर्स प्रति बैरल तक जा सकती हैं और आगे भी उसमें वृद्धि होगी, ऐसा अनुमान ‘गोल्डमन सॅक्स’ इस वित्तसंस्था ने जताया था। वहीं, ‘बैंक ऑफ अमेरिका’ ने ईंधन की दरें 90 डॉलर्स पर जाने की संभावना ज़ाहिर की है। ओपेक प्लस और सऊदी की घोषणा के बाद सोमवार को ईंधन मार्केट में कच्चे तेल की दरों में दो प्रतिशत से बढ़ोतरी हुई होकर, ‘ब्रेंट क्रूड’ के दाम प्रति बैरल 78 डॉलर्स तक पहुँच चुके हैं। वहीं, अमरीका के ‘डब्ल्यूटीआई’ तेल के व्यवहार 75 डॉलर्स प्रति बैरल से होने की बात सामने आई है।

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