ईरान के परमाणु समझौते की वजह से सैंकड़ों की हुई मौत

इस्रायल यात्रा के दौरान बहरीन के राजनीतिक अधिकारी की तीखी आलोचना

gulf-iran-nuclear-deal-israel-1जेरूसलम – ‘ईरान के साथ परमाणु समझौता करने के बाद खाड़ी क्षेत्र में शांति स्थापित होगी। ईरान एवं खाड़ी क्षेत्र के लिए नया दौर शुरू  होगा, इस सोच में हम थे। लेकिन, हुआ कुछ उल्टा ही। इस समझौते के बाद खाड़ी क्षेत्र के संकटों को अधिक र्इंधन मिला। संबंधित समझोते के बाद ही आतंकी प्रवृत्तियों को बल प्राप्त हुआ और इस क्षेत्र में बैर बढ़ा। इससे सैंकड़ों की मौत हुई और खाड़ी क्षेत्र के संघर्ष की वजह से यूरोप की दिशा में भाग रहे शरणार्थियों की संख्या भी बढ़ी। ऐसे में इस परमाणु समझौते की वजह से खाड़ी क्षेत्र का थोड़ा भी हित नहीं हुआ’, ऐसी तीखी आलोचना बहरीन के राजनीतिक अधिकारी शेख अब्दुल्ला बिन अहमद बिन अब्दुल्ला अल खालिफा ने की।

बहरीन के अंतरराष्ट्रीय कारोबार के उपसचिव शेख अब्दुल्ला खलिफा ने रविवार के दिन इस्रायल की यात्रा की। इस्रायल और बहरीन ने बीते वर्ष किए अब्राहम समझौते की पृष्ठभूमि पर दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए शेख अब्दुल्ला खलिफा ने यह दौरा किया। इस दौरान बहरीन के राजनीतिक अधिकारी ने इस्रायल के राष्ट्राध्यक्ष आयसैक हर्झोग से मुलाकात की। साथ ही इस्रायली सेना के ऑपरेशन कमांड के प्रमुख से भी उन्होंने बातचीत की। इससे पहले शेख अब्दुल्ला खलिफा ने माध्यमों से बातचीत करते समय अमरीका और पश्‍चिमी देशों ने वर्ष २०१५ में ईरान के साथ किए परमाणु समझौते की आलोचना की।

छह वर्ष पहले हुए इस समझौते ने खाड़ी क्षेत्र में संकट और अराजकता का ही अधिक निर्माण किया, यह आरोप बहरीन के राजनीतिक अधिकारी ने लगाया। ‘ईरान ने हमेशा से इस क्षेत्र के देशों के अंदरुनि कारोबार में दखलअंदाज़ी की है। बहरीन में ईरान का हस्तक्षेप नई बात नहीं है’, ऐसा शेख अब्दुल्ला खलिफा ने कहा। ‘इस परमाणु समझौते की वजह से खाड़ी क्षेत्र के सैंकड़ों बेगुनाह नागरिक, सुरक्षा रक्षकों की मौत हुई और कई घायल हुए’, यह अफसोस भी शेख अब्दुल्ला खलिफा ने व्यक्त किया।

‘खाड़ी क्षेत्र के हर संघर्ष के पीछे ईरान और ईरान से जुड़ी संगठनों का हाथ है। ईरान को स्थिर, सुरक्षित, समृद्ध और ज़िम्मेदार बनता हुआ देखना बहरीन को अच्छा लगेगा। लेकिन, ऐसा होता हुआ बिल्कुल दिखाई नहीं देता। वर्ष २०१५ के परमाणु समझौते में सिर्फ परमाणु हथियारों का निर्माण रोकने को अहमियत दी गई। लेकिन, इस क्षेत्र को सता रही अन्य समस्याओं को नजरअंदाज किया गया। इसमें ईरान के मिसाईल निर्माण का कार्यक्रम और इससे खाड़ी देशों को खतरे का भी समावेश है’, ऐसा आरोप भी बहरीन के राजनीतिक अधिकारी ने इस दौरान लगाया।

‘ईरान चरमपंथ और आतंकवाद का समर्थक है। साथ ही अवैध हथियार, विस्फोटक और नशीले पदार्थों की तस्करी से भी जुड़ा है’, ऐसी फटकार शेख अब्दुल्ला खलिफा ने लगाई। इन आरोपों की वजह से शेख अब्दुल्ला खलिफा की इस्रायल यात्रा बहरीन-ईरान संबंधों के लिए तूफानी साबित होने के आसार दिखाई दे रहे हैं।

बहरीन के राजनीतिक अधिकारी ने इस्रायल के विदेशमंत्री लैपिड से मुलाकात की। बीते वर्ष अमरीका की मध्यस्थता से हुए अब्राहम समझौते के बाद बहरीन के अधिकारी ने इस्रायल का दौरा करने का यह तीसरा अवसर है। १५ सितंबर के दिन इस समझौते का एक वर्ष पूरा हो रहा है। इस अवसर पर बहरीन ने बड़े समारोह का आयोजन किया है।

इसी बीच, अमरीका का बायडेन प्रशासन ईरान के साथ नए से परमाणु समझौता करने की कोशिश कर रहा है और ऐसे में बहरीन ने इस पर दिया हुआ इशारा अहमियत रखता है। इस्रायल भी अमरीका के साथ पश्‍चिमी देशों को ईरान के परमाणु समझौते के मुद्दे पर इसी तरह का इशारा दे रहा है।

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