२४ देशों में आण्विक सामग्री असुरक्षित

‘न्युक्लिअर थ्रेट इनिशिएटिव्ह’ का अहवाल

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परमाणु-अस्त्रधारी तथा परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल करनेवाले तक़रीबन २४ देशों में रहनेवाली आण्विक सामग्री सुरक्षित न होने की चेतावनी ‘न्युक्लिअर थ्रेट इनिशिएटिव्ह’ (एनटीआय) इस संस्था ने दी है। सायबर हमलों तथा अन्य मार्गों से इन देशों में से बहुत ही संवेदनशील आण्विक सामग्री की चोरी हो सकती है, यह बताते हुए, उसके भयंकर परिणामों की जानकारी देनेवाला अहवाल ‘एनटीआय’ ने प्रस्तुत किया है। आतंकवादी संगठनों का सामर्थ्य बढ़ रहा है, ऐसे में आण्विक सामग्री की सुरक्षा यह सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है, यह बताते हुए ‘एनटीआय’ ने इस समस्या की ओर सारी दुनिया का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया है।

दुनियाभर के परमाणु-अस्त्रधारी देशों में, साथ ही, परमाणुऊर्जा का इस्तेमाल करनेवाले देशों में, परमाणुअस्त्र में इस्तेमाल की जा सकनेवाली तक़रीबन दो हज़ार मेट्रिक टन इतनी आण्विक सामग्री है। यह आण्विक सामग्री चुरायी जा सकती है। सायबर हमलों का तथा अन्य मार्गों का इस्तेमाल कर इस आण्विक सामग्री को चुराया जा सकता है, यह कहकर इस गंभीर समस्या की ओर ‘एनटीआय’ ने ध्यान आकर्षित किया है। ‘२०१६ एनटीआय न्युक्लिअर सिक्युरिटी इंडेक़्स : थेफ़्ट अँड साबोटाज’ यह शीर्षक रहनेवाले अहवाल में यह धक्कादायक मुद्दा ‘एनटीआय’ ने प्रस्तुत किया है।

सन २०१४ में ‘एनटीआय’ ने लगभग सात देश आण्विक सामग्री की सुरक्षा के लिए आवश्यक रहनेवाले एहतियात बरत रहे हैं, ऐसा कहा था। लेकिन दो साल बाद, केवल उझबेकिस्तान यह एकमात्र देश इस बारे में एहतियात बरत रहा है, यह निष्कर्ष ‘एनटीआय’  ने अपने ताज़ा अहवाल में प्रस्तुत किया है। ‘आयएस’, ‘अल क़ायदा’, ‘बोको हराम’ इन आतंकवादी संगठनों का सामर्थ्य बढ़ रहा है। ये आतंकवादी संगठन आण्विक ध्वंसन कराने की कोशिशों में लगे होने की जानकारी हाथ लगी थी।  ऐसे हालातों में, आण्विक सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाययोजनाएँ बनाना अनिवार्य बन गया है, ऐसा ‘एनटीआय’ के अध्यक्ष ‘सॅम नन’ ने कहा है।

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तक़रीबन २० देश आण्विक सुरक्षा के मामले में सभी कसौटियों पर असफल साबित हो चुके हैं, यह बात ‘एनटीआय’ के अहवाल में दर्ज़ की गयी है। यह अत्यधिक गंभीर बाब होकर, परमाणु-अस्त्रधारी देशों को चाहिए कि वे पहल करके इस संदर्भ में सख़्त नियमावलि तैयार करें, ऐसा भी इस अहवाल में कहा गया है। ‘एनटीआय’ के अहवाल की बहुत बड़ी गूँजें सुनायी देने की संभावना सामने आ रही है। इससे पहले, अमरीका ने आण्विक सामग्री की सुरक्षा के संदर्भ में कुछ चौंकानेवाले अहवाल प्रस्तुत किये थे। पाकिस्तान जैसे देश की आण्विक सामग्री ‘आयएस’ या फिर ‘अल क़ायदा’ इन आतंकवादी संगठनों के हाथ लग सकती है, ऐसा दावा कुछ संवाददाताओं ने किया था। अमरीका ने भी इस संदर्भ में समय समय पर चिंता ज़ाहिर की है। लेकिन पाक़िस्तान ने ‘हमारे पास की आण्विक सामग्री पूरी तरह सुरक्षित है’ यह कहकर – ‘उसके बारे में किसी को भी चिंता करने का कारण नहीं है’ ऐसा कहा है।

लेकिन ‘एनटीआय’ ने प्रस्तुत किये अहवाल के बाद, तक़रीबन २४ देशों की आण्विक सामग्री असुरक्षित स्थिति में रहने की बात सामने आयी होकर, इससे आण्विक ध्वंसन की संभावना बढ़ चुकी हुई दिखायी दे रही है।

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