९/११ का हमला यह अमरीका की ही साज़िश – सौदी अरेबिया

सौदी अरेबिया के क़ानून-विशेषज्ञ का आरोप

saudi-US_AFP-(press-tv)

‘वॉर ऑन टेरर’ छेड़ा जा सकें, इसलिए अमरीका ने ही ९/११ के आतंकवादी हमले का साज़िश रची और हमला करवाया, ऐसा सनसनीख़ेज़ आरोप सौदी अरेबिया के क़ानून-विशेषज्ञ कातिब अल-शम्मारी ने किया है । ‘अल हयात’ इस अरबी दैनिक में लिखे एक लेख में उन्होंने यह आरोप किया होकर, ९/११ के मुद्दे को लेकर सौदी पर किये जानेवाले आरोप, यह अमरीका की ही सुनियोजित नीति का भाग होने का दावा भी उन्होंने किया है ।

अल शम्मारी द्वारा किये गये आरोप, यह अमरीका एवं सौदी के बीच ‘९/११’ विधेयक को लेकर छिड़ी जंग का भाग है, ऐसा बताया जा रहा है । पिछले हफ़्ते ही अमरिकी सिनेट ने, ९/११ के आतंकवादी हमले में रहनेवाले सौदी के सहभाग की तहकिक़ात को मान्यता देनेवाले विधेयक को स्वीकृत किया था ।

९/११ का आतंकवादी हमला और फ़िलहाल अमरीका द्वारा सौदी पर किये जानेवाले आरोप ये अमरीका की विशिष्ट नीति का ही भाग होने का दावा अल शम्मारी ने अपने लेख में किया है । इस नीति को उन्होंने ‘व्हिक्टरी बाय मीन्स ऑफ़ अर्काइव्हज्’ ऐसा नाम दिया है । सौदी पर इसका प्रयोग करने से पहले अमरीका ने इराक़ के पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसेन के विरोध में भी इसी प्रकार की साज़िशें रची थीं, ऐसा शम्मारी ने कहा है । ९/११ के लिए अमरीका ने पहले अल क़ायदा, फिर तालिबान, उसके बाद सद्दाम हुसेन और अब सौदी अरेबिया को दोषी क़रार देने की शुरुआत की है । लेकिन प्रमाण के तौर पर विभिन्न विशेषज्ञ एवं विश्लेषकों ने किये हुए दावों को प्रस्तुत करते हुए, ९/११ का आतंकवादी हमला अमरीका ने ही कराया होने का आरोप शम्मारी ने अपने लेख में किया है ।

‘११ सितम्बर यह अमरीका के लिए हुक़ुम का इक्का है । अमरिकी नीतियों से वाक़िफ़ रहनेवाले विशेषज्ञ तथा ट्विन टॉवर्स पर के हमलों के व्हिडिओज् एवं तस्वीरों का अध्ययन करनेवालों का इस मुद्दे पर एकमत है कि अमरीका ने ही साज़िश कर यह हमला करवाया । दोनों ईमारतों को एक के बाद एक कर गिरानेवाले विस्फोट यह उसका एक सबूत ही है । ये विस्फोट विशेषज्ञ तंत्रज्ञों ने ही कराये और विमानों का आ धमकना यह केवल उस घटना को दिया गया ग्रीन सिग्नल ही था । ट्विन टॉवर्स के गिरने का कारण विमान नहीं थे । लेकिन अमरीका अब भी उसके लिए अन्यों को दोषी क़रार देती है’ ऐसा दावा सौदी के इस क़ानून-विशेषज्ञ ने अपने लेख में किया है ।

‘९/११ के हमले के माध्यम से अमरीका ने ‘आतंकवाद’ नाम के एक आभासी शत्रु का निर्माण किया । उसके बाद अमरीका ने अपनी सारी ग़लतियों के लिए आतंकवाद को ज़िम्मेदार क़रार दिया और दुनियाभर में ख़ुफ़िया युद्ध और लष्करी मुहिमें शुरू करने के लिए आतंकवाद के ख़तरे के झूठे भूत का निर्माण किया । अमरीका नये नये संघर्षों का निर्माण कर रही है और शत्रु के अस्तित्व के बिना अमरीका ज़िन्दा नहीं रह सकती’ ऐसा सनसनीखेज़ आरोप भी शम्मारी ने अपने इस लेख में किया है । इस्लामधर्मियों को ‘आतंकवादी’ क़रार देने के लिए भी अमरीका ही ज़िम्मेदार है, ऐसा भी उन्होंने इस लेख में कहा है।

अमरीका पर सनसनीख़ेज़ आरोप करते समय ही, इन सौदी क़ानून-विशेषज्ञ ने सौदी अरेबिया का ज़ोरदार समर्थन किया होकर, अपने देश का ९/११ के हमलों से किसी भी प्रकार का ताल्लुक़ नहीं है, ऐसा यक़ीन दिलाया है।

अमरीका पर हुए ९/११ के आतंकवादी हमले में शामिल रहनेवाले १९ लोगों में से १५ आतंकी सौदी अरेबिया के नागरिक होने की बात तहकिक़ात में से सामने आयी थी। ९/११ की साज़िश में सौदी अरेबिया का सहभाग होने की जानकारी भी अमरीका के संसदीय आयोग ने तैयार किए रिपोर्ट में है। लेकिन सौदी का हाथ रहने के सबूत दर्शानेवाले ये दस्तावेज़ अमरिकी प्रशासन ने अभी भी प्रकाशित नहीं किये हैं। दस्तावेज़ प्रकाशित किये गये, तो सौदी अपने पास रहनेवाले अमरिकी ऋणात्मक प्रतिभूतियाँ (डेब्ट बाँड्स) एवं अन्य मालमत्ता बेच देगा, ऐसी धमकी सौदी अरेबिया ने दी है। यह बात दोनों देशों के बीच का तनाव और भी बढ़ानेवाली साबित हो रही है।

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