जागतिक निर्वासितों एवं स्थलांतरितों की संख्या छः करोड़ से भी अधिक

संयुक्त राष्ट्रसंघ का अहवाल

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सिरिया, येमेन तथा अन्य देशों में जारी रहनेवाले संघर्षों के कारण निर्वासित एवं स्थलांतरितों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और इस वर्ष यह आँकड़ा पूरे छः करोड़ से भी ऊपर पहुँच चुका है, यह जानकारी संयुक्त राष्ट्रसंघ ने दी है। उसी समय, जर्मनी, रशिया और अमरीका इन देशों में आश्रय पाने के लिए तक़रीबन १० लाख से भी अधिक नागरिकों ने आवेदनपत्र भरे हैं, यह भी संयुक्त राष्ट्रसंघ ने स्पष्ट किया । युरोप में फिलहाल निर्वासितों की समस्या गंभीर रूप धारण कर रही है और इस पार्श्वभूमि पर संयुक्त राष्ट्रसंघ का यह अहवाल चिन्ता बढ़ानेवाला साबित हुआ है।

सन २०१५ में पहली बार ही दुनियाभर के निर्वासितों की संख्या छः करोड़ के ऊपर जाने की संभावना है । इसका मतलब यह है कि दुनिया के हर १२२ नागरिकों में से एक नागरिक पर ज़बरदस्ती से घर छोड़ने की नौबत आयी है। अब इसके आगे आंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा निर्वासितों के प्रति अधिक अपनापन और वचनबद्धता दर्शाने की आवश्यकता है, ऐसा इस अहवाल में कहा गया है ।

निर्वासितों की संख्या में सर्वाधिक हिस्सा सिरिया तथा येमेन में चल रहे संघर्ष के कारण निर्वासित बने लोगों का है, ऐसा अहवाल में नमूद किया गया है । येमेन में फ़िलहाल जारी संघर्ष में महज़ साल भर में ही ९ लाख से भी अधिक नागरिक विस्थापित हुए होने की बात सामने आयी है । वहीं, गत चार वर्षों में सिरिया के पूरे १ करोड़ से भी अधिक नागरिकों पर विस्थापित होने की नौबत आयी है, जिनमें ४२ लाख नागरिक निर्वासित हुए हैं, यह स्पष्ट हो चुका है ।

पूर्वी युक्रेन मे चल रहा संघर्ष भी निर्वासितों की संख्या में बढ़ोतरी होने का अहम कारण है और उसके बाद अफ़गानिस्तान, सोमालिया एवं दक्षिणी सुदान के हालात भी निर्वासितों की संख्या बढ़ने का कारण बन चुके हैं, यह जानकारी अहवाल में दी गयी है । फिलहाल अफ्रिका के कई देशों में चल रहे संघर्ष निर्वासितों की संख्या में बड़े पैमाने पर वृद्धि होने का कारण बनेंगे, यह चिंता भी व्यक्त की गयी है ।

युरोप में फिलहाल निर्वासितों के ताँते की समस्या गंभीर रूप धारण कर रही है और आगामी वर्ष में ४२ लाख से भी अधिक निर्वासित युरोप में दाख़िल होनो की संभावना है ।

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