उत्तर कोरिया ने किए ८ बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण

८ बैलेस्टिक मिसाइलसेऊल – उत्तर कोरिया ने रविवार को ८ बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण करके सनसनी फैलायी। यह मिसाइल छोटी दूरी के होने की बात स्पष्ट हुई है। अमरीका और दक्षिण कोरिया का व्यापक नौसैनिक युद्धाभ्यास शनिवार को खत्म हुआ। इसके बाद उत्तर कोरिया ने यह मिसाइल परीक्षण करके अमरीका और दक्षिण कोरिया को चेतावनी दी है, ऐसा अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का कहना है। रविवार को किए गए परीक्षण के बाद जापान ने भी अमरीका के साथ नए युद्धाभ्यास का आयोजन करके उत्तर कोरिया की आक्रामकता को जवाब दिया।

स्थानीय समयनुसार सुबह तकरीबन ९ से १० के दौरान उत्तर कोरिया ने यह मिसाइल परीक्षण किए। राजधानी प्योन्गैन्ग के करीबी सुनान, उत्तरी ओर के केचॉन, टाँगचैंग-रि और हैमहंग से मिसाइलें दागी गयीं। ‘सी ऑफ जापान’ की ओर दागी गयी इन मिसाइलों की मारक क्षमता ११० से ६७० किलोमीटर्स थी। ध्वनि की तीन से छह गुना गति से इन मिसाइलों ने २५ से ९० किलोमीटर ऊंची उड़ान भरने की जानकारी दक्षिण कोरिया की सेना ने साझा की।

८ बैलेस्टिक मिसाइलएक ही दिन में आठ मिसाइल परीक्षण करने का उत्तर कोरिया का यह पहला ही अवसर है। बड़ी संख्या में मिसाइल दागकर उत्तर कोरिया ने फिर से अपने मिसाइल कार्यक्रम की ताकत दिखायी है, ऐसा कहा जा रहा है। इस साल उत्तर कोरिया का यह २२वां मिसाइल परीक्षण है। पिछले महीने से किया गया यह तीसरा परीक्षण है।

उत्तर कोरिया में कोरोना की महामारी कोहराम मचा रही है और इसी दौरान यह परीक्षण करके उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जाँग-उन ने इशारा दिया है कि, हम किसी भी स्थिति में मिसाइल कार्यक्रम से पीछे नहीं हटेंगे। रविवार को किए गए यह परीक्षण उत्तर कोरिया की परमाणु परीक्षण की तैयारी हो सकती है, यह दावा कुछ विश्लेषकों ने किया है। इसी दौरान कुछ विशेषज्ञों ने कहा है कि, अमरीका और दक्षिण कोरिया के युद्धाभ्यास पर यह उत्तर कोरिया का जवाब हो सकता है।

८ बैलेस्टिक मिसाइलउत्तर कोरिया के इन नए मिसाइल परीक्षणों पर अमरीका और जापान ने सेना के माध्यम से जवाब दिया। इन परीक्षणों के कुछ घंटों बाद दोनों देशों ने ‘जॉईंट बैलेस्टिक मिसाइल एक्सरसाईज’ का आयोजन किया। यह युद्धाभ्यास इन दोनों देशों ने उत्तर कोरिया की धमकियों के विरोध में विकसित किए ‘रैपिड रिस्पान्स कैपेबलिटी’ का हिस्सा होने का दावा जापान के रक्षा विभाग ने किया। जापान में अमरीका और जापान के राष्ट्रप्रमुखों की बीते महीने बैठक हुई थी। इस दौरान उत्तर कोरिया की बढ़ती आक्रामकता पर उसी भाषा में जवाब देने पर सहमति हुई थी।

अप्रैल में की गयी सेना की परेड में उत्तर कोरिया ने लंबी दूरी की मिसाइल का प्रदर्शन करके अमरीका को चेतावनी दी थी। इसी परेड में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जाँग-उन ने परमाणु परीक्षण का भी ऐलान किया था। इसके बाद मई के अन्त में ‘आयसीबीएम’ यानी अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण करके उत्तर कोरिया ने हम बड़े परीक्षण की तैयारी में जुटे होने के संकेत दिए थे। इस परीक्षण के बाद अमरीका और सहयोगी देशों ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी। लेकिन, सुरक्षा परिषद में इससे संबंधित पेश किया गया प्रस्ताव चीन और रशिया ने ठुकराया था।

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