अमरिकी डॉलर को चीन के युआन से खतरा नहीं – अमरीका के पूर्व वित्त मंत्री का दावा

वॉशिंग्टन/बीजिंग – ‘चीन के शेअर बाज़ार और पूंजी बाज़ार भरोसेमंद या स्थिर नहीं हैं। इस वजह से लोग बड़ा निवेश सुरक्षित और बनाए रखने के लिए क्या इस देश का विचार करेंगे, इसपर आशंका है। इस बात पर गौर करे तो चीन की मुद्रा युआन अमरीका के डॉलर के लिए खतरा नहीं बन सकती’, ऐसा दावा अमरीका के पूर्व वित्त मंत्री लैरी समर्स ने किया। पिछले कुछ महीनों में अमरिकी डॉलर का ‘रिज़र्व करेन्सी’ के तौर पर बना स्थान खतरे में होने की चेतावनियां आर्थिक विशेषज्ञ एवं विश्लेषक दे रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर समर्स ने किया दावा ध्यान आकर्षित कर रहा हैं। 

अमरिकी डॉलरपिछले कुछ सालों में अमरीका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही हैं। रशिया, चीन, ईरान, वेनेजुएला, उत्तर कोरिया इन देशों पर अमरीका ने प्रतिबंध लगाए हैं और डॉलर के कारोबार पर रोक लगाई है। इस वजह से इन देशों ने डॉलर का विकल्प तलाशना शुरू किया है और द्विपक्षीय व्यापार में उन्होंने अपनी राष्ट्रीय मुद्रा इस्तेमाल करने पर जोर दिया है। साथ ही अमरीका के सेंट्रल बैंक फेडरल रिज़र्व द्वारा डॉलर संबंधित किए जा रहे निर्णयों की वजह से विश्व के कई देश नाराज़ हुए हैं और उन्होंने डॉलर का इस्तेमाल कम करके इसके विकल्प बन रहे मुद्राओं का इस्तेमाल करने के लिए प्राथमिकता देना शुरू किया है। 

दूसरी ओर चीन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमरीका के प्रभाव को झटका देने की कोशिशें शुरू की हैं और इसमें डॉलर के लिए अन्य मुद्रा का विकल्प लाना अहम चरण समझा जाता है। पिछले दशक से चीन ने अमरिकी डॉलर के विकल्प के तौर पर अपनी मुद्रा युआन को आक्रामकता से आगे बढ़ना शुरू किया है। विश्व के कई प्रमुख देशों के साथ युआन का इस्तेमाल करने से संबंधित समझौते किए जा रहे हैं। इनमें रशिया, ब्राज़ील के साथ यूरोप, अफ्रीका, लैटिन अमरीका एवं एशियाई देशों का भी समावेश हैं। कुछ दिन पहले ही ईंधन उत्पादक देश यूएई ने युआन के ज़रिये ईंधन कारोबार करने का वृत्त सामने आया था। 

इस वजह से युआन का अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं अन्य कारोबार में टका धीरे धीरे बढ़ रहा है। विश्व के शीर्ष आर्थिक विशेषज्ञ नुरिअल रुबिनी के साथ कई विशेषज्ञों ने डॉलर को युआन चुनौती दे सकता हैं, ऐसे दावे किए थे। लेकिन, समर्स ने यह संभावना ठुकराई है।

चीनी हुकूमत द्वारा पूंजी बाज़ार एवं अन्य यंत्रणाओं पर स्थपीत नियंत्रण की ओर समर्स ने ध्यान आकर्षित किया। साथ ही फिलहाल चीन से निवेश निकालने के लिए बड़ी गतिविधियां शुरू होने का अहसास भी उन्होंने कराया।

अमरिकी डॉलर को युआन से खतरा नहीं हैं, फिर भी अंदरुनि स्तर पर किए जा रहे निर्णयों के परिणाम हमें भुगतने पड़ सकते हैं, ऐसा इशारा समर्स ने इस दौरान दिया। डॉलर ने अपना आरक्षित मुद्रा के तौर प र बनाया स्थान खोया तो इसके पीछे अमरीका का विश्व में कम हुआ प्रभाव ही एक मात्रा कारण होगा, यह दावा समर्स ने किया।

ऐसी स्थिति में डॉलर का स्थान यह अमरीका के सामने की ज्यादा बड़ी समस्या नहीं होगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम हो रही अहमियत ही अमरीका की वास्तविक समस्या होने की चेतावनी समर्स दे रहे हैं।

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