पाकिस्तान ने अमेरिका के लिए चयन किए हुए राजदूत मसूद खान की नियुक्ति अमेरिका ने रोकी

pak-us-envoy-2वॉशिंग्टन – ’पाकिस्तान सरकार ने अमेरिका के लिए राजदूत के रूप में चुने हुए मसूद खान आतंकियों की सहानुभूति रखनेवाले हैं। उनकी चितावनी की वजह से बु-हान वाणी जैसे युवा आतंकवाद की तरफ झुके थे। इसलिए बायडेन प्रशासन ने उनकी नियुक्ति रोककर योग्य निर्णय लिया। मगर यह बात इतनी ही नहीं है। मसूद का राजनैतिक दर्जा पूरी तरह से रद्द किया जाए और उनकी नियुक्ति के लिए पाकिस्तान की सभी कोशिशों को नाकाम किए जाएं, ऐसी मांग अमेरिका के कॉंग्रेसमन स्कॉट पेरी ने की है।

पाकिस्तान व्याप्त कश्मीर के भूतपूर्व राष्ट्रपति एवं पाकिस्तान के राजनैतिक अधिकारी मसूद खान की अमेरिका में राजदूत के रूप में नियुक्ति का निर्णय पाकिस्तान ने लिया था। इसके द्वारा पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर का मसला अमेरिका के पास उपस्थित करने की व्यवस्था की थी। पर मसूद खान के आतंकियों के साथ संबंध हैं और वे आतंकवादियों के सच्चे सहानुभूति रखनेवाले हैं, ऐसे जोरदार टीका स्कॉट पेरी ने की। इसी लिए उनकी नियुक्ति रोकने के लिए बायडेन प्रशासन ने लिया हुआ निर्णय स्वागतार्ह है, ऐसा पेरी ने कहा है।

pak-us-envoy-1हिजबुल मुजाहिद्दीन नामक आतंकवादी संघटना के कमांडर बु-हान वाणी और उसके जैसे युवाओं को मसूद खान ने चेतावनी दी और भारतविरोधि आतंक की ओर मोडा, ऐसा गंभीर आरोप पेरी ने लगाया। सन २०१७ में अमेरिका ने हिजबुल मुकाहिद्दीन के नेताओं पर निर्बंध लगाए थे।  मसूद खान ने इसका तीव्र विरोध किया था, इसकी भी याद पेरी ने दिलाई। तथा सन १९७० के दशक की शुरुआत में बडा खूनखराबा करनेवाले ’जमात-ए-इस्लामी’ के बडे समर्थक के रूप में भी मसूद खान की पहचान है, इस ओर भी पेरी ने ध्यान आकर्षित किया। ऐसे आतंकवादी को अमेरिका के हितों के खिलाफ कार्य करने का मौका नहीं देना चाहिए, ऐसा पेरी ने आगाह किया है।

मसूद खान की नियुक्ति बहुत बडी भूल होगी और यह बात भारत की सुरक्षा के लिए घातक होगी, ऐसा इशारा पेरी ने दिया। तो, बायडेन प्रशासन ने मसूद खान की नियुक्ति रोककर पाकिस्तान को झटका देने की बार दिख रही है। अमेरिका के राष्ट्राअध्यक्ष का पद संभालने के बाद बायडेन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ अब तक चर्चा नहीं की है। यह खेद प्रधानमंत्री इम्रान खान ने कई बार व्यक्त किया है। इसलिए इम्रान खान ने चीन तथा रशिया के साथ संबंध बढाने के लिए कदम बढाए हैं। इसके लिए बीजिंग में होने वाले विंटर ओलंपिक्स के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रशियन राष्ट्राध्यक्ष के साथ द्विपक्षीय चर्चा करने हेतु बेचैन थे। मगर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की द्विपक्षीय चर्चा निश्चित नहीं की गई है, ऐसा रशिया ने ऐलान करके पाकिस्तान को निराश कर दिया। अब मसूद खान की नियुक्ति रोककर पाकिस्तान को अमेरिका ने झटका दिया है।

तो, भारत ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके मसूद खान की नियुक्ति रोकने के आरोप पाकिस्तान में लगाए जा रहे है। पाकिस्तान के माध्यम तथा अमेरिका में रहनेवाले पाकिस्तानी आरोप लगा रहे है कि, इसमें भारत का हाथ है।

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